किसी भी देश के विकास में उद्यमशीलता का महत्वपूर्ण योगदान : प्रो. संजीव शर्मा

इस कोर्स में भारत के 9 राज्यों के 24 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं तथा 30 सितम्बर तक चलने वाले इस कोर्स में उद्यमशीलता विकास विषय पर देश- विदेश के विभिन्न विश्विद्यालयों के प्रोफेसर तथा व्यापार जगत के विशेषज्ञों के विचारों से अनुग्रहित होंगें
केयू के प्रबंधन अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित 12 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का हुआ शुभारंभ।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 18 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि भारत की रैंकिंग -ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की श्रेणी में बेहतर हुई है। भारतीय उद्यमियों द्वारा तथा विदेशी उद्यमियों द्वारा भारत में व्यापार करना अब आसान हुआ है। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संस्थान द्वारा मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर के सहयोग से 12 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। यह कोर्स विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए आयोजित किया गया।

कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने रिफ्रेशर कोर्स के मुख्य विषय उद्यमशीलता विकास पर व्यक्तव्य देते हुए कहा कि किसी भी देश के विकास में उद्यमशीलता का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसी के माध्यम से देश में रोज़गार, कौशल विकास के साथ- साथ सांस्कृतिक परिवर्तन भी होता है!

इस कोर्स की सम्माननीय अतिथि फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की डीन प्रो. नीलम ढांडा ने अपने वक्तव्य में उद्यमशीलता विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राध्यापकों को अपने विद्यार्थियों को उद्यमशीलता के बारे में अपडेट करने, नई- नई तकनीकों व आधुनिक विषयों के बारे में चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने देश विदेश में हो रहे उद्यमशीलता विकास में अपनी भूमिका निभा रहे व्यक्तियों के बारे में चर्चा की।। एचआरडीसी की निदेशिका प्रो. प्रीती जैन ने भारत के विकास में उद्यमियों की भूमिका और उनके प्रयत्नों की चर्चा की।

प्रबंधन अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल मित्तल ने कहा की संसाधनों का सही उपयोग, जनकल्याण तथा विभिन्न आर्थिक- सामाजिक समस्याओं का समाधान उद्यमशीलता के माध्यम से ही संभव है। इस कोर्स के कोऑडिनेटर डॉ. राजन शर्मा ने उद्घाटन सत्र में इस 12 दिवसीय कोर्स के बारे में, इसके महत्व तथा इससे जुड़ी नियम व शर्तो के बारे में बताया। डॉ. राजन शर्मा ने उद्यमशीलता विकास को जी-20 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में इसके महत्व को बताया।
इस कोर्स के को- कोऑर्डिनेटर डॉ. जय किशन चन्देल ने उद्यमशीलता विकास तथा सतत विकास लक्ष्यों के समन्वय पर चर्चा की तथा उद्घाटन सत्र में उपस्थित सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इस सत्र का संचालन प्रो. दिशा कक्कड़ द्वारा किया गया।

इस कोर्स में भारत के 9 राज्यों के 24 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं तथा 30 सितम्बर तक चलने वाले इस कोर्स में उद्यमशीलता विकास विषय पर देश- विदेश के विभिन्न विश्विद्यालयों के प्रोफेसर तथा व्यापार जगत के विशेषज्ञों के विचारों से अनुग्रहित होंगें। इस कोर्स के प्रथम सत्र में कु. वि. के वाणिज्य विभाग के प्रो. तेजेन्दर शर्मा ने डिज़ाइन थिंकिंग पर अपना व्यक्तव्य दिया।
इस कोर्स के द्वितीय सत्र में देश के प्रख्यात उद्यमी अजय दवेसर (निर्देशक, लावेस्ता इन्टरप्राईसज प्राइवेट लिमिटेड) द्वारा आईडिया से प्रोडक्ट मार्किट फिट और ग्रोथ हैकिंग विषय पर अपना व्यक्तव्य दिया। कोर्स के तीसरे सत्र में गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के डॉ. आशीष अरोड़ा द्वारा कक्षाओं में डिज़ाइन सोच और इनोवेशन विषय पर अपना व्यक्तव्य रखा तथा उद्यमशीलता से इसके समन्वयन पर विचार रखे। उन्होंने ने बड़े ही खूबसूरत उदाहरण देकर फैकल्टी मेम्बर्स को पेचीदा विषयों को बड़ी आसान कर के समझाया।

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