-जनसंवाद कार्यक्रम को राजनीतिक रंग देने पर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा पहुंचे चुनाव आयोग
-कानून से अनभिज्ञ मंत्री की सफाई पर कांग्रेस ने सरकार की मेरिट भर्ती पर भी उठाए सवाल

चंडीगढ़। परिवहन और राज्य चुनाव मंत्री मूलचंद शर्मा के फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को लेकर अब मनोहर लाल सरकार असहज हो गई है। चुनाव मंत्री होते हुए मूलचंद शर्मा की राज्य में पंचायतों के लिए होने वाले उपचुनावों के लिए लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रति अनिभिज्ञता को लेकर कांग्रेस ने मनोहर लाल सरकार की मेरिट पर भर्ती को लेकर सवाल उठाए हैं। बता दें, 19 जून को परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का एनआईटी फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के पांच गांवों में जनसंवाद कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम को पूरी तरह सरकारी बताया गया क्योंकि इसमें संबंधित क्षेत्र के एसडीएम से लेकर अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे लेकिन प्रशासन सहित स्वयं मंत्री चुनाव का महकमा संभालने के बावजूद यह भूल गए कि उपचुनाव के मद्देनजर जिला में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। इसके चलते मंत्री ने तीन गांवों के जनसंवाद कार्यक्रम तो रद किए लेकिन साथ ही दो गांवों में कुछ अहम घोषणाएं कर दीं। इन घोषणाओं से हुए चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा राज्य चुनाव आयोग के पास पहुंच गए। शर्मा ने चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की है।

नीरज शर्मा के अनुसार मुख्यमंत्री राज्य में एक चपड़ासी की तैनाती के लिए तो प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार और न जाने किस तरह की मेरिट की बात करते हैं लेकिन उन्हाेंने अपनी कैबिनेट में मंत्री मेरिट पर नहीं बनाए। इससे उनकी सरकार लगातार असहज हो रही है। शर्मा ने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर मंत्री ने जो कृत्य किया है, उसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।

मंत्री का नाम भ्रष्टाचार के जिन मामलों में आया है, उन सभी की सीबीआई जांच होनी चाहिए। वे स्वयं भी नगर निगम में हुए 200 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर हाई कोर्ट जाएंगे और इसमें शामिल अपराधियों के राजनीतिक संरक्षकों का तथ्यों के साथ पर्दाफाश करेंगे।

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