योग कई सदियों से भारतीय संस्कृति की परंपरा रही है योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृति के युज से हुई है, जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के हेल्थ सेंटर के एडमिनिस्ट्रेटर, गैपियो सदस्य, आर एस एस डी आई मेंबर एवं मेडिकल ऑफिसर डॉ. आशीष अनेजा ने इंटरनेशनलकुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पर लोगों को जागरूक किया। हर साल 21 जून को दुनियाभर में इंटरनेशनल योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर के कार्यक्रमों को आयोजित कर योग को लेकर जागरूक किया जाता है लोगों को योग से होने वाले फायदे बताए जाते हैं। योग कई सदियों से भारतीय संस्कृति की परंपरा रही है। पुरातन काल से ही ऋषि मुनि योग करते रहे हैं भारत की पहल पर योग के महत्व को देखते हुए इसे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाया गया है योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृति के युज से हुई है, जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन। योग लगभग दस हजार साल से भी अधिक समय से अपनाया जा रहा है। वैदिक संहिताओं के अनुसार तपस्वियों के बारे में प्राचीन काल से ही वेदों में इसका उल्लेख मिलता है। सिंधु घाटी सभ्यता में भी योग और समाधि को प्रदर्शित करती मूर्तियां प्राप्त हुईं। हिन्दू धर्म में साधु, संन्यासियों व योगियों द्वारा योग सभ्यता को शुरू से ही अपनाया गया था, परंतु आम लोगों में इस विधा का विस्तार हुए अभी ज्यादा समय नहीं बीता है। बावजुद इसके, योग की महिमा और महत्व को जानकर इसे स्वस्थ्य जीवनशैली हेतु बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है, जिसका प्रमुख कारण है व्यस्त, तनावपूर्ण और अस्वस्थ दिनचर्या में इसके सकारात्मक प्रभाव। हाल ही में हम वैश्विक महामारी कोविड-19 से पीड़ित थे। हालांकि खतरा अभी भी धरती पर बना हुआ है। इन भयानक दिनों ने हमें एक अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्व सिखाया। अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने का स्वस्थ तरीका प्रतिदिन योग का अभ्यास करना है। योग का अभ्यास करने से हम शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे।योग सकारात्मक रूप से लोगों की जीवनशैली में बदलाव लाता है और सेहत के स्तर को बढ़ाता है। विश्व योग दिवस योग के निम्न लाभों से लोगों को अवगत कराता है: योग के अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य का विकास होता है।योग से मानसिक स्वास्थ्य का विकास होता है।इससे आध्यात्मिक ज्ञान का विकास होता है।योग आत्म-चिकित्सा को बढ़ावा देता है।शरीर से विषाक्त पदार्थों और दिमाग से नकारात्मकता को निकालता है।योग से आत्म – जागरूकता बढ़ती है।योग शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करता।व्यक्तिगत शक्ति को बढ़ाता है।योग करने से एकाग्रता और ध्यान बढ़ता है।योग शरीर में तनाव को कम करने में मदद करता है। Post navigation 9 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कुरुक्षेत्र में एक साथ हजारों लोग करेंगे योग : शांतनु शर्मा मानवता को ज्ञान, कर्म और भक्ति के एक सूत्र में पिरोने का एकमात्र साधन है योग : ज्ञानचंद