आगे-आगे ‘हुड्डा’, पीछे-पीछे कांग्रेस का ‘SRK’, चुनाव से पहले हरियाणा में दिख रहा अजब नजारा
 तिकड़ी से पांच हो सकते है हुड्डा विरोधी नेता
 हुड्डा विरोधी दो नेताओं ने की मल्लिकार्जुन खड़गे से भेंट की खबर 
पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने लगाया भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर उनके साथ वायदा खिलाफी का आरोप
ऐसी स्थिति बन रही है कि कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई अब ओर तेज 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा कांग्रेस में आपसी खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहां पिछले दिनों रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा व किरण चौधरी यानि ‘SRK’ एक मंच पर दिखाई दिए थे। तो माना जा रहा था, अब हुड्डा गुट के साथ इनकी खींचतान बढ़ने वाली है। अब ऐसा नजारा दिखाई भी देने लगा है।

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कांग्रेस को हाईजैक करने और एकाधिकार स्थापित करने का आरोप लगाने वाले हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं की संख्या तीन से बढ़कर पांच हो सकती है । कहा जा रहा है कि ऐसा करके कांग्रेस के केंद्रीय नेता भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर दबाव बनाने की चेष्टा कर रहे हैं। कुछ दिन से हरियाणा के तीन मजबूत नेता जिनका कांग्रेस हाईकमान में व्यक्तिगत दखल है, एक तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुकाबले एकजुट होकर कांग्रेस को ‘मजबूत’ करने के नाम पर इस तरह से सक्रिय हो गए हैं कि कांग्रेस में ‘वर्चस्व’ और ‘चौधर’ की लड़ाई और मुखर होती जा रही है। 

खबर यह है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरह रोहतक से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के दो नेता कृष्णमूर्ति हुड्डा और सुभाष बत्रा आगामी सत्ता संघर्ष और पार्टी में अपनी अहमियत की लड़ाई के लिए उपरोक्त तीनों नेताओं के साथ मंच साझा करने और एकजुटता के साथ अब ताल ठोंकने को तैयार हैं। संदेश स्पष्ट है कि अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनौती देने वाले नेताओं की संख्या तिकड़ी से बढ़कर पांच हो सकती है । यह दो नेता जिनकी चर्चा की गई है भूपेंद्र सिंह हुड्डा से खासे नाराज हैं । दोनों पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के साथ मंत्री रहे हैं। दोनों भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विरोध करते नजर आते हैं। कृष्णमूर्ति हुड्डा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा की तीखी आलोचना कर विरोध जता अनदेखी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे चुके हैं। वह हुड्डा पिता पुत्र के खिलाफ किलोई हलके के गांव गांव जाने लगे हैं।

खबर के अनुसार इन दोनों ने वीरवार को दिल्ली जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की।  शायद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कृष्णमूर्ति हुड्डा और सुभाष बत्रा को यह समझा दिया है कि एक और एक 11 होते हैं और वह अकेले लड़ाई लड़ेंगे तो सफल नहीं हो पाएंगे। यह सब पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के सहयोग से संभव हुआ है। यह दोनों नेता रोहतक से दिल्ली पहुंचे और पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला से मिले। इन तीनो में लगभग 1 घंटा परस्पर मंत्रणा हुई। उसके बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला दोनों को लेकर मल्लिका अर्जुन खड़गे से मिले । इन तीनों में क्या बात हुई इसका ब्यौरा अभी प्राप्त नहीं हुआ है परंतु इन दोनों नेताओं द्वारा इस भेंट की पुष्टि जरूर की गई है।

हुड्डा गुट और शैलजा गुट के बीच खींचतान का एक नजारा सिरसा जिले में देखने को मिला, जहां राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल के समर्थन में जनसभा की। वहीं कुमारी शैलजा  पूर्व विधायक के रिश्तेदारी में लगने वाले भजीजे पवन बेनीवाल के समर्थन में जनसभा करने वाली है।

‘मजबूत होगा बेनीवाल का हाथ’

आपको बता दें कि सिरसा के चोपटा क्षेत्र में गत दिवस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा हुई है। हुड्डा खेमे द्वारा करवाई गई इस जनसभा का आयोजन पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल ने करवाया। जिसको लेकर कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि जनसभा ऐतहासिक थी। इस रैली से जहां दीपेंद्र सिंह हुड्डा चुनावी शंखनाद से भरत सिंह बेनीवाल का हाथ मजबूत होगा। इसके अलावा हुड्डा खेमे की तरफ से दीपेंद्र हुड्डा ऐलनाबाद, रानियां, सिरसा में पहले भी जनसभाएं कर चुके है।

