शाह के हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने का दावे पर बिफरे दुष्यंत चौटाला, बोले- हम भी 2024 के लिए तैयार

‘राव राजा’ का शक्ति प्रदर्शन प्रतिद्वंदी भूपेंद्र यादव के गढ़ में
हरियाणा में ‘अगर बदलना है मुख्यमंत्री’, तो रैली में दिखाना होगा शक्ति प्रदर्शन- आरती राव
हरियाणा में फिर कमल खिलाने को ‘शाही मैनेजमेंट’
कई सांसद चाहते हैं विधानसभा का टिकट

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में बीजेपी की सरकार है लेकिन जननायक जनता पार्टी और निर्दलीयों के रहमोकरम पर। अभी तक सरकार में सब कुछ ठीक ही लग रहा है। लेकिन अमित शाह के एक बयान से दोनों दलों के रिश्तों में तल्खी दिखनी शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि न तो हम बीजेपी को रोक सकते हैं और न ही बीजेपी हमें। अगर वो अकेले लड़ने को तैयार हैं तो हम भी तैयार हैं। सभी 10 लोकसभा सीट पर लड़ेंगे। 

अमित शाह ने इसी सप्ताह सिरसा की एक रैली में कहा था कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तैयारी 300 पार सीटें जीतने की है। हरियाणा को लेकर उनका कहना था कि पार्टी 10 की 10 लोकसभा सीटें जीतने में सक्षम है वो भी अपने दम पर। उनका ये दावा दुष्यंत चौटाला को रास नहीं आया।

दुष्यंत ने दिए पिता अजय चौटाला को भिवानी से उतारने के संकेत 

हालांकि दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार बेहतरीन तरीके से चल रही है। उसे लेकर कहीं कोई संशय नहीं है। लेकिन उन्होंने इशारा दिया कि वो भी लोकसभा चुनाव में अकेले ताल ठोंक सकते हैं। उनका कहना था कि वो अपने पिता अजय चौटाला को भिवानी से उतारने की तैयारी में हैं। उनका कहना था कि जेजेपी के बनने के बाद से लगातार उनका वोटबैंक बढ़ा है। इस साल इसे 40 फीसदी वोटों तक ले जाने का लक्ष्य है। उनका कहना था कि हम सांगठनिक तौर पर इतने समर्थ हैं कि बीजेपी हमें नहीं रोक सकती। न ही हम बीजेपी को रोकने की स्थिति में है। 

विधानसभा चुनाव के लिए करीब डेढ़ साल का समय अभी बाकी है, लेकिन प्रदेश में अभी से सियासी पारा सातवें आसमान पर है। भाजपा द्वारा लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराए जाने बातों के कारण राजनीतिक गहमागहमी जोरों पर है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे अब बीजेपी में बगावती सुर तेज होने लगे हैं।

राव राजा का भुपेंद्र यादव के गढ़ में शक्ति परीक्षण, आरती के बगावती सुर

हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 में होने हैं और राजनीतिक पार्टियों में गुटबाजी भी सामने आ रही हैं। एक बार फिर से बीजेपी में बगावती सुर तेज होने लगे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी व भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य आरती राव का एक बड़ा बयान सामने आया है।जिसमें कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरती राव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री बदलना है, तो आगामी 25 जून की रैली को सफल बनाना होगा।

दक्षिण हरियाणा की राजनीति में राव इंद्रजीत सिंह एक बड़ा नाम है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम लोकसभा से चार बार से लगातार सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं, लेकिन कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से राव इंद्रजीत सिंह की खटपट की खबरें भी सामने आई हैं। फिलहाल लग रहा था की राव इंद्रजीत सिंह और मुख्यमंत्री के बीच सब कुछ ठीक हो गया है । लेकिन ऐसा नहीं है, राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने इस गलतफहमी को अपना बयान जारी कर दूर कर दिया है।

