ब्लिस प्रीमियर बैंक्वेट हाल गुरुग्राम में सम्पन्न हुआ परम श्रद्धेय आनंदमूर्ति गुरु माँ द्वारा निर्देशित “योग निद्रा’ विशेष अभ्यास सत्र

40+ शहरों में एक ही समय पर हुए ‘योग निद्रा’ विशेष अभ्यास सत्र।
योग निद्रा ऋषि मुनियों की पुरातन देन है : बोधराज सीकरी
बीमारियों के लिए राम बाण है योग निद्रा : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। दिनांक 17 सितम्बर, रविवार सुबह 11 बजे 40+ शहरों में ‘योग निद्रा’ विशेष अभ्यास सत्र सम्पन्न हुआ। परम पूज्या आनंदमूर्ति गुरुमाँ के मार्ग-निर्देशन में पूरे भारतवर्ष के 40+ शहरों में एक ही दिन, एक ही समय पर – 17 सितम्बर, रविवार सुबह 11 बजे हजारों लोगों ने एक साथ ‘योग निद्रा’ के विशेष अभ्यास सत्र में भाग लिया। ऋषि चैतन्य ट्रस्ट सेवादारों की अगुवाई में ब्लिस प्रीमियर बैंक्वेट हाल में ‘योग निद्रा’ का विशेष अभ्यास सत्र किया गया।

पूज्या गुरुमाँ की ऊर्जस्वी अध्यक्षता में ऋषि चैतन्य ट्रस्ट पिछले 25 वर्षों से देश एवं विदेश से आने वाले सभी साधकों के कल्याण हेतु अथक रूप से कार्यरत है। जनकल्याण के इसी लक्ष्य को साकार रूप देने के लिए भारत के अनेक शहरों में ‘ऋषि चैतन्य विज़न’ की स्थापना की गई, ताकि ध्यान का रसपान करने के इच्छुक साधक हर रविवार को सुबह इन केंद्रों में जाकर योग एवं ध्यान का अभ्यास कर सकें।

बता दें कि ‘ऋषि चैतन्य विज़न’ के सभी केंद्रों के द्वारा अपने-अपने शहर में 17 सितम्बर, रविवार सुबह 11 बजे योग निद्रा के अभ्यास सत्र का आयोजन किया गया। इसमें हर शहर के सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया और शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्तर पर विश्राम देने के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति में सहायता प्रदान करने वाली इस अनुपम विधि का अभ्यास किया। बहुत-से साधकों ने अभ्यास के दौरान हुए अनुभवों को भी साझा किया।

बोध राज सीकरी ने ट्रस्ट के ट्रस्टी ने मंच संचालन कुशलतापूर्वक किया और लोगों को योग निद्रा के गुण और लाभ बताए। उनके अनुसार कई बीमारियों के लिए राम बाण है योग निद्रा। बोधराज सीकरी के कथन के अनुसार योग निद्रा ऋषि मुनियों की पुरातन देन है। दुर्भाग्यवश ये लुप्त हो गई थी और परम श्रद्धेय गुरु माँ ने इसे पुनः जाग्रत अवस्था में लाकर के आमजन के लिए एक प्रसाद के रूप में दिया है। लगभग एक साथ साढ़े तीन सौ लोगों ने योग निद्रा शव आसन में की।

योग निद्रा के निरंतर अभ्यास से सृजनात्मकता, स्मरण शक्ति और एकाग्रता में संवृद्धि होती है। विद्यार्थियों के लिए तो योग निद्रा एक वरदान है। इससे ग्रहण शक्ति और स्मृति शक्ति इन सभी क्षमताओं में वृद्धि होती है। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्तर पर गहन विश्राम देकर योग निद्रा आध्यात्मिक उन्नति के द्वारा चेतना के उच्चतम स्तर के अनुभव देने में भी सहायक है। योग निद्रा आई.सी.एम.आर. (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, हैदराबाद) के वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित है। योग निद्रा से उच्च रक्तचाप और मानसिक रोगों को बिना दवाइयों के दूर करने में सहायता मिलती है। तनाव, अनिद्रा, विषाद के साथ-साथ मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों का भी प्रभावी उपचार है योग निद्रा।
 
विधि एक, लाभ अनेक! इस अनुपम विधि का लाभ आप भी अवश्य लें। पूज्या आनंदमूर्ति गुरुमाँ द्वारा दी गई यह विधि यूट्यूब पर सभी के लिए उपलब्ध है।

Previous post

“एक राष्ट्र एक चुनाव” पर विधेयक की अटकलों पर विराम ……. संसद का विशेष सत्र आज से शुरू”

Next post

केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पुस्तक “चल मन वृंदावन” के लिए हेमा मालिनी के प्रयासों को सराहा

You May Have Missed

error: Content is protected !!