• 9 साल के अदूरदर्शी शासन के नतीजे खुद बोल रहे हैं – दीपेन्द्र हुड्डा
• पहली बार हरियाणा के किसी भी संस्थान को NIRF रैंकिंग की समग्र श्रेणी के शीर्ष 100 में जगह नहीं मिली – दीपेन्द्र हुड्डा
• BJP-JJP सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का बंटाधार कर दिया – दीपेन्द्र हुड्डा
• यूनिवर्सिटीज की ग्रांट बंद करने से उजड़ जायेगा हरियाणा का शिक्षा तंत्र – दीपेन्द्र हुड्डा
• इस सरकार ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, अपराध, नशाखोरी जैसी रैंकिंग में हरियाणा को देश के टॉप राज्यों में पहुंचा दिया – दीपेन्द्र हुड्डा
• अब प्रदेश की नकारा सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का समय आ गया – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 6 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में हरियाणा की शिक्षा नीति की पोल खुल गई है। 9 साल के अदूरदर्शी शासन के नतीजे खुद बोल रहे हैं! हरियाणा की BJP-JJP सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का बंटाधार कर दिया। इसी का नतीजा है कि NIRF रैंकिंग के ओवरआल टॉप 100 में भी हरियाणा का कोई उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है, वहीं विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में गिरावट आयी है। उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, अपराध, नशाखोरी जैसी रैंकिंग में हरियाणा को देश के टॉप राज्यों में पहुंचा दिया है। इस नकारा सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का अब समय आ गया है।

पिछले दिनों सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों की ग्रांट बंद करने की खबरों पर गहरी चिंता और नाराजगी जताते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यूनिवर्सिटीज की ग्रांट बंद करने से हरियाणा का शिक्षा तंत्र उजड़ जायेगा। प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने पहले स्कूल बंद किए, MBBS की पढ़ाई के लिए 40 लाख रुपये का बॉन्ड कर दिया, अब विश्वविद्यालय की ग्रांट बंद कर दी। सरकार के कार्य-कलापों से ऐसा लगता है जैसे ये सरकार न होकर के प्राइवेट कंपनी हो। यदि सब कुछ प्राइवेट हाथों में ही देना है तो फिर सरकार की क्या जरूरत है। उन्होंने मांग करी कि विश्वविद्यालयों की ग्रांट बंद करने के फैसले को तुरंत वापिस ले सरकार, अन्यथा काँग्रेस सरकार बनने पर हम इसे वापिस लेंगे ही।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि पिछले साल 3 अगस्त, 2022 को संसद में उनके द्वारा पूछे गए सवाल (प्रश्न संख्या 1973) के जवाब से खुलासा हुआ कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में रिक्त पड़े पदों को भरने में भी राज्य सरकार नाकाम रही है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और उत्कृष्ट संस्थानों में शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने बताया कि हरियाणा में राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में 4520 शिक्षण पद और 7396 पद गैर-शिक्षण के रिक्त पड़े हैं। इसी प्रकार हरियाणा के केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों में 286 शिक्षण पद और 268 पद गैर-शिक्षण के रिक्त पड़े हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आधे स्कूल बिना हेड टीचर के ही चल रहे हैं। सरकारी स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी होने के बावजूद सरकार भर्तियां करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार ‘शून्य रिक्ति’ नीति तक लागू नहीं कर पाई, जिसके कारण बड़ी संख्या में शिक्षा महकमे में पद खाली पड़े हुए हैं। जो इक्का-दुक्का भर्तियाँ निकली भी वो घोटाले, घूसखोरी, पेपर लीक की भेंट चढ़ गईं।

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