योजना का उद्देश्य महिलाओं के आय स्तर में सुधार करना व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चंडीगढ़, 4 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को अधिक सशक्त व आर्थिक रूप से और स्थिर बनाने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण जल आपूर्ति योजना में सेवा प्रदाताओं के रूप में स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने के लिए एक नई योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य एसएचजी सदस्यों को अतिरिक्त आजीविका के अवसर प्रदान करने के साथ ही ग्राम पंचायत को राजस्व बढ़ाने का अवसर देना है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के शुल्क के संग्रह और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए एसएचजी को शामिल करने-जल आपूर्ति योजना के लिए प्लानिंग, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव नीति के लिए शक्तियां ग्राम पंचायतों के पास निहित, से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना के तहत, पानी के शुल्क की बिलिंग ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी-जीपी) द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है, जो बिलिंग इन्फोरमेशन सिस्टम फॉर वॉटर एंड सीवर (बिसवास) पोर्टल पर ऑनलाइन बिल भेजने के लिए स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिला सदस्यों को जोड़ेगी। पानी के बिलों के वितरण और शुल्क का संग्रहण एसएचजी सदस्यों द्वारा समय-समय पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा। योजना के नियमों और शर्तों के अनुसार, जिला स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न आईईसी गतिविधियों को करने के लिए क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) को एक सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, जल जीवन मिशन के तहत ग्राम स्तर पर 1 या 2 एसएचजी महिलाओं को जोड़ा जाएगा। ये महिलाएं ग्राम स्तर पर रिसोर्स पर्सन के रूप में काम करेंगी और वीडब्ल्यूएससी, वॉटर एंड सैनिटेशन स्पोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसएसओ) और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के समन्वय से चयनित गतिविधियां करेंगी। चयनित फील्ड गतिविधियों के लिए सेवा प्रदाता के रूप में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की भागीदारी के संबंध में उक्त योजना हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) के समन्वय से तैयार की गई है। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है। वर्तमान में, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) ने प्रदेश के सभी 22 जिलों के 143 ब्लॉकों में 57,030 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 5,85,146 परिवारों को जोड़ा है। Post navigation मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति – 2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी मंत्रिमंडल की बैठक में विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना के आय मानदंडों में बदलाव