प्रदेश में अपराध और अपराधियों का बोलबाला: कुमारी सैलजा

बढ़ते अपराध पर खामोश है सरकार, 05 दिन में दिल दहला देने वाली तीन बड़ी वारदात
 तीनों वारदातें अनसुलझी, जांच के नाम पर हवा में तीर चला रही है पुलिस
लोगों को सुरक्षित रखने में पुलिस नाकाम, मुख्यमंत्री भी नहीं दे रहे कोई ध्यान

चंडीगढ़, 26 सितंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांगे्रस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि आज प्रदेश में अपराध और अपराधियों का बोलबाला है, भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार और इसके मुखिया के पास बढ़ते अपराध पर बोलने के लिए दो शब्द भी नहीं हैं। पिछले पांच दिन के अंदर प्रदेश में दिल दहला देने वाली तीन बड़ी वारदात हुई, पुलिस इनमें से अभी तक एक भी वारदात को सुलझा नहीं पाई है।

जांच के नाम पर अभी तक हवा में तीर चलाए जा रहे हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के लोगों को सुरक्षित रखने की दिशा में न तो पुलिस ही कोई कोशिश कर रही है और न ही मुख्यमंत्री का इस ओर कोई ध्यान है। पानीपत में गैंगरेप व हत्या के आरोपी अभी तक पकड़ से बाहर हैं। सीएम सिटी करनाल में व्यापारी की दिनदहाड़े हुई हत्या को लेकर भी मुख्यमंत्री संवेदनहीन ही नजर आए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि करनाल में होने के बावजूद मुख्यमंत्री विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते रहे और मोटरसाइकिल चलाने का शौक पूरा करते दिखाई दिए। पर इतनी बड़ी वारदात के बावजूद उन्होंने पुलिस अफसरों की एक बैठक तक नहीं ली। इससे पता चलता है कि पूरी सरकार ही इवेंट मैनेजमेंट के सहारे चल रही है, न की जनता की सुरक्षा को लेकर किसी तरह चिंतित है।

उन्होंने कहा कि अंबाला में जिस तरह से बैंक में दीवार व स्ट्रांग रूम को तोड़ चोरों ने लॉकर खाली किए हैं, उससे साफ है कि प्रदेश में सभी तरह के अपराध चरम पर पहुंच चुके हैं। गैंगरेप, हत्या के बाद बैंक में घटित इतनी बड़ी चोरी से साबित हो गया है कि अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। गृह मंत्री का जिला होने के बावजूद बैंक में चोरी हरियाणा पुलिस की सक्रियता की पोल खोलने के लिए काफी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब प्रदेश के लोगों की जुबान पर बढ़ते क्राइम को लेकर चर्चा चल रही है, तो मुख्यमंत्री और उनके किसी भी सहयोगी का इस विषय पर न बोलना साफ ईशारा करता है कि कानून व्यवस्था इनके हाथ से निकल चुकी है। अपराध दर घटाने या फिर अपराधियों को पकड़ कर सलाखों के पीछे डालने की दिशा में इनकी कोई कोशिश भी नजर नहीं आ रही है।

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