विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर चलाया जाए जिला में एक पखवाड़े का जागरूकता अभियान : एडीसी

तंबाकू व नशा सेहत व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, आमजन नशे से रहे दूर : एडीसी
-एडीसी ने कहा- सार्वजनिक एवं कार्य स्थल पर धूम्रपान व तंबाकू सेवन दंडनीय अपराध

गुरुग्राम, 29 मई। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने सोमवार को स्वास्थ्य, शिक्षा व पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर विशेष जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। एडीसी ने कहा कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 14 जून तक सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वाले लोगों को तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देकर उन्हें नशे से दूरी बनाने के लिए प्रेरित किया जाए।

एडीसी नें आमजन से तंबाकू सहित अन्य प्रकार के नशे से परहेज करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का नशा हमारी सेहत व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और कैंसर का मुख्य कारण बन सकता है। इससे अन्य बीमारियों का भी जन्म होता है। नशा करने वाला व्यक्ति समाज की मुख्यधारा से विमुख हो जाता है। उन्होंने कहा कि नशा अपराध का भी प्रमुख कारण है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि लोगों को जागरूक कर नशीले पदार्थों से दूर करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाएं। एडीसी ने बताया कि धूम्रपान, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के तहत नियम की अवहेलना करने वाले पर जुर्माने का प्रावधान है। कोटपा अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत सभी सार्वजनिक एवं कार्य स्थल पर धूम्रपान व तंबाकू सेवन को दंडनीय अपराध घोषित किया गया है।

एडीसी ने कहा कि कम उम्र के युवाओं में बढ़ती नशे की लत चिंता का विषय है। बढ़ती नशे की लत पर अंकुश लगाने में शासन स्तर पर भी व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं और जिले में स्वास्थ्य व पुलिस विभाग द्वारा भी इस दिशा में लगातार जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मीडिया की भूमिका भी सकारात्मक और सराहनीय है।

पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है तंबाकू : एडीसी
एडीसी मीणा ने कहा कि तंबाकू मानव स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। हमारे पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। सिगरेट पीने के बाद सिगरेट के बट को जमीन पर फेंक दिया जाता है। सिगरेट के इस्तेमाल के बाद जब उसके फिल्टर को फेंका जाता है, तो उसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक के अंश टूट-टूटकर मिट्टी में मिल जाते हैं, हवा में तैरते हैं या जल स्रोतों में घुल जाते हैं। इसके खतरनाक रसायन बड़ी आसानी से वहा, खाद्य पदार्थों और पेयजल के जरिये मानव शरीर में पहुंचकर आनुवांशिक परिवर्तन, मस्तिष्क विकास और श्वसन तंत्र की समस्या उत्पन्न करते हैं। आमजन को तंबाकू के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्वभर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

बैठक में रेड क्रॉस के सचिव विकास कुमार, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ केशव, एएफएसओ विजय कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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