हाई कोर्ट के आदेश से भागने की बजाए इसे लागू करे सरकार जब सभी को मौका नहीं देना था, तो सीईटी क्वालीफाई की क्यों रखी शर्त चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को तृतीय श्रेणी के पदों को भरने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट में सीईटी पास सभी युवाओं को मौका देना चाहिए। न्याय की गुहार लगाने वाले युवाओं को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट भी स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल करने का आदेश दे चुका है, लेकिन हरियाणा सरकार इस आदेश को लागू करने की बजाए चार गुणा उम्मीदवार ही बुलाने की जिद्द पर अड़ी है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को हठधर्मिता छोड़ते हुए युवाओं के हित में फैसला लेना चाहिए। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि गठबंधन सरकार युवाओं के विरोध के बीच सीईटी लेकर आई। सीईटी जब कराया गया तो कहा गया कि इसे पास करने वाले ही नौकरी के हकदार होंगे। लेकिन, अपनी बात पर अड़िग रहने की बजाए अब इंटरव्यू से पहले स्क्रीनिंग टेस्ट की शर्त को और जोड़ दिया है। यह सरासर गलत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तृतीय श्रेणी के सीईटी के लिए करीब साढ़े 11 लाख से अधिक युवाओं ने आवदेन किया, जिसमें से करीब 357 लाख पास हुए। इससे साफ है कि नौकरी के लायक करीब 8 लाख युवाओं को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार सीईटी के नाम पर एक ही झटके में पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। अब जो भी युवा सीईटी उत्तीर्ण कर चुके हैं, उन सभी को मौका देने की बजाए पिक एंड चूज के जरिए स्क्रीनिंग टेस्ट में बुलाने का फॉर्मूला अपनाया जा रहा है। कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग इस जिद्द पर अड़ा है कि वह विज्ञापित पदों के मुकाबले चार गुणा युवाओं को ही बुलाएगा। ऐसे में किन युवाओं को बुलाया जाएगा, इसके बारे में भी कोई साफ-स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही। इससे पीछे का मकसद चहेतों को नौकरी देना है और पारदर्शिता तो महज दिखावा है। पिछले दिनों हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि लिखित व कौशल परीक्षा में याचिकाकर्ताओं को शामिल किया जाए, इससे साफ है कि आयोग अपनी मनमानी पर उतारू है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीईटी में सिर्फ चार गुणा को बुलाने की जिद्द से एक और बात साफ होती है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने की बजाए दूसरे प्रदेशों के युवाओं को नौकरी देना चाहती है। सरकार की मंशा हरियाणावियों को रोजगार से वंचित रखना है। प्रदेश का युवा गठबंधन सरकार की तमाम कारगुजारियों को करीब से देख रहा है और समझ रहा है कि उनके हितों के साथ कैसे खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने अगर चार गुणा वाली शर्त को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में इसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। Post navigation आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में काला अध्याय….. इससे सबक लेने की जरूरत : विद्रोही मोदी को मात देने के लिए कांग्रेस से निकल जाएंगे 309 लोकसभा सीट वाले 10 बड़े राज्य?