चंडीगढ़, 1 जून – हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रोहतक नगर निगम में तैनात एक सहायक टाउन प्लानर (एटीपी) सहित तीन आरोपियों को 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एसीबी के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी साझा करते हुए बताया कि शिकायतकर्ता के अनुसार, एटीपी ने सह-आरोपी त्रिलोक चंद शर्मा, एक निजी आर्किटेक्ट के साथ मिलकर उससे 40,00,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता की नौ एकड़ जमीन पर काटी गई अनधिकृत कॉलोनी को गिराने से रोकने के एवज में रिश्वत की मांग की गई थी। एटीपी ने शिकायतकर्ता को रिश्वत के पैसे की बात करने के लिए आर्किटेक्ट त्रिलोक चंद शर्मा से बात करने को कहा। शिकायतकर्ता ने आर्किटेक्ट से मुलाकात की जिसने एटीपी की ओर से रिश्वत की मांग की। हालांकि शिकायतकर्ता ने इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जताई और रिश्वत की रकम कम करने को कहा। आखिरकार रिश्वत की रकम 20 लाख रुपये तय हुई। शिकायतकर्ता, जो रिश्वत नहीं देना चाहता था, ने जन सेवक द्वारा एक बिचौलिए के माध्यम से की गई पैसे की मांग की सूचना एसीबी को दी। शिकायत पर तेजी से कार्रवाई करते हुए, एसीबी ने एक जाल बिछाया, जिससे एटीपी के निर्देशानुसार रिश्वत की आधी राशि, यानी 10 लाख रुपये स्वीकार करते हुए बिचौलिए त्रिलोक चंद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद एटीपी और पारा मोहल्ला, रोहतक निवासी एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के खिलाफ रोहतक के एसीबी थाने में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। एसीबी भ्रष्टाचार का मुकाबला करने और सार्वजनिक सेवा में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। Post navigation 181 करोड़ रूपये का मुआवजा देकर किसानों के साथ अन्याय कर बीमा कम्पनियों की तिजौरिया भरी : विद्रोही हरियाणा की पंजाब विश्वविद्यालय में हिस्सेदारी की बहाली और कॉलेजों की संबद्धता की दिशा में बढ़े सकारात्मक कदम