केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई 31वीं उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मजबूती से रखे हरियाणा के मुद्दे

रावी, सतलुज और ब्यास का बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में जाने से होने वाले राष्ट्रीय अपव्यय के सदुपयोग हेतु एस.वाई.एल. जरूरी
नंगल हाइडल चैनल के लिए भी वैकल्पिक चैनल के रूप में काम करेगी एसवाईएल- मुख्यमंत्री
छात्र हित में पंचकूला, अंबाला व यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का विकल्प दिया जाना चाहिए- मनोहर लाल
मोहाली और रोपड़ जिलों के कॉलेजों को भी पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए

चंडीगढ़, 26 सितंबर – केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में आज पंजाब के अमृतसर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक हुई। बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पंजाब क्षेत्र में सतलुज-यमुना लिंक नहर (एस.वाई.एल.) नहर का निर्माण कार्य पूर्ण करने, पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कॉलेजों को संबद्ध करने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को मजबूती से रखा।       

बैठक में पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना, पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान, हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित उत्तर भारतीय राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।       

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यों की साझा प्रगति के लिए विकास परियोजनाओं के सफल और त्वरित निष्पादन के लिए राज्यों के बीच सहयोग का माहौल स्थापित करना अति महत्वपूर्ण है। और आज की यह बैठक राज्यों के बीच विभिन्न मुद्दों को समयबद्ध ढंग से सुलझाने में सहायक सिद्ध होगी। अपने संसाधनों को एकत्रित करके, ज्ञान साझा करे और सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाकर हम हमारी परियोजनाओं को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निष्पादित करना सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे हमारे क्षेत्र और पूरे देश का समग्र विकास हो सके।

पंजाब क्षेत्र में एस.वाई.एल. नहर का निर्माण कार्य होना चाहिए पूरा       

श्री मनोहर लाल ने कहा कि एस.वाई.एल. का निर्माण न करने के बारे पंजाब का कहना है कि पानी की उपलब्धता कम हो गई है। लेकिन एस.वाई.एल. का निर्माण और पानी की उपलब्धता दो अलग-अलग मुद्दे हैं और एक-दसूरे से जुड़े हुए नहीं हैं। इसलिए इस मामले में भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रावी, सतलुज और ब्यास के पानी का अधिशेष, बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में चला जाता है। (पिछले 10 वर्षों में सतलुज के पानी का औसतन 1.68 एम.ए.एफ. और रावी-ब्यास के पानी का 0.58 एम.ए.एफ. पाकिस्तान की तरफ गया है)। इस राष्ट्रीय अपव्यय के सदुपयोग लिए एस.वाई.एल. जरूरी है।       

उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध/नंगल बांध से हरियाणा के लिए केवल एक कैरियर चैनल यानी 61 कि.मी. लंबा नंगल हाइडल चैनल (एन.एच.सी.) है। इसका निर्माण 1954 के दौरान किया गया था, जो वर्तमान में 68 वर्ष पुराना हो गया है। यदि एन.एच.सी. के पुराना होने की स्थिति में कोई दुर्घटना होती है, तो पूरी प्रणाली रुक जाएगी और हरियाणा को पानी की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। ऐसे समय में एस.वाई.एल. वैकल्पिक चैनल का काम भी करेगी। इसलिए एस.वाई.एल. का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए। पानी की उपलब्धता न होने की बात करके इसे रोकना उचित नहीं है।

छात्र हित में पंचकूला, अंबाला व यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का विकल्प दिया जाना चाहिए       

मुख्यमंत्री ने पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के कॉलेजों को सम्बद्धता देने संबंधी विषय पर बात करते हुए कहा कि छात्र हित में हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का विकल्प दिया जाना चाहिए। पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हिस्सा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत प्रदान किया गया था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 नवम्बर, 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था। इससे पहले हरियाणा के तत्कालीन अम्बाला जिले के कॉलेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे। इसलिए अब हमारा यह मत है कि हरियाणा के तीन जिलों नामतः पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। साथ ही, पंजाब के मोहाली और रोपड़ जिलों के कॉलेजों को भी पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। इसलिए बच्चों को शिक्षा का अवसर देना एक सकारात्मक सोच है।

उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति शिक्षा का प्रसार करने की रही है। एक समय दुनिया भर से लोग तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने आते थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शुरू की है। इसमें सब विश्वविद्यालय सर्वत्र शिक्षा प्रदान करने के लिए मुक्त हैं। फिर पंजाब विश्वविद्यालय को भौगोलिक सीमाओं में बांधकर क्यों रखा जाए। विश्वविद्यालय से जितने अधिक कॉलेज सम्बद्ध होंगे, इसकी उतनी ही अधिक ख्याति होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय हरियाणा में अपना परिसर बना रहा है। इसके अलावा, राज्य में आई.आई.टी., दिल्ली का कैंपस भी बन रहा है। शिक्षा के विस्तार और कॉलेजों की संबद्धता से हरियाणा के साथ-साथ अन्य राज्यों के छात्रों को भी नए अवसर मिलेंगे।

जल बंटवारा विवादों के न्यायसंगत समाधान निकालने के लिए हरियाणा प्रतिबद्ध       

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा हमेशा से न्यायसंगत जल बंटवारे का समर्थक रहा है, और हम शांतिपूर्ण समाधानों में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते समय हमें धूलकोट बी.बी.एम.बी. सब-स्टेशन की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा, जो वर्तमान में मरम्मत के कार्यों के कार्यान्वयन में देरी से प्रभावित है। इस बिजलीघर का कुशल कामकाज न केवल बिजली उत्पादन के लिए बल्कि जल संसाधनों के उचित प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, भाखड़ा मेन लाइन के तटों को ऊंचा करने के संबंध में कार्य के कार्यान्वयन पर चर्चा करना आवश्यक है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव जल प्रवाह और संसाधन आवंटन पर पड़ता है।       

