मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ईमानदारी, पारदर्शिता का ढोल पीटकर जनता को ठगते है और पर्दे के पीछे पूरे हरियाणा में भाजपाई-संघीयों के सरकारी जमीन कब्जाने, घोटाले करने पर दड़ मारे रहते है : विद्रोही मुख्यमंत्री के खुद के ओएसडी रहे एक संघी ने पद का दुरूपयोग करके चंद दिनों में ही सीएलयू जमीन बदलाव का खेल करके 75 करोड़ रूपये की जमीन कोडियों के भाव में कब्जा ली और मुख्यमंत्री पोल खुलने पर भी जांच नही करवा रहे : विद्रोही किसने रेवाडी के सरकारी स्कूल भवन के परिसर को एक निजी संस्था पर लीज पर दिया : विद्रोही 6 जून 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि ईमानदारी, पारदर्शिता का ढोल पीटने वाले भाजपा सरकार के मंत्रीयों, सांसदों, विधायकों के चंहते हरियाणा के विभिन्न शहरों, नगर निकायो, वक्फ बोर्ड व सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के लिए गिद्द की तरह तांक में बैठे रहते है और गुपचुप रूप से जमीनों को कब्जाते रहते है। विद्रोही ने कहा कि ताजा मामला रेवाडी का है जब रेवाडी नगर परिषद के करोड़ों रूपये के 291 वर्ग गज जमीन के टुकडे को ब्रास मार्किट के पास कब्जाने का प्रयास किया गया। कांग्रेस से सम्बन्धित कुछ जागरूक नगर पार्षदों के विरोध के चलते जमीन कब्जाने का यह खेल बेनकाब हो गया और नगर परिषद रेवाडी को मजबूर होकर एफआईआर दर्ज करवानी पडी। सवाल खडा होता है कि जब करोडो रूपये की सरकारी जमीन कब्जाने का षडयंत्र चल रहा था और पर्दे के पीछे वर्षो पूर्व इस अधिग्रहित जमीन को अपने नाम करवाने का खेल भी चल रहा था तब नगर परिषद रेवाडी के अधिकारी कहां सोये हुए थे? जमीन कब्जाने का यह खेल क्या उनकी मिलीभगत बिना संभव था? आरोप है कि इस खेल के पीछे भाजपा सरकार के बड़े नेताओं के चेले-चपाटे है। विद्रोही ने कहा कि कुछ जागरूक पार्षदों के कारण इस जमीन को कब्जाने का खेल तो बेनकाब हो गया, लेकिन रेवाडी में वक्फ बोर्ड, नगर निकाय जमीन, पार्को, सरकारी जमीनों को कब्जाने का खेल भाजपाई-संघी विगत 8 सालों से कर रहे है। रेवाडी में तो हालत यह है कि सरकार ने सैक्टर 4 के सरकारी स्कूल भवन जमीन को भी एक निजी संस्था को लीज पर देकर भ्रष्टाचार की सभी हदे पार कर दी। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ईमानदारी, पारदर्शिता का ढोल पीटकर जनता को ठगते है और पर्दे के पीछे पूरे हरियाणा में भाजपाई-संघीयों के सरकारी जमीन कब्जाने, घोटाले करने पर दड़ मारे रहते है। जब किसी मामले की पोल खुल जाती है तो जांच के नाम पर लीपापोती करके पूरे मामले को रफदफा कर दिया जाता है। विद्रोही ने कहा कि जब मुख्यमंत्री के खुद के ओएसडी रहे एक संघी ने पद का दुरूपयोग करके चंद दिनों में ही सीएलयू जमीन बदलाव का खेल करके 75 करोड़ रूपये की जमीन कोडियों के भाव में कब्जा ली और मुख्यमंत्री पोल खुलने पर भी जांच नही करवा रहे तो सहज अनुमान लगा ले कि पूरे हरियाणा में गुपचुप रूप से जमीन कब्जाने का खेल कितने बड़े स्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री के ओएसडी का खेल देखिये 24 फरवरी 2023 को दो लोगों ने एक कम्पनी खोली, 24 मार्च को जमीन खरीदी और 15 अप्रैल को सीएलयू की अनुमति मांगी गई, 4 मई को अनुमति मिल गई और अनुमति मिलने से दो दिन पहले ही 2 मई को कम्पनी की पूरी सम्पत्ति नीरज दफ्तुआर की पत्नी और बेटे को सौंप दी गई और 70 दिनों के इस खेल में करोडों रूपये बना लिए गए। मुख्यमंत्री खट्टर ने तो फरीदाबाद, गुरूग्राम, नंूह के पहाडी व वन क्षेत्र की जमीन अपने चहेते बिल्डरों, भू-माफियों को देने पंजाब भूमि सरंक्षण कानून 1900 में भी फरवरी 2019 में परिवर्तन कर डाला था। यह दूसरी बात है कि सुप्रीम कोर्ट के कारण अभी तक खट्टर जी अरबो रूपये की गुरूग्राम, फरीदाबाद व नूंह जिले में इस जमीन को कब्जाने में सफल नही हुए है। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस पर भू-माफिया सरकार चलाने का आरोप लगाने वाले खट्टर व भाजपा ने विगत 9 सालों में जितने गुपचुप जमीन घोटाले किये है, उतने जमीन घोटाले किसी भी सरकार के दौर में नही हुए। मुख्यमंत्री खट्टर ईमानदार है और पारदर्शिता में विश्वास करते है तो उन भाजपा नेताओं, दलालों के नाम सार्वजनिक करे जिन्होंने रेवाडी नगर परिषद की ब्रास मार्किट जमीन कब्जाने का कुप्रयास किया है और बताये कि किसने रेवाडी के सरकारी स्कूल भवन के परिसर को एक निजी संस्था पर लीज पर दिया। Post navigation हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में चुनाव चिह्नों की संशोधित सूची जारी की पारदर्शिता केवल खट्टर साहब के जुमलों में है भर्तियों में नही- सुरजेवाला