13 सितंबर, हिसार। जीवन में चाहे जैसी भी परिस्थिति हो, हमेशा प्रसन्नचित रहना चाहिए। इससे हमें साकारात्मक ऊर्जा व खुशी मिलती है, जिससे हम तनाव रहित रहते हैं। हम सभी को दिनचर्या में योगासन व मेडिटेशन को अपनाना होगा। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहे। वे विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में आठ दिवसीय ‘ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय व आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संयुक्त रूप से ‘हर घर ध्यान’ योजना को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। मुख्यातिथि प्रो. काम्बोज ने योगासन व मेडिटेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब तक हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य नहीं होंगे तब तक हम किसी भी कार्य को अच्छे ढंग से नहीं कर पाएंगे। इससे मनुष्य के तनाव ग्रस्त होने से वह अनेक प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इसके निवारण के लिए हमें रोजाना सुबह सैर करना चाहिए तथा दिनचर्या में योगासन व मेडिटेशन को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बदलते जीवन में मनुष्य जैसे-जैसे भौतिक सुविधाओं की तरफ अग्रसर है वैसे-वैसे वह तनाव की गिरफ्त में भी आ रहा है। परिणामस्वरूप, मनुष्य का चहुंमुुखी विकास रूक जाता है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षाविदें व विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने अंदर ऐसे कौशल पैदा करें, जिससे कि वे खुद को और दूसरों को भी प्रसन्न रख सकें। अगर हम स्वस्थ रहेेंगे तभी हम अपने देश के उत्थान में अपना भरपूर सहयोग कर पाएंगे। उन्होंने हकृवि द्वारा अमृत महोत्सव के दौरान 75 हजार पेड़ लगाने पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, गैरशिक्षक कर्मचारियों व विद्यार्थियों को बधाई दी। उचित नींद, सुबह की सैर व मेडिटेशन कर हम रह सकते हैं तनाव से दूर : नीरज गुप्ता आर्ट ऑफ लिविंग के स्टेट मीडिया को-ऑर्डिनेटर एवं मेडिटेशन कोच नीरज गुप्ता ने कहा कि अगर हमें तनाव रहित रहना है तो हमें योग, ध्यान-साधना से जुडऩा होगा। इसके लिए सरकार ने भी हर घर ध्यान अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कई सदियों पहले भारत देश ने ही दुनिया को योग व ध्यान से जुडऩे का मार्ग बतलाया था। जैसे-जैसे समय बदला हम भी इन मूल-मंत्रों को छोडक़र भौतिक सुविधाओं में संलिप्त हो गए, जबकि पश्चिमी देश योगासन व मेडिटेशन को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमें तनाव से दूर रहकर स्वस्थ रहना है तो मुख्यत: चार बातों का अनुसरण करना होगा, जिनमें संतुलित आहार, उचित नींद, सुबह की सैर व मेडिटेशन शामिल हंै। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजु महता ने स्वागत किया, जबकि मंच संचालन छात्रा जैसमिन व अंकिता ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, शिक्षाविद् सहित विद्यार्थी व कर्मचारी मौजूद रहे। Post navigation शुक्र है मुख्यमंत्री ने चंद्रयान से पकिस्तान नहीं भेजा – नवीन जयहिंद कांग्रेस जमीनी स्तर पर काफी मजबूत है, पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं : कुमारी सैलजा