माजरा गांव की 210 एकड़ जमीन एम्स के नाम हो गई, लेकिन अभी इस जमीन की केन्द्रीय पर्यावरण समिति से एनओसी लेनी है, क्योंकि एनओसी लिए बिना शिलान्यास कार्य नही नही हो सकता : विद्रोही अब केन्द्र सरकार माजरा गांव में एम्स शिलान्यास की तत्काल तारीख तय करके एम्स भवन निर्माण कार्य में और देरी न करे : विद्रोही 15 सितम्बर 2023 – अहीरवाल मे एम्स निर्माण के लिए रेवाडी जिले के माजरा गांव के किसानों द्वारा अपनी बहुमूल्य 210 एकड़ जमीन सरकारी शर्तो पर कोडियों के भाव में एम्स के नाम रजिस्ट्रीया करवाने के बाद स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मांग की कि अब केन्द्र सरकार माजरा गांव में एम्स शिलान्यास की तत्काल तारीख तय करके एम्स भवन निर्माण कार्य में और देरी न करे। विद्रोही ने कहा कि माजरा एम्स निर्माण प्रक्रिया शुरू करने में पहले ही 8 साल का अमूल्य समय भाजपा नेताओं के आपसी अहम की लडाई की भेंट चढ़ चुका है। अब भाजपा को माजरा एम्स निर्माण के लिए श्रेय लेने की औच्छी, गंदी राजनीति छोडकर तत्काल शिलान्यास करके अहीरवाल की जनता की भावना का सम्मान करना चाहिए। बेशक माजरा गांव की 210 एकड़ जमीन एम्स के नाम हो गई, लेकिन अभी इस जमीन की केन्द्रीय पर्यावरण समिति से एनओसी लेनी है, क्योंकि एनओसी लिए बिना शिलान्यास कार्य नही नही हो सकता। हरियाणा भाजपा सरकरा व केन्द्र सरकार एक सप्ताह के अंदर-अंदर पर्यावरण समिति से एनओसी लेने की प्रक्रिया की कानूनी औपचारिकता पूरी करके एम्स शिलान्यास का रास्ता साफ करे। वहीं विद्रोही ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपने वादे के अनुसार एम्स को सरकार की शर्तो पर कोडियों के भाव जमीन देने वाले किसानों को 180 एससीओ देने का वादा भी पूरा न करना एकबार फिर शंका प्रकट करता है कि कहीं मुख्यमंत्री की नीयत में खोट तो नही। अहीरवाल की जनता के एकजुट संघर्ष के बल पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर माजरा एम्स बनाने को बेमन से मजबूर होकर राजी होना पड़ा क्योंकि खट्टर जी तो अपनी जुलाई 2015 में मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा को अगस्त-सितम्बर 2018 में जुमला बता चुके थे। यह तो अहीरवाल की संघर्षशील जनता के एकजुट संघर्ष का सुपरिणाम है कि खट्टर जी को मजबूूर होकर माजरा एम्स निर्माण की दिशा में कदम उठाना पड़ा। विद्रोही ने कहा कि किसानों को दिये जाने वाले 180 एससीओ की 28 एकड़ जमीन रजिस्ट्री माजरा मल्टीपर्पज सोसायटी के नाम इसलिए अटकी पडी है, क्योंकि भाजपा सरकार ने अपने वादे अनुसार एससीओ के लिए होने वाली जमीन रजिस्ट्री का 80 लाख रूपये रजिस्ट्री शुल्क अभी तक माफ करने के आदेश जारी नही किये है। सवाल उठता है कि एससीओ के लिए रजिस्ट्री शुल्क माफ करने के आदेश भाजपा खट्टर सरकार जारी न करके कहीं एम्स निर्माण में अप्रत्यक्ष रोड़े तो नही अटकाना चाहती है? विद्रोही ने मांग की कि मुख्यमंत्री खट्टर बदनियति छोडकर अपने वादे अनुसयार एससीओ जमीन रजिस्ट्री का शुल्क माफ करने के आदेश तत्काल जारी करे। Post navigation व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा से ज्यादा हिन्दी का प्रयोग करके हिन्दी को यर्थाथ में राष्ट्र भाषा का दर्जा दे : विद्रोही 30 हजार मिड डे मील कर्मचारियों को महीनों से सेलेरी नहीं मिली: अनुराग ढांडा