मोदी राज में विगत 9 सालों में जितने भी एम्स देश में घोषित किये गए है, उनका कथित शिलान्यास तो किया गया पर अधिकांश पर आज तक काम शुरू नही हुआ : विद्रोही
जिन सात एम्स पर कांग्रेस-यूपीए सरकार ने निर्माण कार्य शुरू किया था, मोदी-भाजपा सरकार उनका भी निर्माण कार्य विगत 9 सालों में पूरा नही करवा पाई है : विद्रोही

21 जून 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि पिछले एक साल से सार्वजनिक रूप से कहते आ रहे है कि माजरा एम्स का शिलान्यास लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पूर्व नवम्बर-दिसम्बर 2023 के आसपास होगा ताकि भाजपा अहीरवाल के मतदाताओं को एम्स के नाम पर भावनात्मक रूप से ठगकर वोट बटोर सके। विद्रोही ने कहा कि अब हरियाणा के जनस्वास्थ्य मंत्री डा0 बनवारीलाल का बयान मेरी उक्त बात को पुष्ट करता है। डा0 बनवारीलाल अनुसार माजरा एम्स का शिलान्यास अक्टूबर के आसपास होने की संभावना है। मोदी-भाजपा सरकार के लिए विकास जनहित व जनसेवा न होकर वोट बैंक की औच्छी व गंदी राजनीति का औजार है, तभी वे हर विकास कार्य व सामाजिक सुरक्षा की योजना चुनावों में वोट बटोरने के मध्यनजर करते है। माजरा एम्स शिलान्यास करने से पहले की कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए भाजपा-खट्टर सरकार ने विगत दो सालों में एक सुनियोजित रणनीति के तहत ऐसी धीमी प्रक्रिया अपनाई जिससे शिलान्यास कार्यक्रम को नवम्बर-दिसम्बर 2023 तक घसीटकर लोकसभा चुनाव 2024 में गुरूग्राम, महेन्द्रगढ़-भिवानी, रोहतक लोकसभा क्षेत्र में अहीरवाल से सम्बन्धित मदाताओं को भावनात्मक रूप से बरगालाकर वोट बटोरी जा सके। 

विद्रोही ने कहा कि डा0 बनवारीलाल के बयान के बाद भाजपा सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया जिनके लिए विकास जनहित कार्य न होकर वोट बटोरने का साधन मात्र है। अहीरवाल के जागरूक मतदाताओं की वजह से भाजपा सरकार माजरा एम्स शिलान्यास करने को मजबूर तो हुई है, लेकिन यह कोई नही जानता कि माजरा एम्स जमीन पर कब फंक्शनल होगा। मोदी राज में विगत 9 सालों में जितने भी एम्स देश में घोषित किये गए है, उनका कथित शिलान्यास तो किया गया पर अधिकांश पर आज तक काम शुरू नही हुआ। जिन सात एम्स पर कांग्रेस-यूपीए सरकार ने निर्माण कार्य शुरू किया था, मोदी-भाजपा सरकार उनका भी निर्माण कार्य विगत 9 सालों में पूरा नही करवा पाई है। विद्रोही ने कहा कि विकास कार्यो के प्रति मोदी-भाजपा सरकार के विगत 9 सालों के रवैये के बाद कहा नही जा सकता कि माजरा एम्स का धरातल पर निर्माण कब शुरू होगा और कब पूरा होगा। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मांग की कि रेवाडी में अस्थायी रूप से एम्स की एमबीबीएस की कक्षाएं व ओपीडी शुरू की जाये ताकि 8 वर्षो से एम्स निर्माण की बाट जोंह रहे अहीरवाल के लोगों को यह विश्वास हो कि एम्स के नाम पर भविष्य में औच्छी-गंदी राजनीति करके उन्हे ठगा नही जायेगा। 

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