–प्रभावित गांवों का मानसून सीजन का 3 महीने का बिजली बिल माफ हो – दीपेन्द्र हुड्डा –बाढ़ आपदा में मृतकों के परिवारों को कम से कम 20 लाख और फसल के नुकसान के लिए 40 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा –बाढ़ प्रभावितों को मुआवजे के साथ ही खाद्य सामग्री, मवेशियों के लिए चारे का वितरण तुरंत शुरू करे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा –अगले 3-4 दिन बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन समय रहते पुख्ता इंतजाम करे – दीपेन्द्र हुड्डा –दादूपुर नलवी नहर परियोजना सरकार ने बंद न की होती तो बड़े इलाके को बाढ़ से बचाया जा सकता था – दीपेन्द्र हुड्डा –भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति रोकने के लिए तात्कालिक व दीर्घकालिक उपाय करे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा –यमुना में अवैध खनन रोकने में नाकाम सरकार के लचर व लापरवाह रवैये से बाढ़ की समस्या हुई विकराल – दीपेन्द्र हुड्डा पानीपत, 15 जुलाई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज समालखा हलके के विभिन्न गांवों में बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर लोगों को हो रही कठिनाईयों के बारे में जानकारी ली और स्थानीय प्रशासन से बात करके राहत कार्यों में और तेजी लाने की माँग की। इस दौरान दीपेन्द्र हुड्डा ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी परेशानियों को जाना और कहा कि जलनिकासी न होने से हा-हाकार मचा हुआ है लोगों को खाने-पीने की किल्लत के साथ ही पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। बड़े पैमाने पर लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है, खेतों में लाखों एकड़ खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। ग्रामीणों ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को बताया कि इस बाढ़ के साथ खेतों में 5 फुट तक मिट्टी आ गई है जिसके कारण पूरे साल वो फसल नहीं लगा पाएंगे। गांवों और शहरों में सड़कों और घरों में पानी भर गया है। घरों और दुकान में रखा सामान बाढ़ के पानी में नष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे गाँव हैं जहाँ प्रशासन अब तक पहुंचा ही नहीं। इस चुनौतीपूर्ण समय में हम सभी का दायित्व है कि मिलजुल कर इस आपदा से मुकाबला करें और लोगों की जान व संपत्ति की रक्षा में हर संभव मदद करें। सरकार के लचर और लापरवाह रवैये ने पूरे प्रदेश में जलभराव का संकट बढ़ाने का काम किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि बाढ़ आपदा में मृतकों के परिवारों को कम से कम 20 लाख और फसल के नुकसान के लिए 40 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे सरकार। उन्होंने ने यह भी कहा कि लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है इसलिए मुआवजे के साथ ही जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री और उनके मवेशियों के लिए चारे का वितरण अविलंब किया जाए। साथ ही प्रभावित गांवों का मानसून सीजन का 3 महीने का बिजली बिल माफ हो और अगले 3-4 दिन बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन समय रहते पुख्ता इंतजाम करे। ग्रामीणों की मांग है कि किसान के खेतों में जो यमुना की रेत आ गई है उसको उठाने का अधिकार भी किसान को मिले। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बाढ़, जलजमाव के चलते जो लोग विस्थापित हुए हैं या उनके आवास क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। किसानों की खेती, खेतों में लगे बोरवेल व मोटर कंडम हो चुके हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार फसलों के मुआवजे के साथ बोरवेल व मोटर के लिए भी किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दे। व्यापारियों, दुकानदारों को भी काफी नुकसान हुआ है इसका भी सर्वेक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाए। बाढ़ के पानी के कारण अब बिमारियां फैलने का भी खतरा हो गया है, इसलिए प्रशासन प्रयाप्त मात्रा में दवा और चिकित्सकों की टीम भेजने का प्रबंध करे। इसके अलावा भविष्य में ऐसी आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन ने बाढ़ की विभीषिका को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके चलते यमुना नदी के बहाव का रास्ता कई स्थानों पर बदल गया है। बीते 9 साल में इस सरकार ने न तो नदी के तटबंधों को पक्का किया न ही नालों की सफाई कारवाई। यमुना के साथ जो रास्ता बनना था उसपर भी कोई काम नहीं किया और तो और दादूपुर नलवी नहर परियोजना को बंद कर दिया। इलाके के बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि यदि दादूपुर नलवी नहर परियोजना को इस सरकार ने बंद न किया होता, समय से तटबन्धों की मरम्मत करवा दी गई होती, जलनिकासी के लिए सीवेज, ड्रैन आदि की साफ-सफाई समय रहते हो जाती, अवैध खनन व अवैध निर्माण पर अंकुश लगा दिया होता, तो इस कदर तबाही का मंजर न देखना पड़ता, न ही इतना नुकसान होता। दीपेन्द्र हुड्डा ने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं व टीम दीपेन्द्र के साथियों से अपील करी कि ये समय चुनौती का है और जिस प्रकार कोरोना के समय सभी ने मिलकर लोगों की मदद का हाथ बढ़ाया उसी प्रकार पूरी सावधानी और सतर्कता बरतते हुए अपने अपने क्षेत्रों में बाढ़ग्रस्त इलाकों से खतरे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में सहायता करें। साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को खाने-पीने के सामान, पशुओं के चारे की व्यवस्था कराने में बढ़चढ़कर भागीदारी करें। Post navigation मुख्यमंत्री ने इंडियन ऑयल ग्रुप से की अपील, एक बार फिर अपना सीएसआर कर्तव्य निभाने के लिए आगे आएं, जलभराव वाले इलाकों में फंसे लोगों की मदद करें डॉ. संजीव कुमारी की पुस्तक “शिव पुरोहित: जंगम” इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज