चंडीगढ़, 26 जूनः हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने मुख्यमंत्री खट्टर द्वारा बल्लभगढ़ से पलवल तक मेट्रो विस्तार की घोषणा को जुमला करार दिया है। उदयभान का कहना है कि लोगों की आंखों में धूल झोंकना और हवा-हवाई वादे करना बीजेपी की पुरानी आदत है। 9 साल से जिस सरकार ने हरियाणा में 1 इंच भी मेट्रो लाइन नहीं बिछाई, वह अब चुनाव नजदीक आते देख अचानक मेट्रो विस्तार की बात कर रही है। जबकि सच्चाई यह है कि 9 साल तक प्रदेश की खट्टर सरकार ने हरियाणा में मेट्रो विस्तार के लिए केंद्र सरकार से किसी भी तरह का पत्राचार नहीं किया। ना ही बजट में मेट्रो लाइन के विस्तार का कोई प्रावधान किया गया है। लगभग 4 साल पहले भी मौजूदा सरकार ने फरीदबाद से गुड़गांव तक अलग मेट्रो लाइन की घोषणा की थी। सरकार बताए कि उस घोषणा पर अबतक क्या काम हुआ?

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि खट्टर सरकार के पास चुनाव में जनता के बीच जाकर बताने लायक एक भी उपलब्धि नहीं है। इसलिए वो नई घोषणाओं का झांसा देकर जनता को बरगलाना चाहती है। उन्होंने बताया कि केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हरियाणा के 4 शहरों गुड़गांव, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और बल्लभगढ़ को मेट्रो से जोड़ा गया था। लेकिन देश व प्रदेश में सरकार बदलने के बाद मेट्रो के विस्तार का काम वहीं रोक दिया गया। जबकि दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा है, इसलिए दिल्ली मेट्रो का विस्तार हरियाणा में आगे तक होना चाहिए था। लेकिन हरियाणा में पिछले 9 साल में मेट्रो का एक नया पिलर तक नहीं लगा। जबकि इसी दौरान योगी सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में 38 किलोमीटर तक मेट्रो की स्वीकृति हो चुकी है। वहीं, हरियाणा की मौजूदा सरकार के नकारेपन की वजह से प्रदेश लगातार विकास की परियोजनाओं से वंचित हो रहा है।

चौधरी उदयभान ने कहा कि पलवल में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री मंच से जनता को बरगलाने वाली घोषणाएं कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ उनके आदेश पर पुलिस बीजेपी के ही वर्कर पर कहर ढा रही थी। सत्ता के अहंकार में डूबी सरकार ने बीजेपी के ब्राह्मण नेता लेखराम भारद्वाज की जमकर पिटाई की, उसके कपड़े फाड़े, जमीन पर घसीटा और फिर उसे रैली स्थल से गाड़ी में डालकर ले जाया गया।

भाजपा के कार्यक्रमों में जनता के साथ बदसलूकी का लंबा इतिहास रहा है। इससे पहले खुद मुख्यमंत्री ने अपने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सिरसा में नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई की मांग करने वाली एक दलित विधवा के साथ बदतमीजी की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक महिला सरपंच को अपमानित करने का काम किया। पलवल में ही संजय गुर्जर नाम के एक शख्स की पिटाई करवाई गई। बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता रहे हर्षमोहन भारद्वाज को मुख्यमंत्री ने सरेआम गर्दन काटने की धमकी दी। एक के बाद एक हो रही ऐसी घटनाओं से स्पष्ट है कि सत्ता का अहंकार मुख्यमंत्री और भाजपाइयों के सिर चढ़कर बोल रहा है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, कच्चे कर्मचारी, आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर और सफाई कर्मियों से लेकर सरपंच तक पर लाठियां बरसाने वाली सरकार अब अपने कार्यकर्ताओं पर भी जुल्म ढाने में जुट गई है।

लेकिन प्रदेश से जुल्म का यह साम्राज्य समाप्त होने वाला है। जनता बीजेपी-जेजेपी की अहंकारी और अत्याचारी सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है। प्रदेश में जन-जन का कल्याण और हर वर्ग का सम्मान करने वाली कांग्रेस सरकार बनने जा रहे हैं।

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