हर घर तिरंगा महोत्सव को उत्सव की तरह मनाए सभी जिलावासी: एडीसी राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान सभी का दायित्व, मैला, कटा व फटा हुआ राष्ट्रीय ध्वज न फहराएं: एडीसी गुरुग्राम, 09 अगस्त। आजादी के अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर जिलावासियों में राष्ट्र प्रेम की उमंग पूर्ण उत्साह के साथ दिखाई दे रही है। मेरी माटी-मेरा देश अभियान के साथ ही हर घर तिरंगा फहराने का ज्जबा हर आयु वर्ग में देखने को मिल रहा है। गत वर्ष की भांति इस बार भी जिलावासियों ने पूरे उमंग व उत्साह के साथ हर घर तिरंगा अभियान में सहभागी बनकर देश प्रेम की भावना को बल देते हुए सहयोगी बनने का विश्वास दिलाया है। आगामी 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान जिला में चलाया जाएगा जिसमें नागरिक अपने घरों और संस्थानों पर तिरंगा फहराएंगे। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त माह में शुरू हुए हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत घरों पर तिरंगे फहराए गए। उन्होंने आह्वान किया है कि इस बार भी हर घर तिरंगा अभियान में जिलावासी भागीदार बनें और पूर्व में फटे, कटे व रंग उड़े हुए राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर नया राष्ट्रीय ध्वज फहराएं। उन्होंने कहा कि फटे, कटे व रंग उड़े हुए राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान के साथ निस्तारण करना होता है। अगर कोई व्यक्ति नियमानुसार राष्ट्रीय ध्वज निस्तारण नहीं करने में सक्षम नहीं है तो उक्त ध्वज को अपने नजदीक के किसी भी सरकारी कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। एडीसी मीणा ने कहा कि तिरंगा कभी भी फटा या मैला नहीं फहराया जाना चाहिए। हालांकि अशोक चक्र का कोई माप तय नहीं है। सिर्फ इसमें 24 तीलियों का होना जरूरी है। झंडे के किसी भाग को जलाने नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है। तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म, वर्दी में इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए। किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते। साल 2002 से पहले राष्ट्रीय ध्वज को आम लोग सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही फहरा सकते थे लेकिन साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड में बदलाव किया गया जिसके तहत कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडे को फहरा सकता है। झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए। नियमों के मुताबिक झंडे का आकार आयताकार, रेक्टेंगुलर होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 और भारतीय झंडा संहिता 2021 के तहत कार्रवाई हो सकती है। कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते, इसे जलाते, दूषित करते, कुचलते या नियम के खिलाफ ध्वजारोहण करते हुए पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल या जुर्माना या दोनों दंड के रूप में मिल सकते हैं। एडीसी ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों द्वारा अपने घर व संस्थान की छत पर तिरंगे झंडे लगाए जा रहे हैं। ऐसे में लोग सम्मान के साथ इन तिरंगों को साफ करके प्रेस करके घर के अंदर उन्हें संभालकर रख सकते हैं। इन झंडों का उपयोग राष्ट्रीय पर्व के लिए किया जा सकता है। Post navigation अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स कम्पनी सहित अन्य नामी कम्पनियों का नाम इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने में शामिल और 04 आरोपी गिरफ्तार प्रॉपर्टी मालिक यूएलबी पोर्टल पर प्रॉपर्टी डाटा को खुद करें सत्यापित