– मुख्यमंत्री ने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान किया है 1 माह में तलवंडी राणा रोड को तैयार करवाने का वादा –
7 माह से भी अधिक समय से धरने पर हैं ग्रामीण, दूसरी स्टेज की फाइल तो अभी पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने भेजी ही नहीं, एक माह में कैसे बनेगी सडक़ : ओ.पी. कोहली
पिछली बार की तरह वैकल्पिक रोड देकर ग्रामीणों के साथ धोखा न करे सरकार : ओ.पी. कोहली

हिसार 08 सितंबर : तलवंडी राणा हिसार स्थायी रोड की मांग पर तलवंडी राणा बचाओ संघर्ष समिति व ग्रामीणों का धरना पिछले 216 दिनों से लगातार जारी है। पिछली बार भी ग्रामीण 34 दिन धरने पर बैठे तब ग्रामीणों को अस्थायी रोड दिया गया था। शुक्रवार को धरने पर आस-पास के गांवों से भारी संख्या में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के उस वादे को लेकर मीटिंग की जिसमें उन्होंने मिर्जापुर के जनसंवाद कार्यक्रम में तलवंडी राणा रोड को एक महीने में बनवाकर देने की बात कही है।

समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने कहा कि समिति शांतिपूर्ण ढंग से पिछले 7 माह से भी अधिक समय से धरना चला रही है, इतने लंबे समय के बाद भी सडक़ नहीं बनने के बावजूद ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का किसी प्रकार से कोई विरोध नहीं किया।

समिति अध्यक्ष ओ.पी. कोहली ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वादा तो कर दिया है लेकिन एनएचएन-9 की दीवार से लेकर तलवंडी राणा माइनर धांसू रोड गैस प्लांट से होते हुए सडक़ मार्ग जिसकी दूरी 5.2 किलोमीटर पड़ती है उसे पीडब्ल्यूडी विभाग ने दो भागों में पार्ट-1 और पार्ट-2 में विभाजित कर रखा है जो कि ग्रामीणों के साथ धोखा किया गया है। अभी अधिकारियों ने पार्ट-1 की केवल 2.6 कि.मी. की फाइल ही कार्यवाही के लिए चला रखी है जिसकी एनओसी वन विभाग की ओर से क्लियर की गई है। बाकी पार्ट-2 की बची 2.6 कि.मी. की रोड की जमीन की तो अभी फाइल ही पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने प्रोसेस ही नहीं की है। इस बाकी की जमीन में लगभग 10 एकड़ जमीन वन विभाग की भी है। पहले वन विभाग ने एनओसी देने में महीनों का समय लगा दिया था तो अभी तो दूसरे फेज की फाइल की कार्यवाही ही शुरू नहीं हुई है उसमें पता नहीं कितना समय लगेगा। इसके अलावा रोड के बीच में दो पुल भी बनने हैं जोकि एनएचए-9 से धांसू  रोड प्लांट पर राणा माइपर व डीसीएम मिल माइनर पर बनने हैं और फस्र्ट स्टेज की पेड़ कटने की एनओसी भी अभी नहीं आई है। मुख्यमंत्री ने तो दावा कर दिया है लेकिन विभाग के अधिकारी अपना काम कितनी तेजी से करते हैं और मुख्यमंत्री के वादे के अनुसार तय समय सीमा में रोड का काम पूरा हो पाता है या नहीं यह देखने वाली बात है।

कोहली ने कहा कि सरकार ग्रामीणों को अब पहले की ही तरह पुराना बरवाला रोड से वैकल्पि रोड देने की योजना बना रही है जो कि ग्रामीणों के साथ फिर से धोखा होगा क्योंकि पहले भी सरकार ने ऐसे ही वैकल्पिक मार्ग देकर ग्रामीणों को रोड देने का दिलासा दे दिया था और उसे रातों-रात उखाडक़र हवाई अड्डे की पट्टी में मिला दिया गया। अब जिस रोड की योजना सरकार बना रही है वह जमीन भी एयरपोर्ट की पट्टी में आनी है और वहां से पेड़ भी काटे जा चुके हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि ग्रामीणों को एक बार  वैकल्पिक रोड में उलझा कर सरकार उनके साथ धोखा कर रही है लेकिन इस बार ग्रामीण धरने से नहीं हटेंगे और वे एनएचएन-9 की दीवार से लेकर तलवंडी राणा माइनर धांसू रोड गैस प्लांट से होते हुए स्थायी सडक़ मार्ग मिलने के बाद ही धरने से उठेंगे।

ओ.पी. कोहली ने कहा कि ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि वे धरना नहीं हटाएंगे और शंातिपूर्वक ढंग से अपना धरना जारी रखेंगे औ न ही सरकार के किसी विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री को काले झंडे वगैरह दिखाएंगे या विरोध करेंगे। मुख्यमंत्री के वादे अनुसार वे धरने पर एक महीने तक इंतजार करेंगे कि मुख्यमंत्री द्वारा कही गई बात अनुसार रोड का काम पूरा हो पता है या नहीं। यदि तय समय सीमा वे रोड बनाकर ग्रामीणों को दे दिया जाता है तो समिति व ग्रामीण खुद मुख्यमंत्री का धन्यवाद करने जाएंगे। कोहली ने कहा कि हम सभी ग्रामीण एक माह तक मुख्यमंत्री के वादे के पूरा होने का इंतजार करेंगे।

धरने पर गांव तलवंडी राणा की बुजुर्ग महिलाएं बहबलपुर गांव से पूर्व सरपंच धर्मपाल बागड़ी, पूर्व सरपंच निहाल सिंह, जगमाल नंबरदार, रमेश ग्रेवाल सातरोड़, ओमप्रकाश मालिया धांसू जिला पार्षद, सुरेंद्र, रमेश जुगलान, उमेद बैनीवाल, रामपाल सिसाय, महिपाल सिसाय, संदीप जुगलान, संदीप बालक, राजू जेवरा, सुरेश बधावड़, भारत मित्तल, दयाल सिंह सरपंच, सुभाष पंच, उमेद पूर्व सरपंच, त्रिलोक पंच, राधेश्याम नंबरदार, उमेद नंबरदार, दिलबाग चौपड़ा, विनोद भाटिया, भागीरथ शर्मा, महेंद्र कोहली, रामेसर जांगड़ा, मास्टर सूबे सिंह, रेखा रहेजा, आशु देवी, केलापति, दादी भाटण, संतरो, सहित भारी संख्या में लोग हाजिर थे।