कलेक्टर ने 30 दिन में 50 करोड़ की विवादित भूमि को खाली कराने का सुनाया फैसला
-बृजपाल सिंह परमार ने की थी डीसी को शिकायत, नगर परिषद ने किया विवादित भूमि पर मालिकाना हक का दावा
कलेक्टर के आदेश से नगर परिषद भिवानी बनी 50 करोड़ विवादित भूमि की मालिक

भिवानी, एक सितंबर। दिनोद गेट स्थित अंचल नर्सिंग होम व अन्य की 50 करोड़ की विवादित भूमि (परस की जमीन) पर भिवानी कलेक्टर दीपक बाबूलाल कारवा ने दोबारा से अवैध कब्जा हटवाने के आदेश दिए हैं। क्लेक्टर ने नगर परिषद भिवानी के कार्यकारी अधिकारी को 30 दिन के अंदर विवादित भूमि से अवैध कब्जा हटवाकर खाली कराने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर के इन आदेशों के बाद भिवानी नगर परिषद 50 करोड़ की विवादित भूमि की मालिक बन गई है। नगर परिषद ने भी इस विवादित भूमि पर मालिकाना हक का अपना दावा कलेक्टर की कोर्ट में किया था।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने परस की भूमि पर अवैध रूप से अंचल नर्सिंग होम व अन्य कब्जाधारियों द्वारा अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत उपायुक्त व संबंधित अधिकारियों को दी थी। बृजपाल सिंह परमार ने शिकायत में राजस्व विभाग द्वारा भूमि की पैमाइश रिपोर्ट का भी हवाला दिया था। जिसमें अंचल नर्सिंग होम भवन निर्माण में परस की 603 वर्गगज करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा साबित हो चुका था। इस विवादित भूमि पर नगर परिषद ने भी अपना दावा ठोका और इस मामले को लेकर कलेक्टर के समक्ष अपील की। नगर परिषद के अधिवक्ता आदित्य प्रताप तंवर ने कलेक्टर के समक्ष नगर परिषद द्वारा किए गए दावे में परस की जमीन होने के तथ्य रखे और उच्च न्यायालय द्वारा भी इस विवादित भूमि को लेकर दिए गए आदेशों का हवाला दिया। नगर परिषद की तरफ से अधिवक्ता आदित्य प्रताप तंवर ने अपील के बाद अपना पक्ष रखा और राजस्व रिकार्ड भी कलेक्टर को सौंपा, जिसे अंचल नर्सिंग होम की तरफ से राजस्व रिकार्ड को झुठलाने के लिए भी कोई ठोस दस्तावेज पेश नहीं किया गया। कलेक्टर दीपक बाबू लाल कारवा ने एक सितंबर 2022 को पूर्व में दिए गए आदेशों को भी सही मानते हुए दोबारा से विवादित भूमि पर 30 दिन के अंदर नगर परिषद द्वारा अवैध कब्जा खाली कराने का आदेश दिया।

रोहतक मंडल के आयुक्त की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल

बृजपाल सिंह परमार ने आरोप लगाया कि भिवानी के दिनोद गेट पर करोड़ों रुपयों की विवादित भूमि पर अवैध कब्जाधारियों को बचाने के लिए भी रोहतक मंडल के आयुक्त संजीव वर्मा की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पहले भी कलेक्टर ने अवैध कब्जा हटवाने के आदेश दिए थे, लेकिन मामला मंडलायुक्त के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले की फाइल को वापस कलेक्टर के पास यह हवाला देकर भेजा कि इसमें राजस्व रिकार्ड का विवरण नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भिवानी कलेक्टर ने दोबारा से करोड़ों की विवादित भूमि पर फिर से अंचल नर्सिंग होम व अन्य द्वारा किया गया अवैध कब्जा हटवाए जाने के आदेश दिए हैं। बृजपाल सिंह का आरोप है कि रोहतक मंडल आयुक्त आरोपियों को बचाने व माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों की भी अवमानना कर रहे हैं।

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