हिसार 12 अगस्त : पिछली एक अगस्त को पिछड़ा वर्ग का एक प्रतिनिधि मंडल गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति से दाखिलों में क्रीमिलेयर संबंधित त्रुटि को दूर करने बारे मिला था, जिस पर कुलपति ने तुरंत संज्ञान लेने व त्रुटि को ठीक करवाकर प्रभावित छात्रों को दाखिला दिवालने का आश्वासन दिया था। प्रतिनिधिमंडल ने उप कुलपति को बताया कि विश्वविद्यालय 2023-24 के प्रोस्पेक्टस में विश्वधालय सभी कोर्सों के नये दाखिले हरियाणा सरकार प्रधान सचिव अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग क्रीमिलेयर की 17 अगस्त 2016 व 28 अगस्त 2018 की क्रीमिलेयर अधिसूचनाओ के अंतर्गत कर रहा है। जबकि उपरोक्त दोनों अधिसूचनायें माननीय पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें गैर कानुनी एवं असंवैधानिक मानते हुये खारिज कर दिया है जिसके बाद हरियाणा सरकार में पिछड़ा वर्ग क्रीमिलेयर की नई अधिसूचना क्रमांक 491 स. क. (1) 2021 दिनांक 17 नवंबर 2021 जारी की गई जिसके तहत पिछड़ा वर्ग क्रीमिलेयर निर्धारण हेतू स्लैब को खत्म कर दिया है।इसलिए दो स्लैबों मे दाखिले नहीं किये जा सकते क्योकि कोर्ट ने स्लैब को खत्म कर दिया है। इस अधिसूचना के बाद हरियाणा के लगभग सभी संस्थानो में दाखिले नई अधिसूचना को मानकर ही हुये हैं जबकि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में इस अधिसूचना को दर किनार किया गया है जो पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों के साथ अन्याय है। प्रतिनिधिमंडल ने उप कुलपति से इस त्रुटि को ठीक करने की मांग करते हुए कहा था कि जिन छात्रों के दाखिले हो चुके हैं वे ठीक हैं लेकिन जो छात्र इसके चलते दाखिले से वंचित रह गए हैं उन्हें नई अधिसूचना के आधार पर सीटें बढ़ाकर दाखिला दिया जाए। प्रतिनिधिमंडल में शामिल एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि गुजवि उप कुलपति ने त्रुटि ठीक कर वंचित छात्रों को दाखिला देने के लिए आज नोटिफिकेशन जारी कर दी है । उस दिन प्रतिनिधिमंडल में लाल बहादुर खोवाल, शांता कुमार आर्य, भारतीय इन्द्र सिंह जाजनवाला ,भूपेन्द्र गंगवा, हनुमान वर्मा प्रवक्ता, देवेंद्र एडवोकेट, महेंद्र जांगड़ा, रोशन जांगड़ा, सुरेन्द्र पांचाल रोहतक, राम निवास वर्मा प्रधान जीजेयू, देशराज वर्मा प्रधान व पिछड़ा वर्ग समाज हरियाणा के अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। Post navigation टोल का झोल, टैक्स पर टैक्स और खराब सड़कों के लिए टोल टैक्स क्यों? आजादी के साथ मिली विभाजन रूपी विभीषिका को भुलाया नहीं जा सकता : स्वामी धर्मदेव