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एनएसएस व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है : प्रो. सोमनाथ - Bharat Sarathi

एनएसएस व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है : प्रो. सोमनाथ

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

केयू में एनएसएस के सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर का शुभारंभ।

कुरुक्षेत्र, 26 जुलाई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आज के समय में व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनना चाहिए। दूसरे पर निर्भर रहने की अपेक्षा आत्मनिर्भर बन जाना सबसे बड़ी उपलब्धि है। एनएसएस व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सात दिवसीय एनएसएस के राष्ट्रीय एकता शिविर के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। यह राष्ट्रीय एकता शिविर निदेशालय उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. सोमनाथ ने ध्वजारोहण कर किया ।

कुलपति प्रो. सोमनाथ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एनएसएस के महत्व तथा एनएसएस स्वयंसेवकों को नॉलेज, स्किल एवं एटीट्यूड के बारे में बताते हुए अपने विचारों और चरित्र को बेहतरीन बनाने का संदेश दिया तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं इसकी विशेषताओं के बारे में स्वयंसेवकों समझाया।

केयू के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. आनंद कुमार ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथि गण व 15 राज्यों से आए प्रोग्राम अधिकारी तथा सभी स्वयंसेवकों का स्वागत किया एवं उन्हें अगले आने वाले 7 दिनों के कार्यक्रम के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एकता शिविर के पहले दिन 15 राज्यों से आए 200 स्वयंसेवकों ने पंजीकरण करवाया। इस सत्र में सर्वप्रथम सभी 15 राज्यों के एनएसएस स्वयंसेवकों वह प्रोग्राम ऑफिसर ने अपना अपना परिचय दिया व अपने राज्य की विशेष बातों के बारे में बताया

विशिष्ट अतिथि डॉ. मनोज कुमार एनएसएस प्रोग्राम एडवाइजर एनएसएस आरडी दिल्ली ने स्वयंसेवकों को एनएसएस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वयं से पहले दूसरों की सेवा करने का उत्तम विचार दिया । उन्होंने सेवकों को स्वावलंबी होने के लिए प्रेरित किया तथा बताया कि यदि आप आत्मनिर्भर बनेंगे तभी आपका व भारत का भविष्य उज्जवल रहेगा।

विशिष्ट अतिथि डॉ. दिनेश स्टेट एनएसएस अधिकारी निदेशालय उच्च शिक्षा विभाग, सभी स्वयंसेवकों के साथ रूबरू हुए तथा उन्हें राष्ट्रीय एकता शिविर के महत्व तथा उपयोग के बारे में बताया । उन्होंने बताया कि विद्यार्थी राष्ट्रीय एकता शिविर में प्रतिभागिता के माध्यम से अपने भविष्य को उज्जवल कर सकते हैं। यदि स्वयंसेवक समर्पण की भावना से काम करें तब वह समाज व राष्ट्र के लिए बहुत कुछ कर सकता है। एनआईसी कैंप के द्वारा आप एक टीम के माध्यम से योजना पूर्वक कार्य करने की दृष्टि विकसित करते हैं। ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का समुचित प्रबंधन भी एनआईसी के द्वारा सीखा जा सकता है।
डिप्टी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. नीरज ने सभी का धन्यवाद किया । इसके पश्चात मुख्य अतिथि एवं बाकी सभी अतिथियों तथा 16 राज्यों से आए प्रोग्राम अधिकारी एवं स्वयंसेवकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें विभिन्न राज्यों जैसे मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, केरल, तमिलनाडु, सिक्किम व कश्मीर के एनएसएस स्वयंसेवकों ने अपनी अपनी संस्कृति को नृत्य एवं गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का सभी ने भरपूर आनंद उठाया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ संदीप, डॉ. वीर विकास, डॉ. संजय पठारी, गौहर खुर्शीद, डॉ. संध्या सयंतिनी मोहंती, डॉ. ए.आर. विसगन, सौरेन्द्र नाथ दास, सुमन बनिक, डॉ. विनेश कुमार केवी, तमिलारासी, डॉ. जी मल्लिकार्जुन, डॉ. सिद्धांत, डॉ. मनदीप, डॉ. जयभगवान आदि मौजूद रहे।

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