आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता के बयान पर जेजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया

– हरियाणा और पंजाब में सूरजमुखी के दामों में दिन-रात का अंतर, सुशील गुप्ता पहले पंजाब के किसानों को दिलाएं एमएसपी – धनखड़
– जेजेपी हमेशा किसानों की बेहतरी की सोचती है, आम आदमी पार्टी को छलावे की राजनीति करने की आदत – दलबीर धनखड़

चंडीगढ़, 13 जून। जननायक जनता पार्टी के प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय प्रचार सचिव दलबीर धनखड़ ने मीडिया में जारी एक बयान में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता के उस बयान को हास्यास्पद बताया, जिसमें गुप्ता ने हरियाणा में सूरजमुखी के किसानों को एमएसपी दिए जाने की वकालत की है। दलबीर धनखड़ ने कहा कि आम आदमी पार्टी की राजनीति छलावे की रही है। उन्होंने कहा कि सुशील गुप्ता को चाहिए कि वो पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार से कहे कि वहां के किसानों की सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर करें। उन्होंने कहा कि पंजाब में किसानों को सूरजमुखी 3800 रूपये में बेचनी पड़ रही है जबकि हरियाणा में प्रभावी मूल्य 5900 रूपये प्रति क्विंटल है। धनखड़ ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा ये कैसा मजाक है? क्या सुशील गुप्ता पहले पंजाब के सीएम भगवंत मान से नहीं कहेंगे कि वहां के किसानों को एमएसपी मिले ?

दलबीर धनखड़ ने कहा कि हरियाणा में वर्तमान में 14 फसलों पर एमएसपी मिल रहा है जबकि हमारे पड़ोस के राज्यों में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के चौतरफा अलग-अलग पार्टियों की सरकारे हैं और लगभग एक जैसी खेती होने के बावजूद हरियाणा जैसे दाम, हरियाणा जैसा पेमेंट सिस्टम और हरियाणा जैसी मंडी व्यवस्था किसी भी राज्य में नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसानों का हित समझते हैं और हमारी पार्टी हमेशा से उनकी सभी जायज मांगों के समर्थन में रही है। सूरजमुखी के एमएसपी और भावान्तर से जुड़े मामले में भी हमने सकारात्मक रुख अपनाते हुए किसानों के पक्ष में निर्णय के लिए दबाव बनाया हुआ है जबकि पड़ोस के किसी भी राज्य, यहां तक कि भारत के सभी प्रदेशों में सबसे अधिक एमएसपी दिए जाने के बावजूद राजनीतिक कारणों से हरियाणा में धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे धरने प्रदर्शन किसी समस्या का हल नहीं हो सकते।

दलबीर धनखड़ ने दोहराया कि कल भी हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने किसानों से आग्रह किया है कि बातचीत के जरिए किसी बीच के निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भावान्तर में वृद्धि की दर को लेकर किसान और सरकार के बीच सहमती बननी चाहिए जिससे न किसान नाराज हो और न ही प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़े।

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