कांग्रेस में सिफारिश पर नहीं मिलेगी टिकट, शर्तों पर उतरना होगा खरा
पिछड़े और यादव समाज के लोगों का समर्थन जुटाने में जुटी कांग्रेस
दानसिंह लड़ेंगे भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव?

अशोक कुमार कौशिक 

लोकसभा व विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट की बाट जोह रहे नेताओं को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। उन्हें पार्टी द्वारा तय शर्तों को पूरा करना होगा। केवल सिफारिश पर इस बार टिकट नहीं मिल पाएगा। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा में प्रचंड बहुमत के साथ पार्टी नेतृत्व का मनोबल बढ़ा हुआ है। ऐसे में अब टिकट आवंटन में भी पार्टी नेतृत्व काफी सख्ती करने के मूड में है। बताया गया है कि उन्हीं को पार्टी टिकट मिलेगा, जिनकी इमेज अच्छी है और जो चुनाव जीतने में समक्ष हैं।

पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी व्यक्ति विशेष के कहने पर टिकट नहीं मिलेगी। आमतौर पर हरियाणा में यही होता रहा है कि वरिष्ठ नेता अपने-अपने समर्थकों की टिकट के लिए भाग-दौड़ में रहते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि अपने अधिक से अधिक समर्थकों को टिकट दिलवाई जाए। 2019 के विधानसभा चुनावों में भी कोटा सिस्टम के तहत ही टिकटों का आवंटन हुआ था।

मसलन, हुड्डा के प्रभाव वाले एरिया में उनकी चली। इसके अलावा भी प्रदेश के दूसरे उन इलाकों में उनकी पसंद से टिकट दिए गए, जहां हुड्डा का प्रभाव था और नेता भी मजबूत थे। इसी तरह से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, कैप्टन अजय सिंह यादव और पूर्व मंत्री व विधायक किरण चौधरी के समर्थकों को भी उनके कोटे के तहत टिकट मिली। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व अब इस कोटा सिस्टम को खत्म करने की तैयारी में है। 

गुटबाजी बढ़ने के पीछे यह सिफारिशी सिस्टम भी बड़ा कारण है। टिकटों के अधिकांश दावेदार अपने-अपने ‘आकाओं’ की परिक्रमा पर अधिक फोकस रखते हैं। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि वरिष्ठ नेताओं की पसंद-नापसंद की अनदेखी की जाएगी, लेकिन पार्टी की कोशिश रहेगी कि जीतने वाले और युवा उम्मीदवारों पर अधिक से अधिक दांव लगाया जाए। पार्टी नेतृत्व इस बारे में भी मंथन कर रहा है कि पचास प्रतिशत टिकटें यानी नब्बे में से करीब 45 टिकटें 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को दी जाएं।

आधिकारिक तौर पर भले ही इस पर सहमति नहीं बनी है, लेकिन व्यवस्था में बदलाव की शुरुआत के बीच नेतृत्व इस फार्मूले पर भी विचार कर रहा है। 24 व 25 जून को चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नेताओं की सामूहिक मीटिंग व वन-टू-वन संवाद के दौरान भी बाबरिया स्पष्ट कर चुके हैं कि टिकटों का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा। इतना ही नहीं, जिताऊ चेहरों की तलाश के लिए पार्टी द्वारा लोकसभा के लिए सभी 10 हलकों और विधानसभा के लिए 90 हलकों में सर्वे भी करवाया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा भी अपनी तरफ से इसी तरह का सर्वे करवाए जाने का खुलासा पहले ही किया जा चुका है। अब नेतृत्व का अपना खुद का सर्वे होगा। सर्वे में पास-फेल होने के हिसाब से ही टिकट मिलेगा। पचास प्रतिशत टिकटों पर युवाओं को तवज्जो देने का अगर निर्णय होता है तो कई वरिष्ठ नेता इसकी जद में आ सकते हैं। वहीं लम्बे समय से पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे कई युवा नेताओं की ‘लॉटरी’ भी लग सकती है। 2009 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस यूथ कोटे से टिकट देने का फार्मूला आजमा चुकी है।

हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में सक्रियता बढ़ा दी है। बाबरिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से आयोजित किए जाने वाले विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। हुड्डा अभी तक सात लोकसभा क्षेत्रों के कार्यक्रम कर चुके हैं और उनका आठवां कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल के प्रभाव वाले क्षेत्र भिवानी में नौ जुलाई को होगा।

हुड्डा ने अपने भरोसेमंद पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं विधायक राव दान सिंह को विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम का संयोजक बनाया है। इससे पहले पूर्व प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी हुड्डा के विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में यमुनानगर में शामिल हुए थे। भिवानी के बाद रोहतक और हिसार लोकसभा क्षेत्रों के विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम बाकी रह जाएंगे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का निमंत्रण किया स्वीकार

