महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव, बोधराज सीकरी, डॉ. वीरेंद्र यादव मुख्य चिकित्सा अधिकारी गुरुग्राम ने शिविर में पहुंचकर रक्तदाताओं का बढ़ाया उत्साह l
मानवता की भावना रखने वाला व्यक्ति ही कर सकता है हमेशा दूसरों का भला : महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज
रक्तदान कर बचा सकते हैं किसी घायल व्यक्ति का अमूल्य जीवन : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में जितेंद्र बहल पार्क की सनातन योगस्थली के योगाचार्य व आयुर्वेदाचार्य डॉ. परमेश्वर अरोड़ा द्वारा रोटरी ब्लड बैंक गुरुग्राम व दिल्ली, नल्हड मेडिकल कॉलेज नूंह के सहयोग से न्यू कालोनी स्थित गीता भवन परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन पटौदी हरि मंदिर आश्रम के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज के और बीजेपी के वरिष्ठ नेता श्री बोध राज सीकरी के सानिध्य में किया गया।

समाजसेवी दिनेश कुमार अरोड़ा ने बताया कि शिविर का शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज और सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष व पंजाबी बिरादरी महासंगठन के प्रधान बोधराज सीकरी, आयुर्वेदाचार्य डॉ. परमेश्वर अरोड़ा द्वारा किया गया। सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव विशेष रुप से कार्यक्रम में शामिल हुए। महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा कि मनुष्य परमात्मा की सर्वोत्तम कृति है। मानवता यानी मनुष्य के मन में दया भाव का होना आवश्यक है। महत्व मानव का नहीं, अपितु मानवता का है। मानवता जागृत कर मनुष्य दूसरों के जीवन का कल्याण कर सकता है। मानवता जैसी भावना रखने वाले मनुष्य दूसरों का हमेशा भला करते हैं। मनुष्य ही संसार में एक ऐसा प्राणी है जो सभी भावनाओं को समझ सकता है। उन्होंने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हर किसी को अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करना चाहिए। रक्तदाता भी रक्तदान कर अपने सामाजिक दायित्व का पालन कर रहे हैं।

सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष व पंजाबी बिरादरी महासंगठन के अध्यक्ष बोधराज सीकरी ने आयोजन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रक्तदान को महादान कहा गया है। हम रक्तदान करके किसी का अमूल्य जीवन बचा सकते हैं। रक्तदान करना जनकल्याण का कार्य है क्योंकि हमारे द्वारा दान किया गया रक्त किसी के प्राणों की रक्षा करता है। अत: रक्तदान को सभी प्रकार के दानों में श्रेष्ठ माना जाता है। सीकरी ने कहा कि आधुनिक समय में हम एक व्यस्त जीवन जी रहे हैं। व्यस्तता से भरे इस जीवन में हर दिन कोई ना कोई दुर्घटना होती ही रहती है। दुर्घटना के दौरान शरीर से रक्त काफी मात्रा में निकल जाता है और इस कारण ज्यादातर लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस मृत्यु दर को कम करने हेतु हम सभी को मिलकर रक्तदान करते रहना चाहिए। हमारे द्वारा दान किया गया रक्त किसी को जीवनदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि किसी की जान बचाने में सहयोग कर हम पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं। हम सभी एक पढ़े-लिखे सभ्य समाज के व्यक्ति हैं, हम केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के महान कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।

सिविल सर्जन डॉ. वीरेंंद्र यादव ने कहा कि एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट रक्त होता है, जिसमें से व्यक्ति एक यूनिट रक्तदान कर सकता है। लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से व्यक्ति रक्तदान करने से डरता है। रक्तदान करने से किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक समस्या नहीं होती, बल्कि रक्तदान कर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक रक्तदान कर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करें और जरुरतमंद लोगों का जीवन बचाने में अपना अमूल्य योगदान दें।

बता दें कि इस रक्तदान शिविर में लगभग 350 यूनिट्स खून के दान हो चुके हैं और अनुमानित संख्या साढ़े चार सौ और पाँच सौ के बीच की है।

इस अवसर पर धर्मेंद्र बजाज, रवि मनोचा, हरीश कुमार, रमेश कामरा, ज्योत्सना बजाज, डॉ.डी.पी गोयल, मुकेश शर्मा, गिरिराज ढींगरा, रमेश चुटानी, सुरेंद्र खुल्लर, ओमप्रकाश कथूरिया का विशेष सहयोग रहा और अनिल कुमार, बाल कृष्णा खत्री, डॉक्टर अनुज गर्ग डिप्टी सीएमओ की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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