स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान हुई इस घटना के बाद मातमी सन्नाटा पसर गया. रोडवेज के कर्मचारियों का आरोप है कि समारोह स्थल पर जब उनके साथी को हार्ट अटैक आया तो उसे एंबुलेंस तक नहीं मिली और ना ही कार्यक्रम के दौरान अनाउंसमेंट करके एंबुलेंस ड्राइवर को बुलाया गया. झज्जर. मंगलवार को पूरा देश स्वतंत्रता दिवस समारोह मना रहा है. देश भर में स्वतंत्रता दिवस समारोह की धूम है लेकिन इस बीच हरियाणा में एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी को झकझोर के रख दिया. मामला झज्जर से जुड़ा है जहां एक रोडवेज परिचालक (कंडक्टर) की हार्ट अटैक के चलते मौत का मामला सामने आया है. रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि समारोह स्थल पर जब उनके साथी को हार्ट अटैक आया तो उसे एंबुलेंस तक नहीं मिली और ना ही कार्यक्रम के दौरान अनाउंसमेंट करके एंबुलेंस ड्राइवर को बुलाया गया. इतना ही नहीं जब रोडवेज कर्मचारी अपने साथी कर्मचारी की बिगड़ी हालत को देखते हुए प्राइवेट गाड़ी में उसे ले जाना चाह रहे थे, तो पुलिस कर्मचारियों ने प्राइवेट गाड़ी को भी समारोह स्थल के गेट के अंदर नहीं आने दिया, जिससे रोडवेज कर्मचारी गुस्से से आग बबूला हो गए और उन्होंने समारोह स्थल के गेट पर ताला जड़ दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मृतक रोडवेज कर्मी की पहचान अनिल कुमार के रूप में हुई है. अनिल हरियाणा रोडवेज में बतौर परिचालक कार्यरत था और वह ऑन ड्यूटी था. सुबह के समय हरियाणा रोडवेज वर्कशॉप परिसर के अंदर ही स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. इस समारोह में मंत्री ओमप्रकाश यादव बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे. जब समारोह चल रहा था तो उसी दौरान परिचालक अनिल कुमार को हार्ट अटैक आ गया. उसके साथी कर्मचारियों से एक एंबुलेंस के पास ले गए, जहां एम्बुलेंस चालक मौजूद नहीं था तो साथी कर्मचारियों ने अधिकारियों को मामले से अवगत करवाया. कर्मचारियों को आरोप है कि किसी भी अधिकारी ने माइक से अनाउंसमेंट करके एंबुलेंस चालक को नहीं बुलाया, इतना ही नहीं जब रोडवेज कर्मचारी प्राइवेट वाहन के जरिए अनिल कुमार को अस्पताल पहुंचाना चाह रहे थे, तो पुलिस ने प्राइवेट व्हीकल को भी अंदर नहीं आने दिया. रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि अगर समय पर अनिल को एंबुलेंस उपलब्ध करवाई जाती तो उसकी जान बच सकती थी. गुस्साए रोडवेज कर्मचारियों ने हरियाणा रोडवेज कार्यशाला के गेट पर बड़ी सी लोहे की चैन के जरिए ताला जड़ दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को सस्पेंड करने और मृतक परिचालक अनिल कुमार को शहीद का दर्जा देने की मांग की है. काफी देर तक नारेबाजी होती देख बेरी उप मंडल अधिकारी रविंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और रोडवेज कर्मचारियों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, तब जाकर गेट का ताला खोला गया. फिलहाल परिचालक अनिल कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए झज्जर के सामान्य अस्पताल भिजवाया गया है, साथ ही उनके परिजनों को भी मामले की सूचना दे दी गई है लेकिन अब देखना होगा कि इस मामले में लापरवाही किसकी निकाल कर सामने आती है और प्रशासन क्या कार्रवाई करता है. हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने झज्जर डिपो के परिचालक की हुई दर्दनाक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है तथा सरकार से मांग की है कि दोषी कर्मचारी व अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये तथा मृतक परिचालक के परिवार को कम से कम एक करोङ रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाए तथा मृतक के आश्रित को सरकारी नोकरी दी जाए ताकि उसके परिवार का पालन-पोषण ठीक ढंग से हो सके। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो रोङवेज कर्रमचारी कोई बङा आन्दोलन करने पर मजबूर होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। Post navigation गांव-गांव वीरभूमि अगणित शौर्यगाथा: ओम प्रकाश धनखड़ रोडवेज कर्मी को अस्पताल न ले जाने के आरोप में एंबुलेंस चालक निलंबित