चंडीगढ़, 4 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी) – 2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।         

राज्य के विभिन्न औद्योगिक संघों और निर्यातकों ने राज्य सरकार से सभी एमएसएमई के लिए योजना को संशोधित करने और निर्यातकों को प्रेरित करने के लिए ब्लॉक वाइज कैपिंग की समीक्षा करने का अनुरोध किया था।         

नए संशोधनों के अनुसार, वैश्विक बाजार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह / एयर कार्गो / अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिए माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में 25 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।         

विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सडक़ मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक माल की ढुलाई पर सरकारी शुल्क और करों को छोडक़र, फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत की सीमा तक माल ढुलाई सहायता, जो भी कम हो, जेडईडी प्रमाणन के स्तर के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी।         

थ्रस्ट सेक्टर (एचईईपी के तहत अधिसूचित) के लिए, ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित थ्रस्ट सेक्टर में लगे निर्माता निर्यातक को अधिकतम 25 लाख रुपये और थ्रस्ट सेक्टर ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में लगे निर्माता निर्यातक को 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी।         

अन्य सभी पात्र निर्माता निर्यातक इकाइयों (नॉन-थ्रस्ट सेक्टर) के लिए, ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 20 लाख रुपये तथा ‘ए’ और बी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी।

नई संशोधन नीति में विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सडक़ मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक ढुलाई हेतु जेडईडी गोल्ड सर्टिफाइड इकाइयों के लिए शत प्रतिशत सब्सिडी, जेडईडी सिल्वर सर्टिफाइड इकाइयों के लिए 75 प्रतिशत और जेडईडी कांस्य सर्टिफाइड इकाइयों के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत में से सरकारी शुल्क और करों को छोडक़र, 33  प्रतिशत सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी।

संशोधन के अनुसार, सभी पात्र इकाइयों के आवेदन वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर विभाग के वेब पोर्टल पर जमा करवाए जाएंगे और 10 लाख रुपये से अधिक की माल ढुलाई सब्सिडी की मंजूरी देने के लिए  महानिदेशक/निदेशक, एमएसएमई सक्षम प्राधिकारी होंगे।

योजना की शुरुआत और लागू होने की प्रभावी तिथि में बदलाव के साथ एजेंडे को स्वीकृति दी गई। योजना की लागू होने की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 होगी जिसका अर्थ है कि वास्तविक निर्यात 1 जुलाई, 2023 को या उसके बाद किया जाना चाहिए, यह उठान के बिल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

यह नीति राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और 5 लाख नौकरियां पैदा करने के उद्देश्य से अधिसूचित की गई थी। हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी), 2020, औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता, संतुलित क्षेत्रीय विकास, निर्यात, नवाचार और उद्यमिता और मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए राज्य के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए पांच स्तंभों की पहचान करती है।

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