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रमों को कांग्रेस के अधिकृत कार्यक्रम नहीं मानती, जबकि दो दिन चंडीगढ़ में रह गए कांग्रेस प्रभारी ने विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम को हरी झंडी देते हुए इनकी सराहना की थी। संगठन समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए जब बाबरिया शुक्रवार को नई दिल्ली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर पहुंचे तो उन्हें नौ जुलाई के विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया। बाबरिया द्वारा हुड्डा का यह निमंत्रण स्वीकार कर लिए जाने की सूचना है।

लोकसभा स्तर के बैठकें करेंगे कांग्रेस प्रभारी

कांग्रेस प्रभारी नौ जुलाई के बाद राज्य में लोकसभा स्तर की बैठकें भी करेंगे। राज्य में 10 लोकसभा सीट हैं। एक दिन में दो-दो लोकसभा क्षेत्रों की बैठकें होंगी, जिनका शेड्यूल जल्द घोषित होने की संभावना है। हुड्डा और बाबरिया के बीच हुई मुलाकात के दौरान कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करने का फैसला किया है। लोकसभा स्तर की बैठकों के बाद रैलियों का दौर शुरू होगा। इन रैलियों के माध्यम से बाबरिया टिकट के दावेदारों का दम भी जांच सकेंगे।

31 जुलाई तक चलेगा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान

हरियाणा कांग्रेस कमेटी के बैनर तले यह रैलियां होंगी। रैलियों में जहां भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की विफलताओं को उजागर करने की योजना है, वहीं लोकसभा स्तर की बैठकों में पार्टी की गुटबाजी को खत्म कर संगठन को मजबूत व एकजुट करने की दिशा में बाबरिया प्रयास करते दिखाई देंगे। पार्टी प्रभारी ने हरियाणा कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को 31 जुलाई तक जारी रखने पर सहमति दे दी है।

पिछड़े और यादव समाज के लोगों का समर्थन जुटाने में जुटी कांग्रेस

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद हरियाणा कांग्रेस की ओर से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान आरंभ किया गया था, जिसमें हुड्डा और उनके विधायक निरंतर कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। फिलहाल हुड्डा का पूरा जोर किरण चौधरी के प्रभाव वाले क्षेत्र भिवानी में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम को सफल करने पर है। पिछड़े और यादव समाज के लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए पार्टी ने राव दान सिंह को बड़े ही रणनीतिक ढंग से इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंपी है। 

दानसिंह लड़ेंगे भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव?

लोकसभा चुनाव में अपने धड़े के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए हुड्डा खेमा अपने विरोधी खेमे को शिकस्त देने के लिए अभी से रणनीति बनाने में जुट गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री रणजीत सिंह सुरजेवाला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा, पूर्व मंत्री किरण चौधरी व कैप्टन अजय यादव को मात देने के लिए महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह को भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी के तौर पर उतारा जा सकता है। कांग्रेस में बढ़ रही धडेबाजी का एक बड़ा उदाहरण सबके सामने है। कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व मंत्री किरण चौधरी एक महीने पूर्व ही अपनी बेटी श्रुति चौधरी पूर्व सांसद को भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी का लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इसके लिए अभी तक हाईकमान की ओर से कोई लिस्ट जारी नहीं हुई है और ना ही इस संबंध में चुनाव समिति की बैठक हुई है।

संगठन के गठन की बंधी उम्मीद

पिछले नौ वर्षों से लटका संगठन का गठन भी अब जल्द होने के आसार बने हैं। प्रदेश प्रभारी जितने आत्मविश्वास से दावा कर रहे हैं, उसके हिसाब से जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी तथा जिला व ब्लाॅक प्रधानों का निर्णय हो सकता है। हालांकि इससे पहले वे नई दिल्ली में सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ निर्णायक बैठक करेंगे। यह बैठक भी इसलिए होगी ताकि सर्व सहमति से संगठन का गठन किया जा सके।

” दीपक बावरिया ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा है कि लोकसभा व विधानसभा चुनावों में टिकटों का आवंटन योग्यता के आधार पर होगा। किसी व्यक्ति विशेष के कहने से टिकटें नहीं दी जाएंगी। टिकट आवंटन से पहले सर्वे भी करवाया जाएगा ताकि मजबूत और जिताऊ चेहरों को मैदान में उतारा जा सके। संगठन गठन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही संगठन का गठन कर दिया जाएगा। ”

error: Content is protected !!