कुमारी शैलजा भी करेंगी जनसभा

वहीं चोपटा में पूर्व विधायक के रिश्तेदारी में लगने वाले भतीजे पवन बेनीवाल भी एक जनसभा का आयोजन करवाने वाले है। इस जनसभा को कुमारी शैलजा संबोधित करने वाली है। पवन बेनीवाल 2021 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर ऐलनाबाद उपचुनाव लड़ा था।

चंडीगढ़ बैठक में दिखी थी खींचतान

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में जैसे ही संबोधन करने के लिए कुमारी शैलजा खड़ी हुई हुड्डा समर्थकों ने नारेबाजी करने शुरू कर दी। जिसके बाद कुमारी शैलजा बैठक छोड़कर चली गई थी। हालांकि उनकी तरफ से कहा गया था कि किसी जरूरी काम की वजह से उन्हें जाना है। बैठक के बाद बाबरिया की तरफ से कांग्रेस नेताओं को एक दूसरे के खिलाफ ना बोलने की हिदायत दी थी। उनकी तरफ से कहा गया था कि भविष्य में ऐसा होगा तो पार्टी ऐसे नेताओं पर कार्रवाई करेगी।

हुड्डा ने की भिवानी में रैली, तो किरण ने नांगल चौधरी में दिखाई ताकत 

पिछले दिनों हुड्डा की ओर से रैली करके भिवानी के जाटलैंड व अहीरवाल में अपना दमखम दिखाया। इसके ठीक विपरीत उसी रोज किरण चौधरी ने खराब मौसम के बावजूद अपने बलबूते पर नांगल चौधरी में शक्ति का प्रदर्शन किया। उन्होंने खुला ऐलान किया कि यह कांग्रेस है जहां भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था और ताजपोशी भुपेंद्र हुड्डा की हुई।

राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि हरियाणा में हुड्डा विरोधी कांग्रेस नेता अब एकजुट होकर हुड्डा को शिकस्त दे कांग्रेस में अपने प्रभाव और दबदबे को भी साबित करना चाहते हैं। उन्हें इस बात पर ऐतराज है कि हुड्डा अपने दम पर यह संदेश देने की कोशिश करें कि भावी मुख्यमंत्री वे ही है। इन तीनों नेताओं का मकसद भविष्य में बनने वाली प्रदेश कार्यकारिणी में अपना दबदबा बनाना भी है। 

कांग्रेस में एक बार फिर ऐसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं जैसे कभी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के खिलाफ पांच नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ राम प्रकाश, कर्नल राम सिंह यादव और कुमारी शैलजा ने संघर्ष की एक मुहिम चलाने को मजबूर हुए थे। जहां तक कृष्णमूर्ति हुड्डा का सवाल है, किलोई विधानसभा क्षेत्र में आज भी असरदार नजर आते हैं जबकि वे एक 1991 में मंत्री बने थे। लेकिन वह दबाव बनाकर टिकट ले पाएंगे या भूपेंद्र सिंह हुड्डा या दीपेंद्र हुड्डा को हरा पाएंगे इसमें संदेह है। जहां तक सुभाष बत्रा का सवाल है वह रोहतक के मजबूत नेता जरूर हैं परंतु उनके मुकाबले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दूसरे बत्रा के रूप में अपने विश्वासपात्र सहयोगी भारत भूषण बत्रा को ताकतवर बना लिया है। इसके बावजूद ऐसी परिस्थितियां बन रही है कि यह दोनों नेता SRK के नाम से प्रसिद्ध कांग्रेस के तिकड़ी कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी के साथ मिलकर हुड्डा विरोधी मुहिम चला सकते हैं। एक खबर और है कि पानीपत जिले का कांग्रेस का एक और नेता हुड्डा गुट को छोड़कर रणदीप, किरण चौधरी और शैलजा के साथ जुड़ सकता है। 

आगामी 20 जुलाई को एसआरके तिकड़ी करनाल में अपनी ताकत दिखाएगी। इसके बाद 30 जुलाई को सिरसा में बड़ी रैली करके एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की जाएगी। यदि कृष्णमूर्ति हुड्डा और सुभाष बत्रा कि रणदीप सुरजेवाला से अंडरस्टैंडिंग बन गई है तो हो सकता है यह दोनों 20 जुलाई को करनाल में प्रस्तावित कार्यक्रम में शिरकत करें। ऐसी स्थिति बन रही है कि कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई अब ओर तेज होगी। 

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