मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों में जाने वाले विद्यार्थियों को छोटे वाहनों के माध्यम से मुहैया करवाएं परिवहन सुविधा स्कूल ड्रॉप आउट कम करने के लिए की जा रही बच्चों की ट्रैकिंग- मुख्यमंत्री चंडीगढ़, 6 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों में विद्यार्थियों को आने-जाने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए, इसके लिए छोटे वाहनों के माध्यम से छात्रों को आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए। इस कार्य की समुचित मॉनिटरिंग के लिए स्कूल के एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया जाए। यदि ऐसा संभव नहीं है तो छात्रों को किराया दिया जाने के संबंध में भी एक प्लान तैयार किया जाए। वर्तमान में छात्राओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक की सह-अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र बबली ने की। बैठक में सांसद श्री रमेश चंद्र कौशिक, राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी. पी. वत्स, विधायक डॉ अभय सिंह यादव, श्रीमती निर्मल रानी और श्री मामन खान भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। हर बच्चे की देखभाल सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार ने एक व्यापक फ्रेमवर्क बनाया है। इसके अंतर्गत परिवार पहचान पत्र में दर्ज डेटा को आयु वर्ग के अनुसार एक ग्रुप को विभिन्न विभागों को सौंपा गया है। 6 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल की जिम्मेवारी महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपी गई है। जो बच्चा न तो आंगनवाड़ी में आ रहा है और न किसी प्ले-वे स्कूल में है, ऐसे बच्चों की पूरी ट्रैकिंग की जा रही है, ताकि बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके। तदनुसार, यदि किसी बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, या अन्य कोई समस्या है तो सरकार मदद कर सके और उसका विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने टीकाकरण प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चों के टीकाकरण की जिम्मेवारी भी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी गई है। विभाग आंगनवाड़ी वर्कर्स और एएनएम के साथ मिलकर बच्चों के टीकारकण के लक्ष्य को पूरा करे। स्कूल ड्रॉप आउट कम करने के लिए की जा रही बच्चों की ट्रैकिंग मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल ड्रॉप आउट पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग की जिम्मेवारी दी गई है। विभाग की ओर से प्रत्येक बच्चे की ट्रैकिंग की जा रही है और ऐसे बच्चे जो न सरकारी व निजी स्कूलों, न गुरुकुल या मदरसे कहीं भी शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे हैं, उन बच्चों को ट्रैक कर उन्हें स्कूलों में लाया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। गरीबों व जरूरतमंदों को घर मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार बना रही योजना मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर जरूरतमंद व्यक्ति, जिसके पास मकान नहीं है, उसके सिर पर छत मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और अर्बन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इन योजनाओं के अलावा, राज्य सरकार के स्तर पर अलग से भी योजना बनानी पड़े तो बनाएं, ताकि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बिना घर के न रहे। इसके लिए बैंकों के साथ लिंक करके या राज्य सरकार द्वारा कुछ हिस्सा देकर घर मुहैया करवाने की संभावनाएं तलाशी जाएं। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत जिन लाभार्थियों को पहली किस्त मिल चुकी थी, उनकी दूसरी और तीसरी किस्त भी जारी कर दी गई है। सॉयल हेल्थ कार्ड का धरातल पर पूर्ण उपयोग हो सुनिश्चित, किसानों को करें जागरूक सॉयल हेल्थ कार्ड प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने हेतू विशेष जागरूकता अभियान चलाए और किसानों को अवगत करवाएं कि सॉयल हेल्थ कार्ड के क्या फायदे हैं और फसल पैदावार में यह किस प्रकार सहायक हैं, ताकि सॉयल हेल्थ कार्ड का धरातल पर पूर्ण उपयोग सुनिश्चित हो सके। परंपरागत कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसलिए किसान परंपरागत खेती से हटकर प्राकृतिक खेती को अपनाएं, इसके लिए उन्हें जागरूक करने के साथ-साथ उनकी ट्रेनिंग भी करवाई जाए। बागवानी विभाग की सब्सिडी योजनाओं का अध्ययन करने के लिए कमेटी की जाए गठित मुख्यमंत्री ने बागवानी विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों के हितों में सरकार विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी प्रदान करती है। लेकिन कुछ किसानों को इन योजनाओं का ज्ञान नहीं होता, इसलिए कई बार वे इन योजनाओं को लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए कुछ योजनाओं में थोड़ा बदलाव करने की भी आवश्यकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए, जो बागवानी विभाग की सब्सिडी योजनाओं का अध्ययन करेगी। जिला स्तर पर दिशा समितियों की नियमित बैठकें करें उपायुक्त मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को जिला स्तरीय दिशा समितियों की नियमित बैठकें करने के निर्देश दिये ताकि इन बैठकों में उठाये गये सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को राज्य स्तरीय दिशा समिति में रखा जा सके। जिससे जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या पर तत्काल विचार-विमर्श कर समाधान निकाला जा सके। बैठक में बताया गया कि खनन स्थलों के भीतर व आसपास के क्षेत्रों में भू-जल स्तर की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए खनन स्थलों पर पीजोमीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है। अगले 2 माह में सभी जगह पीजोमीटर लग जाएंगे। बैठक में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे। Post navigation यूपीए सरकार रिमोट से चलती थी, 2014 के बाद मजबूत हाथों में देश का नेतृत्व: जयराम ठाकुर बीजेपी-जेजेपी ने किया प्रदेश के शिक्षा तंत्र का बंटाधार- हुड्डा