-गांव हालुवास के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य युद्धवीर सिंह पर होगी कार्रवाई
सेकेंडरी निदेशक अंशज सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी को दिए एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजने के निर्देश
-राज्य आयुक्त दिव्यांगजन ने शिक्षा विभाग से कार्रवाई कर मांगी थी तीन माह में रिपोर्ट
-जांच के दौरान नहीं मिले दिव्यांगता से जुड़े मूल दस्तावेज
-दिव्यांगता दर्शाने के लिए लगाए गए थे दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आरटीआई में हुआ था खुलासा

भिवानी, 05 अगस्त। हरियाणा स्कूली सेकेंडरी शिक्षा निदेशक अंशज सिंह ने भिवानी जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गांव हालुवास के प्राचार्य युद्धवीर सिंह द्वारा दिव्यांगजन कोटे से लिए गए सभी अनुचित लाभों व वाहन भत्तों की वसूली के आदेश दिए हैं। सेकेंडरी निदेशक ने भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी को भी लाभ व वाहन भत्तों की वसूली की एक सप्ताह में रिपोर्ट निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल राज्य आयुक्त दिव्यांगजन पंचकूला राजकुमार मक्कड़ ने शिक्षा विभाग में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में सेकेंडरी शिक्षा विभाग के निदेशक को गलत लाभ लेने वाले प्रधानाचार्य युद्धवीर सिंह के खिलाफ तीन माह में कार्रवाई किए जाने की सिफारिश भेजी थी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह ने राज्य आयुक्त दिव्यांगजन पंचकूला राजकुमार मक्कड़ को शिकायत दी थी। बृजपाल सिंह परमार की तरफ से राज्य आयुक्त दिव्यांगजन को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि युद्धवीर सिंह एसएस मास्टर 2003 में शिक्षा विभाग में नौकरी लगते समय मुक(बोलने में दिक्कत) दिव्यांग दिखाया था। जबकि शिक्षा विभाग के रिकार्ड में कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला था। इसके बाद दिव्यांग कोटे से मुख्य अध्यापक के पद पर भर्ती शुरू हुई तो ऑर्थो(पोलियो) का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर दिव्यांग कोटे का गलत तरीके से लाभ ले लिया।

संगठन अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी में फर्जी प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ। इसी मामले में अब सेकेंडरी शिक्षा निदेशक अंशज सिंह ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हालुवास के प्राचार्य युद्धवीर सिंह द्वारा दिव्यांगजन कोटे से लिए गए सभी अनुचित लाभों व वाहन भत्तों की वसूली के आदेश दिए हैं। सेकेंडरी निदेशक ने भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी को भी लाभ व वाहन भत्तों की वसूली की एक सप्ताह में रिपोर्ट निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।

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