धर्म विशेष पर टिप्पणी का मामला : राजस्थान हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी पर रोक को आगे बढ़ाया, अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश सरकारी अधिकवक्ता को निर्देश कि अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को केस डायरी भी पेश करें. योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एक ओर कोर्ट ने दिया जांच का आदेश, भारत सारथी/कौशिक राजस्थान हाई कोर्ट से योग गुरु बाबा रामदेव को झटका लगा है. उनके खिलाफ धर्म विशेष पर टिप्पणी करने को लेकर बाड़मेर के चौहटन थाने में मुकदमे दर्ज किया गया था. इस मामले में बाबा रामदेव को 5 अक्टूबर को पुलिस थाने में पेश होना होगा. इसके अलावा बाबा रामदेव की ओर से इस विविध अपराधी की याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर 13 अप्रैल तक रोक लगाई थी. अंतरिम रोक को 16 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है. बाबा रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह दासपा इस मामले में पैरवी करने पहुंचे. कोर्ट ने सरकारी अधिकवक्ता गुप्ता को निर्देश दिए हैं कि अगली सुनवाई पर 16 अक्टूबर को केस डायरी भी पेश करें. एक अन्य मामले में पातंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड हरिद्वार उत्तराखंड के निदेशक और योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कोटा की अदालत ने शुक्रवार को विशेष आदेश देते हुए मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. यह आदेश अपर सेशन न्यायालय ने परिवादी की निगरानी याचिका को मंजूर करने के बाद दिए हैं. यह पूरा मामला पतंजलि के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने में धोखाधड़ी के आरोप को लेकर है. दरअसल, योग गुरु बाबा रामदेव पिछले साल 2 फरवरी को बाड़मेर में आयोजित हो रहे धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. मंच से पंडाल में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए वहां पर योग गुरु बाबा रामदेव ने एक धर्म विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. बाड़मेर जिले में 5 फरवरी को टी खान के नाम से बाबा रामदेव के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दुश्मनी नफरत और कटुता को बढ़ावा देने वाले भड़काऊ बयान देने के आरोप में एक प्राथमिक की दर्ज कराई गई थी. मामला दर्ज होने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव की ओर से हाई कोर्ट में राहत के लिए याचिका पेश की गई. इसमें 13 अप्रैल को कोर्ट ने राहत देते हुए 20 मई को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए निर्देश दिए थे. लेकिन बाबा रामदेव पेश नहीं हुए थे. अब हाई कोर्ट ने एक बार फिर उन्हें 5 अक्टूबर को पेश होने के निर्देश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. 16 अक्टूबर को केस डायरी भी पेश करें : याचिकाकर्ता बाबा रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह दासपा, उनके सहयोगी निशांक मदान और प्रियंका बोराणा ने पैरवी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा बेबुनियादी हैं. याचिकाकर्ता को एफआईआर संख्या 0030/2023 के संबंध में 5 अक्टूबर 2023 को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष सुबह 11:30 बजे पेश होने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि जब भी अनुसंधान अधिकारी बुलाना चाहे तो उन्हें उपस्थित रहना होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से मौजूद सरकारी अधिवक्ता को निर्देश दिए हैं कि अगली सुनवाई पर 16 अक्टूबर को केस डायरी भी पेश करें. योगगुरु बाबा रामदेव ने यह दिया था बयान योग गुरु स्वामी रामदेव ने 2 फरवरी 2023 को बाड़मेर में एक धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभा मे विवादित बयान दिया था. बाबा रामदेव ने मंच से कहा था कि मुसलमान सुबह की नमाज पढ़ते हैं. उसके बाद उनसे पूछो कि तुम्हारा धर्म क्या कहता है? बस पांच बार नमाज पढ़ो उसके बाद मन में जो आए वो करो. हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ और जो भी पाप करना है वो करो. मुस्लिम समाज के बहुत से लोग ऐसा ही करते हैं लेकिन नमाज जरूर पढ़ते हैं. आतंकवादी और अपराधी बनकर खड़े हो जाते हैं लेकिन नमाज जरूर पढ़ते हैं. मुस्लिम इस्लाम