बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम ने स्पर्श किया 2, 92, 000 का आंकड़ा l

राम नाम में निहित जन-जन का कल्याण : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। दिनांक 29 अगस्त 2023, मंगलवार सायंकाल की पावन बेला में बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम के तहत मालिबू टाउन के सुंदर बगीचे में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन हुआ। यह आयोजन सनातन धर्म सभा ट्रस्ट मालिबू टाउन की ओर से श्री संत कुमार नागपाल, प्रेम जी, कंवर भान अरोड़ा, अश्विनी टण्डन, महेंद्र नरेश, सतबीर मलिक, केवल किशोर ग्रोवर, जगदीश कुकरेजा , अनीश कोहली, बीएल सैनी, सुनील खंडेलवाल, अशोक सूरी, अंजू तंवर, पूनम सोनी व अन्य जन की उपस्थिति में हुआ।
श्री कुलदीप यादव वरिष्ठ बीजेपी नेता की गरिमायुक्त उपस्थिति रही।

श्री गजेंद्र गोस्वामी ने व्यास गद्दी से श्री हनुमान चालीसा पाठ का संगीतमय तरीके से शुभारंभ लगभग साढ़े 6:30 बजे किया। इस आयोजन में लगभग 200 साधक उपस्थित रहे और सभी ने 21-21 बार पाठ किया।

बोधराज सीकरी ने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि तुलसीदास संत इतने निपुण और इतने चतुर थे कि उन्हें मालूम था कि हनुमान जी बगैर राम की उपस्थिति के प्रसन्न नहीं होते और तभी उन्होंने भगवान राम का जिक्र हनुमान चालीसा के प्रारम्भ में ही कर दिया था, ताकि वें हनुमान जी को प्रसन्न कर सके। क्योंकि बिना राम जी की उपस्थिति के हनुमान जी भी नहीं आते। बड़े सुंदर शब्दों में लिखा है हनुमान चालीसा के प्रारंभ में कि :

“बरनउँ रघुबर बिमल जस जो दायक फल चार”

इसके अतिरिक्त बोधराज सीकरी ने बताया कि मैंने अभी हनुमान चालीसा पढ़ने के दौरान एक बात देखी की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का नाम हनुमान चालीसा में हनुमान जी के नाम से अधिक बारी तुलसी दास जी द्वारा लिखा गया है। यद्यपि यह हनुमान चालीसा हनुमान जी की गाथा की बात करता है l

जिससे सिद्ध होता है कि संत तुलसीदास जी कितने सजग थे।उन्हें मालूम था कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें श्री हनुमान चालीसा पाठ में मेरे प्यारे राम का नाम अधिक बार लिखना होगा।

संस्कार के अतिरिक्त चरित्र के ऊपर भी कल बोधराज सीकरी ने अपने वक्तव्य में बताया कि किस प्रकार वनवास में माँ सीता ने लक्ष्मण के ऊपर आरोप लगाने की कोशिश की क्योकि वो राम की आवाज को सुनकर हिरन को पकड़ने के लिए गए राम की पीछे नहीं गये l लक्ष्मण नहीं चाहते थे मां सीता को अकेला छोड़ना पर फिर भी मां जानकी ने उन पर आरोप लगाया और बाद में जब सुग्रीव को माँ सीता के आभूषण मिले तो राम ने लक्ष्मण से पूछा कि हे लक्ष्मण देखो क्या ये तुम्हारी भाभी सीता के आभूषण हैं l लक्ष्मण की आंखों में अश्रुधारा थी। उन्होंने इतने सुंदर शब्दों में बोला कि हे प्रभु

“मैंने तो चरण निहारे हैं, देखे माता के कान नहीं, मैं तो बिछुओं का सेवक हूँ, कुंडल की मुझे पहचान नहीं”

उन्होंने बोला कि हे प्रभु मैंने आज तक चरणों के सिवा मां सीता के कहीं भी ऊपर नहीं देखा तो मैं इन कुंडलों को जो कान में होते हैं, कैसे पहचान पाऊँगा l इस प्रकार की पराकाष्ठा चरित्र की होती है।

