लंबित मांगो के लिए मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन चंडीगढ़, 30 -05-2023 – हरियाणा फैडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एण्ड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशनज (एचफुक्टो) के बैनर तले प्रदेश की स्टेट यूनिवर्सिटियों, सरकारी एवं एडिड कॉलेजों के हजारों शिक्षकों ने शिक्षा और शिक्षकों के हितों के लिए आज उपायुक्त, कुलपति एवं महाविद्यालय प्राचार्यों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपाI हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ. रवि शंकर ने इस तथ्य की पुष्टि करते हुए बताया कि, “प्रदेशभर के शिक्षक सरकार द्वारा की जा रही उनके हितों की अनदेखी से क्षुब्ध है और आर पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं I इसी के तहत शिक्षकोंद्वारा एक ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री को राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कार्यरत्त शिक्षकों ने अपनी मांगो से आज पुनः अवगत करवाया है I” हरियाणा फैडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एण्ड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशनज (एचफुक्टो) के महासचिव डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि,” शिक्षकों की जायज मांगे लम्बे अरसे से ठन्डे बस्ते में पड़ी हैं I इसका बार-बार निवेदन करने पर भी सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही इसका सीधा और स्पष्ट अर्थ है कि सरकार जानबूझ कर शिक्षक हितों की अनदेखी कर रही है जो किसी भी कीमत पर हमें गवारा नहीं हैI हमने सरकार से मांग की है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्चत्तर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से हमारी तुरंत मुलाकात करवाई जाए जिससे हमारी लंबित मांगें जैसे पुरानी पैन्शन स्कीम बहाल करने, सैल्फ फाईनेंस शिक्षकों को बजटेड में करने,रिक्तियों को भरने, रैगुलेशनज़ की विसंगतियों को दूर करने , एम फिल-पीएचडी इंक्रीमेंट देने, विभिन्न स्तरों पर तुरंत-त्वरित पदोन्नति करने, एडिड कॉलेजों के लिए ग्रैच्युटी, बढ़ा हुआ मकान किराया भत्ता, मैडिकल स्कीम ,यूजीसी के अनुसार रिटायरमेंट आयु पैंसठ वर्ष करने ,कैशलेस मैडिकल स्कीम देने,सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामों से मुक्त करने, न्यायोचित ट्रांसफर पॉलिसी देने, पदोन्नति में रूरल सर्विस की शर्त हटाने पर कार्यवाही हो सके I” हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि, “उच्चत्तर शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले शिक्षकों से विचार- विमर्श नहीं किया जाता जिस वजह से अधिकतर निर्णय विभाग की तरफ से एकतरफ़ा होते हैं । उदाहरण के लिए विभाग द्वारा यू.जी.सी. रेगुलेशन 2018 को लागू करते समय शिक्षकों से कोई विचार बिंदु नहीं लिये और अब इस रेगुलेशन में से यूजीसी द्वारा प्रदान की गई एम.फिल/ पीएचडी इंक्रीमेंटस को शामिल नहीं किया जाना, सभी कॉलेज प्राध्यापकों के हितों के साथ नाइंसाफी है। इसी के साथ सेवानिवृति आयु न बढ़ाना एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को पुनर्नियुक्ति प्रदान करना भी शिक्षक हितों की घोर अनदेखी है। आज विभिन्न शिक्षक संगठनो द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से निवेदन किया गया कि शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े मुद्दे गंभीरता से ले जिससे उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के बेहतर प्रयास हो सकें।“ संघ की महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान ने शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं जैसे ग्रामीण सेवा की बाध्यता के कारण, शिक्षकों के सीनियर स्केल, सेलेक्शन ग्रेड एवं पे-बैंड IV जो विभाग द्वारा रोके गए हैं, विभिन्न विभागों से उच्चत्तर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के कई वर्षों से वेतन नियतन के लंबित मामले, महिला शिक्षकों की सी.सी.एल. आदि विभिन्न मामलों पर सरकार की उदासीनता एक गंभीर मुद्दा है Iऐसे ही विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु आज राज्य भर से मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन सौंपे गए I “ इस अवसर पर हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के उप-प्रधान प्रो. अरुण कुमार , संयुक्त सचिव प्रो. ज्योति दहिया, वित्त सचिव प्रो. प्रियंका वर्मा एवं विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों के नेतृत्व में शिक्षकों ने उपायुक्त, कुलपति एवं महाविद्यालय प्राचार्यों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपाI Post navigation राज्य सरकार ने पद्म पुरस्कारों के लिए 15 अगस्त तक मांगे आवेदन आम आदमी पार्टी के सभी पदाधिकारी 1 जून को करेंगे शपथ ग्रहण