का मतलब ही नमाज समझते हैं. यही सिखाया जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में ऐसा नहीं है. सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास में मुकदमा दर्ज : बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से धर्म विशेष को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में बाड़मेर जिले के चौहाटन थाने में उनके खिलाफ सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. चौहटन निवासी पठाई खान ने चौहटन पुलिस थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. बाबा रामदेव के खिलाफ चौहाटन थाने में धारा 153-ए,295-ए और 298 के तहत मामला दर्ज किया गया था. ये है मामला : 2 फरवरी 2023 को योग गुरु बाबा रामदेव एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बाड़मेर पहुंचे थे. इस दौरान जिले में आयोजित एक धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए बाबा रामदेव ने एक धर्म विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से विवाद खड़ हो गया था. हाईकोर्ट में राहत के लिए याचिका पेश की गई थी, जिसमें 13 अप्रेल 2023 को कोर्ट ने राहत देते हुए 20 मई 2023 को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए थे, लेकिन बाबा रामदेव पेश नहीं हुए. ऐसे में पुलिस की ओर से दबाव बनाने पर दोबारा कोर्ट से अनुरोध किया गया, जिस पर अब 5 अक्टूबर को पेश होने के निर्देश दिए गए हैं. योगगुरु बाबा रामदेव के विरुद्ध बाड़मेर पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद फिर दर्ज करने वाले का नाम पठाई खान सामने आया. एफआईआर दर्ज होने के बाद पिटाई खान मीडिया के सामने आया और कहा था कि मैंने यह मामला दर्ज नहीं करवाया है. मुझे फंसाया गया है. मुझे मेरे वकील ने कई सालों से जमीन विवाद को लेकर फोन करके बुलवाया था. वकील ने बहाने से अंगूठे का निशान और हस्ताक्षर ले लिए थे. पठाई खान ने बताया था कि वो अनपढ़ है. इसके साथ ही उसने कहा कि इस मामले में आगे कोई भी कार्रवाई नहीं चाहते हैं. रामदेव के खिलाफ कोटा की अदालत ने शुक्रवार को विशेष आदेश देते हुए मामला दर्ज करने के आदेश दिए साल 2020 में लगाई थी पहली याचिका पीड़ित के वकील लोकेश सैनी ने बताया कि परिवादी नीरज तिवारी ने साल 2020 के जुलाई माह में एसीजेएम 5 में योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत का इस्तगासा पेश किया था. जिसे 13 जुलाई को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद परिवादी ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ डीजे कोर्ट में निगरानी याचिका पेश की थी. जिसे सुनवाई के लिए डीजे कोर्ट में अपर सेशन न्यायालय क्रम एक में भेज दी. जिसके बाद कोर्ट में सुनवाई कर योग गुरु बाबा रामदेव को नोटिस जारी किए है. इसके साथ ही गुमानपुरा थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने और जांच के आदेश दिए हैं. प्रोडक्ट में धोखाधड़ी का है मामला परिवादी नीरज कोर्ट में पेश किए गए इस इलाके में आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड के उत्पादों को खरीद कर उनका उपयोग किया जा रहा है. इन उत्पादों पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में कटौती किए जाने के बावजूद भी बाबा रामदेव की कंपनी दरों में कटौती नहीं करती. जिसका नुकसान परिवादी और अन्य ग्राहक को हो रहा है और उनके साथ छल कपट और धोखाधड़ी भी हुई है. जिसके बाद परिवादी ने बाबा रामदेव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 में प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी. नोटिस का जवाब नहीं देने पर ली थी कोर्ट की शरण परिवादी ने बताया कि उसके और अन्य ग्राहकों के साथ हो रही धोखाधड़ी के मामले में 16 मई 2020 को बाबा रामदेव पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस भेजा गया था. जिसका जवाब परिवादी को नहीं मिला. इसके बाद परिवादी ने शहर एसपी को शिकायत दी थी. लेकिन शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद परिवादी को आखिरकार कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।. Post navigation दक्षिणी हरियाणा के नामी शिक्षण संस्थान में आयकर विभाग ने की छापेमारी, कार्रवाई में जुटी टीम उपभोक्ता को दो-दो बिल भेजने के मामले में जेई को चार्जशीट करने के आदेश