मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों में प्राप्त ऋण आवेदनों का प्राथमिकता के साथ शीघ्र निस्तारण करें सभी बैंक: एडीसी
-वित्त वर्ष 2022-23 की समीक्षा हेतु आयोजित थी बैठक

गुरुग्राम, 15 जून। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने जिला के बैंकर्स को निर्देश दिए कि वे मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों में प्राप्त ऋण आवेदनों का प्राथमिकता के साथ शीघ्र निस्तारण करें। वहीं सामाजिक व आर्थिक उत्थान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए लाभार्थियों को सरलता से ऋण की राशि उपलब्ध करवाएं ताकि वे जल्द से जल्द अपना स्वरोजगार प्रारंभ कर सकें।

एडीसी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित उपरोक्त बैठक में केनरा बैंक के रिजनल हेड सीएस तोमर, आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा, नाबार्ड से क्लस्टर हेड विनय कुमार त्रिपाठी सहित अग्रणी जिला प्रबंधक अशोक कुमार भी उपस्थित थे।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सरकारी योजनाओं के तहत जिला के विभिन्न बैंकों को ऋण हेतु प्रस्तुत किये गये आवेदनों की नामवार व बैंकवार समीक्षा करने उपरान्त एडीसी ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने में बैंकों की अहम भूमिका है। ऐसे में ऋण हेतु प्राप्त आवेदनों को बैंकों के प्रतिनिधी प्राथमिकता के साथ जांच कर स्वीकृत प्रदान करें। उन्होंने योजनाओं से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने विभाग से संबंधित योजनाओं के आवेदन तैयार कर उनकी बारीकी से जांच करें और कोशिश करें कि लाभार्थी के आवेदन में उनके स्तर पर किसी प्रकार की कमी न हो।

बैठक में एडीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत बैंकों को भेजे गए ऋण आवेदनों के शीघ्र निस्तारण पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, जिसकी मुख्यमंत्री स्वयं समय-समय पर समीक्षा कर रहे हैं। इसलिए इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता के साथ स्वीकृति प्रदान करें।

एडीसी ने उपरोक्त योजना के तहत बैंकों में भेजे गए ऋण आवेदनों का आंकड़ो सहित विवरण देते हुए बताया कि जिला में आयोजित मुख्यमंत्री परिवार उत्थान मेले के चार चरण में कुल 519 आवदेन बैंकों को भेजे गए थे। इनमें से 202 को स्वीकृति मिल चुकी है वहीं 180 आवेदन विभिन्न कारणों से रिजेक्ट कर दिए गए व 137 आवेदन अभी पेंडिंग है। उन्होंने कहा कि लाभपात्रों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए जिला के सेवारत सभी बैंक उदारता से ऋण उपलब्ध करवाएं। बैठक में बैंकों को सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं का लाभ बेरोजगारों व किसानों को देने की अपील करते हुए एडीसी ने कहा कि सभी बैंकर्स पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के आवेदनों पर भी गंभीरता से विचार करते हुए शीघ्र ही उनका निस्तारण करें।

बैठक में एडीसी द्वारा जिला में बैंकों का सीडी रेश्यो अर्थात् ऋण-जमा अनुपात में सुधार करने पर चर्चा के साथ प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना, पीएम स्वानिधि योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मिनी डेयरी की स्थापना, रूडसैट, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पशुधन कै्रडिट कार्ड योजना सहित प्राथमिकता क्षेत्र व अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी की गई।

बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक अशोक कुमार ने सभी बैंकों की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 की अवधि में एमएसएमई ईकाइयों को 4412 करोड़ रूपए की अधिक राशि बतौर ऋण उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में एमएसएमई सेक्टर को जिला के बैंको द्वारा 17691 करोड़ रूपए वितरित किए गए हैं वहीं इस वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 24.94 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जिला के बैंकों द्वारा एमएसएमई सेक्टर को 22103 करोड़ रूप्ए की राशि के ऋण की अदायगी की गई है।

इसी प्रकार कृषि क्षेत्र में 424 करोड़ रूपए ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि क्षेत्र को 2453 करोड़ रूप्ए के ऋण दिए गए थे जबकि इस वित्त वर्ष 2022-23 में 2877 करोड़ रूपए की राशि दी गई जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 17.28 प्रतिशत अधिक है। प्रायरटी सेक्टर अर्थात् प्राथमिकता के क्षेत्रों को भी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 5731 करोड़ रूप्ए ज्यादा दिए गए हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 26 आवेदकों का ऋण मंजूर किया गया है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत जिला में मौजूदा वित्त वर्ष में 92 लोगों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से 108 व्यक्तियों के आवेदन ऋण अदायगी के लिए विभिन्न बैंकों को भेजे गए हैं जिनमें से अभी तक 84 आवेदकों को ऋण स्वीकृत कर दिया जा चुका है तथा 14 आवेदन लंबित हैं। यह भी बताया गया कि मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत ऋण भी राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के दायरे में आते हैं।

एलडीएम ने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्कीमों के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 390 का लक्ष्य निर्धारित है। इनमें से अभी तक 48 आवेदन विभिन्न बैंक शाखाओं को स्पोंसर किए गए हैं जिनमें से 8 स्वीकृत हुए हैं और उन्हें ऋण राशि भी जारी हो चुकी है जबकि 40 आवेदन अभी बैंकिंग प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए 318 कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसमें 11 हजार 645 लोग शामिल हुए। इसी प्रकार प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड के तहत पशुपालन व मत्स्य विभाग द्वारा अयोजिय जागरूकता शिविरों में कुल 1657 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें से 838 आवेदन बैंक द्वारा स्वीकृत किए जा चुके हैं।

आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा ने बैठक में उपस्थित बैंकर्स को संबोधित करते हुए कहा कि सभी बैंक अपने यहाँ प्राप्त आवेदनों का तय समय में निस्तारण करें। वहीं अगर आवेदन में कोई त्रुटि है तो इसको लंबे समय तक पेंडिंग ना रखते हुए आवेदक को जल्द से जल्द इस बारे में सूचना प्रदान करें।

बैठक में नाबार्ड से क्लस्टर हेड विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकिंग सेक्टर का अहम रोल है। चूंकि गुरुग्राम जिला विकास के पथ पर बढ़ते हुए एक विशाल विकसित शहर का रूप लेता जा रहा है, ऐसे में जिला के सभी बैंक ग्रामीण क्षेत्रों यानी ब्लॉक फर्रुखनगर व पटौदी के किसानों पर विशेष फोकस रखें। इस दौरान उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल को सार्थक बनाने में आगे आकर सहयोग करें।

इस अवसर पर पशुपालन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डा. पुनीता गहलावत, जिला के सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों सहित संबंधित सरकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।

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