इसी प्रकार “सुमति कुमति सब कें उर रहहीं”
पर भी काफी विस्तार से व्याख्या की कि कैसे आम व्यक्ति के अंदर, कैसे मंथरा के अंदर, कैसे कैकेई के अंदर कुमति आई और इसका निवारण हनुमान चालीसा में स्पष्ट शब्दों में लिखा है
“कुमति निवार सुमति के संग”।

इस प्रकार बोधराज सीकरी ने आध्यात्मिक विवेचना करके लोगों के मन को प्रसन्न कर दिया और उनकी यह मुहिम दिन ब दिन अब नया रंग ला रही है।

बोधराज सीकरी ने सूचित किया कि अगले सप्ताह 5 सितंबर सायं 7 बजे “शुभ बैंक्वेट और कन्वेंशन” (नजदीक अतुल कटारिया चौक, शीतला माता रोड) में एक भव्य जन्माष्टमी का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी की गरिमामयी उपस्थिति और आशीर्वचन होंगे। वही पर हमारे केंद्रीय मंत्री गुड़गांव के सांसद श्रीमान राव इंद्रजीत सिंह जी मुख्य अतिथि के रूप में रहेंगे। करनाल के सांसद सादगी के प्रतीक श्री संजय भाटिया जी की अध्यक्षता होगी और थानेसर विधायक और पंचनद हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष श्री सुभाष सुधा जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इसमें उनके सहयोगी साथी होंगे पनचंद गुरुग्राम इकाई के अध्यक्ष श्री नरेश चावला जी और पंचनद गुड़गांव जिला के अध्यक्ष श्री प्रमोद सलूजा जी और पंजाबी बिरादरी महासंगठन के वरिष्ठ उप प्रधान श्री ओमप्रकाश कथूरिया जी। इसका संयोजन का कार्य श्री बोधराज सीकरी ने श्री रामलाल ग्रोवर, श्री धर्मेंद्र बजाज, श्री राम किशन गांधी एवं श्री सुरेंद्र खुल्लर को दिया है।

बोधराज सीकरी ने बताया कि इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में लोग आने वाले हैं और यहां पर भी, यद्यपि जन्माष्टमी का कार्यक्रम है, उसके बावजूद भी हनुमान चालीसा पाठ का पठन भी रूप से किया जाएगा ताकि साढ़े 6 महीने की मुहिम में किसी प्रकार का रुकावट न आये जो तक निरंतर चला आ रहा है।

इसके अतिरिक्त जामपुर मंदिर ईस्ट ऑफ़ कैलाश में 45 भक्तों के द्वारा सात-सात बार हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

बता दें कि अब तक इस मुहिम के अंतर्गत 45 स्थानों पर पाठ हो चुका है। इस प्रकार श्री हनुमान चालीसा के पाठ की संख्या पाठ की संख्या को मिला कर 292,264 हो गई है व साधकों की सख्या 18307 हो गई है।

इस कार्यक्रम में निम्नलिखित महानुभाव उपस्थित रहे।

श्री प्रमोद सलूजा, डॉ.अलका शर्मा, श्री धर्मेंद्र बजाज, श्रीमती ज्योत्सना बजाज, श्री किशोरी लाल डुडेजा, श्री रमेश कामरा, श्री रमेश मुंजाल, श्री द्वारका नाथ मक्कड़, श्री लोकेश, डॉ. अशोक दिवाकर, श्री जगदीश ग्रोवर, श्री युधिष्ठिर, श्री सुखदेव, श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती ज्योति वर्मा, श्रीमती पुष्पा नासा, श्री ओमप्रकाश गाबा, रूपम चौधरी, श्री सतपाल नासा, श्री कुलदीप यादव पार्षद, वीरेंद्र यादव, श्रीमती अलका दलाल व अन्य जन उपस्थित रहे।

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