दरअसल, भाजपा के 9 साल पूरे होने पर प्रदेश की सभी लोकसभा क्षेत्र में रैली आयोजित की जा रही है। ऐसे ही आगामी 25 जून को पटौदी में गुरुग्राम लोकसभा की रैली आयोजित की जा रही है। जिसका नेतृत्व गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह कर रहे हैं। इस रैली की सबसे मजेदार बात यह है कि यह ‘राव राजा’ के प्रतिद्वंदी माने जाने वाले भाजपा के केंद्रीय मंत्री भुपेंद्र यादव के गढ़ में हो रही है। वहीं, इस रैली को लेकर आरती राव पटौदी में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थी। आरती राव ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं से कहा कि दक्षिण हरियाणा का हरियाणा की राजनीति में बड़ा महत्व है । उन्होंने यह तक कह डाला कि अगर 25 जून को होने वाली रैली में शक्ति प्रदर्शन ना दिखाया गया, तो उसका नुकसान हो सकता है।

सूत्रों की मानें तो आज से ठीक 10 साल पहले जब राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस में हुआ करते थे। तब भी उनमें मुख्यमंत्री बनने की लालसा थी और इसी बात को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी उनकी खटपट की खबरें सामने आती थी। यही नहीं मुख्यमंत्री बनने के सपने को पूरे करने के लिए उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थामा था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जिसके कारण कई बार राव इंद्रजीत सिंह की मुख्यमंत्री से नाराजगी की खबरें भी सामने आती रही। बहरहाल 2024 चुनाव से पहले राव इंद्रजीत सिंह के खेमे द्वारा एक बार फिर मुख्यमंत्री को लेकर दिए जा रहे बयान पर हरियाणा की राजनीति और भाजपा पर कितना असर डालेंगे यह तो वक्त ही बता पाएगा।

हरियाणा में फिर कमल खिलाने को ‘शाही मैनेजमेंट’

हरियाणा में लोकसभा की सभी दस सीटों पर फिर ‘कमल’ खिलाने के लिए भाजपा माइक्रो मैनेजमेंट पर काम करेगी। रूठों को मनाया जाएगा और नये चेहरों को भी पार्टी के साथ जोड़ने की रणनीति पर काम होगा। नयी दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में बुधवार रात ढाई घंटे तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई हाई लेवल मीटिंग में सभी दस सीटों पर मंथन हुआ।

सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर भाजपा नये चेहरों की तलाश कर रही है। भाजपा का अदंरूनी सर्वे कुछ सीटों को पार्टी के लिए कमजोर मान रहा है तो कुछ सीटों पर मौजूदा सांसदों की ग्राउंड रिपोर्ट सही नहीं है। ऐसे में इन सीटों पर नये चेहरों को उतारना लगभग तय है। सूत्रों का कहना है कि शाह ने प्रदेश भाजपा के नेताओं से ऐसी सीटों पर विकल्प के तौर पर दो-दो नाम देने को कहा है।

कई सांसद चाहते हैं विधानसभा का टिकट

अम्बाला के सांसद रहे रतनलाल कटारिया का निधन होने की वजह से यहां नया चेहरा मैदान में उतरना तय है। कुछ सांसद ऐसे भी हैं, जो इस बार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। इनमें करनाल के सांसद संजय भाटिया, कुरुक्षेत्र के नायब सिंह सैनी और भिवानी-महेंद्रगढ़ के धर्मबीर सिंह के भी नाम शामिल हैं। सोनीपत के सांसद रमेश चंद्र कौशिक अपने बेटे को चुनावी राजनीति में लाना चाहते हैं। रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा की पसंद करनाल संसदीय क्षेत्र बताई जा रही है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सभी सीटों के गुणा-भाग के बाद ही पार्टी अंतिम निर्णय लेगी। जिन वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने बच्चों के लिए टिकट की मांग की जा रही है, उन पर भी पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि एक परिवार से एक ही टिकट के फार्मूले पर बढ़ते हुए पार्टी यह भी विकल्प दे सकती है कि बेटे-बेटी के लिए टिकट मांग रहे नेता, खुद चुनाव से दूर हों।