रस्सी जल गई पर बल नहीं गया : डॉ. अशोक तंवर 9 साल में भी कांग्रेस का संगठन नहीं बना, आपने ही संगठन नहीं बनने दिया : डॉ. अशोक तंवर 2019 में 10 की 10 सीटें कांग्रेस हारी, 2014 में 9 सीटें हारी : डॉ. अशोक तंवर किस आधार पर टिकटों का क्लेम कर रहे भूपेंद्र हुड्डा: डॉ. अशोक तंवर सत्ता के बजाय लोगों की समस्याओं के बारे में सोचें : डॉ. अशोक तंवर अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा और अहम को छोड़ें : डॉ. अशोक तंवर चंडीगढ़, 14 सितंबर – आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने वीरवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि रस्सी जल गई पर बल नहीं गया, ये बात हरियाणा में कुछ कांग्रेस नेताओं पर लागू होती है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन में होने के बावजूद बार बार वे आम आदमी पार्टी के जनाधार और लोकसभा की सीटें मांगने में आम आदमी पार्टी का आधार क्या है? इस तरह के सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि 9 साल में भी कांग्रेस का संगठन नहीं बना और आपने ही लोगों ने संगठन नहीं बनने दिया। आप ही लोगों की ऐलनाबाद में जमानत जब्त हुई। कांग्रेस पार्टी 2019 में 10 की 10 लोकसभा सीटें हरी और 2014 में 9 सीटें हारी। इसके अलावा कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब में जमानतें जब्त हुई। फिर भूपेंद्र हुड्डा किस आधार पर टिकटों का क्लेम करते हैं। वे किस आधार पर सभी लोकसभा सीटों पर दावा जता रहें हैं, उनकी खुद की सीट से भी वे हार गए थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में संगठन बनने से पहले ही पदों को लेकर जूतमपैजार शुरू हो गई है। जो पार्टी पिछले 9 साल से गुटबाजी के चलते संगठन नहीं बना सकी, जिसके नेताओं में एक राय नहीं है। वो आम आदमी पार्टी को सिखाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आम आदमी पार्टी के संगठन विस्तार को देखते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस में खलबली मची हुई है। स्वार्थ के चलते जो लोग अपनी पार्टी को एकजुट नहीं कर सकते वे आम आदमी पार्टी के लिए राय बनाना छोड़ दें। उन्होंने कहा जो बार बार इंडिया गठबंधन में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं उनसे मेरा आग्रह है कि इन बातों में कुछ नहीं रखा। सत्ता के बजाय लोगों की समस्याओं के बारे में सोचें और जो संविधान और लोकतंत्र पर प्रहार हुए हैं उनके बारे बारे में सोचें, मणिपुर व नूंह की घटनाओं और जिस तरीके से किसान, मजदूर, नौजवान, महिला और पहलवानों का शोषण हो रहा है उसके बारे में सोचते हुए अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा और अहम को छोड़कर किस तरीके से भाजपा को 2024 में देश और प्रदेश की राजनीति से बेदखल कर किसान, मजदूर और आम आदमी का राज लाया जा सके इसके लिए हम सबकी कोशिश होनी चाहिए। Post navigation भारत निर्वाचन आयोग ने की हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सराहना ढाई दर्जन सरपंचों, पूर्व पार्षदों, प्रधान व पूर्व सरपंचों समेत 40 नेताओं ने ज्वाइन की कांग्रेस