राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागु करने में जल्दबाजी न दिखाए सरकार : डॉ. अमित चौधरी

चंडीगढ़, 07-06-2023 – प्रदेश के राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्रतिनिधि संगठनों ने स्नातक स्तर की दाखिला प्रक्रिया पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक पर संज्ञान लेते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है I हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ. रवि शंकर ने बताया कि हाल ही में सरकार द्वारा स्नातक स्तर की दाखिला प्रक्रिया आगामी आदेशों तक स्थगित कर दी गई है जिस पर प्रदेशभर के राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्रतिनिधि संगठनों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है I इस सन्दर्भ में हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ एवं हरियाणा कालेज शिक्षक संगठन द्वारा संयुक्त रूप से बुधवार को सरकार से दाखिला प्रक्रिया तुरन्त शुरू करने की मांग की गई है।

हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी एवं हरियाणा कालेज शिक्षक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दयानन्द मलिक ने आज संयुक्त रूप से कहा कि कोरोना महामारी के बाद बड़ी मुश्किल से कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम पटरी पर आ रहा है लेकिन अब उच्चत्तर शिक्षा विभाग ने दाखिला प्रक्रिया को अकस्मात ही रोक दिया है।उन्होंने बताया कि जहाँ एक ओर प्रदेश की प्राईवेट और स्टेट यूनिर्वसिटियों में अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज में दाखिला प्रक्रिया बदस्तूर जारी है वहीँ सरकारी और राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में दाखिला प्रक्रिया को रोककर प्रदेश के छात्र-छात्राओं के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है।दोनों संगठनों ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि कुछ लोग तानाशाहीपूर्ण ढंग से कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बिना किसी तैयारी के अफरा-तफरी से लागू करने की जिद्द कर रहे हैं जबकि न शिक्षकों को न ही प्रवेशार्थियों को या उनके अभिभावकों को इस नीति के सभी पक्षों और पूरी स्कीम का कुछ ज्ञान है।

डॉ. अमित चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है परन्तु इसे सोच समझ कर सबके हितों को ध्यान में रखकर लागु किया जाना चाहिए I साथ ही इसकी व्यवहारिक अनुपालना में आने वाली दिक्कतों एवं उनके समाधान पर अच्छी तरह सोच विचार कर इसे लागु करने के विषय में सोचा जाना चाहिए I इसी के साथ उन्होंने यह मांग भी रखी कि यह नीति प्रदेश के सभी कॉलेजों और यूनिर्वसिटियों में एक साथ एक ही साल में लागू होनी चाहिए और इसी के साथ प्रदेश की सभी यूनिवर्सटियों का अकादमिक कैलेंडर भी एक समान हो ऐसी सरकार से अपेक्षा है ।

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