उन्होंने कहा कि लघु-पन बिजली परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों पर विचार करते समय हम सभी राज्यों  को हथिनीकुंड पर एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में बांध के प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। इस तरह की परियोजना का हमारे क्षेत्र के जल प्रबंधन और बिजली उत्पादन क्षमताओं पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इस पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता है।

परिवार पहचान पत्र बनाकर जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करने की दिशा में हरियाणा ने की उल्लेखनीय पहल

 बैठक में 2001 और 2011 की जनगणना के मध्य डेटा देरी से जारी होने के मुद्दों पर बोलते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस दिशा में हरियाणा ने एक उल्लेखनीय पहल की है, जिसकी बदौलत जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करने और उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र नामक एक प्रगतिशील योजना शुरू की है। केवल आवधिक जनगणना डेटा पर निर्भर रहने के विपरीत, परिवार पहचान पत्र हमें वास्तविक समय में अद्यतन जनसांख्यिकीय डेटा प्रदान करता है। इस योजना के माध्यम से, हमने एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया है, जिसमें राज्य के प्रत्येक परिवार का डाटा है। इस डेटाबेस में व्यक्तियों और परिवारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है। यह हमारी सरकार के लिए योजना बनाने और नीति कार्यान्वयन के लिए एक मूल्यवान संसाधन है।       

उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र योजना इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी शासन डेटा संग्रह और उसके व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच के अंतर को पाट सकता है। इसने जरूरतमंद लोगों को लक्षित सहायता प्रदान करने और हमारे राज्य के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने की हमारी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने सहभागी राज्यों से आग्रह करते हुए कहा कि वे भी पीपीपी जैसे नवीन समाधानत तलाशें जिससे हम सभी नागरिकों के कल्याण और समृद्धि को सुनिश्चित करते हुए हमारे शासन को मजबूत कर सकते हैं।

पीएमजेएवाई व चिरायु हरियाणा योजना में कुल 85,79,273 आयुष्मान कार्ड किए गए जारी       

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। 21 नवंबर 2022 को हमने चिरायु योजना के माध्यम से अंत्योदय परिवारों तक आयुष्मान भारत का विस्तार के शुभारंभ के साथ नागरिकों के लिए व्यापक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह पहल समाज के सबसे कमजोर वर्गों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार 5 लाख रुपये तक का लाभ प्रदान करती है। 20 सितंबर 2023 तक इस योजना के तहत कुल 56,89,986 कार्ड बनाए गए हैं, जिसमें एबी-पीएमजेएवाई और चिरायु दोनों पहलों को मिलाकर कुल 85,79,273 आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं।       

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में की गई घोषणा को पूरा करते हुए हमने पीएमजेए-चिरायु योजना का लाभ 1.80 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक की सत्यापित वार्षिक आय वाले परिवारों को भी देना शुरू किया है। इस लाभ के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 1500 रुपये के मामूली अंशदान करना होता है। 14 अगस्त, 2023 को इसकी शुरुआत के बाद से, कुल 12,236 परिवारों ने सफलतापूर्वक अपना नाममात्र अंशदान जमा कर दिया है, जिससे उनके लिए योजना के स्वास्थ्य देखभाल लाभों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्यभर में 789 अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं। जिनमें 175 सार्वजनिक और 614 निजी अस्पताल शामिल हैं। इसके तहत 9 लाख 10 हजार 525 से अधिक दावे प्रस्तुत किए गए और कुल दावा राशि 1,016.38 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।

हरियाणा सरकार बाल कल्याण और त्वरित न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध       

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने हरियाणा की घटना को साझा करते हुए बताया कि जिला कैथल में हाल ही में बाल यौन अपराध (पोक्सो) का एक दिल दहला देने वाला मामला देखा, जिसने हमारी सामूहिक चेतना को झकझोर कर रख दिया। अक्टूबर 2022 को पीड़िता के पिता की शिकायत के बाद कलायत पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 6 के तहत एक मामला दर्ज किया गया था। जिला पुलिस, कैथल ने त्वरित और कुशल न्याय प्रदायगी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण देते हुए, केवल छह दिन बाद, 14 अक्टूबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया। बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के सही अर्थों में पीड़ित को न्याय दिलाने में हासिल की गई उपलब्धि वास्तव में उल्लेखनीय है। इस मामले को दुर्लभतम में से एक माना गया और अदालत ने सात साल की बच्ची के साथ इस क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी को मौत की सजा सुनाई। पोक्सो कोर्ट द्वारा दिया गया यह महत्वपूर्ण निर्णय, घटना की तारीख से केवल 11 महीने की रिकॉर्ड अवधि के अंदर आया, जो त्वरित न्याय के लिए हरियाणा की पुलिस और न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

खेलों का पावर हाउस हरियाणा       

श्री मनोहर लाल ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से छोटा-सा प्रान्त होने के बावजूद भी यहां खेल प्रतिभाओं की कभी कोई कमी नहीं रही। जरूरत केवल इन प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल-सुविधाएं और अवसर प्रदान करने की थी। हमने इस दिशा में खिलाड़ियों को अनेक सुविधाएं और प्रोत्साहन देने का काम किया। इससे राज्य में एक नई खेल संस्कृति का जन्म हुआ और आज हरियाणा खेलों का पावर हाऊस बन चुका है।       

बैठक में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर भी उपस्थित रहे।