बंटी शर्मा

रोहतक – रविवार 21 मई को पहरावर में नवीन जयहिन्द ने सभी 36 बिरादरी के भाईचारे के साथ मिलकर भगवान परशुराम जनमोत्स्व मनाया गया। इससे पूर्व जनमोत्स्व स्थल पर हवन -यज्ञ करवाया गया।

जनमोत्स्व में 45℃ तापमान होने के बावजूद भी लोगो मे उत्साह देखने को मिला और हरियाणा के सभी जिलों और अलग-अलग राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से 36 बिरादरी के हजारो लोग पहुंचे।

जनमोत्स्व में महामुख्यतिथि 104 वर्षीय दादा दुलीचंद व मुख्यतिथि मुंडनधारी रहे। जनमोत्स्व में देश के कोने-कोने से आए परशुराम भक्तों के प्रसाद के लिए भंडारे की व्यवथा की गई। साथ ही जनमोत्स्व में एक शिकायत पेटी का ढोल रखवाया गया, जिसमें लोगो ने अपनी-अपनी समस्याएं डाली।

पहरावर की जमीन पर बनेगी 121 फीट की भगवान परशुराम की मूर्ति- जयहिन्द

जयहिन्द ने जनमोत्स्व से ऐलान किया कि पहरावर की जमीन पर 121 फ़ीट ऊंची भगवान परशुराम की मूर्ति बनवाकर मन्दिर की स्थापना की जाएगी।

जयहिन्द ने बताया कि भगवान परशुराम जनमोत्स्व में पहुंचे वाला एक-एक आदमी एक हजार के बराबर है ना कि मुख़्यमंत्री की रैलीयो में शराब लेकर पहुंचने वालों के!

जयहिंद ने मुख्यमंत्री को बताया बकरी

जयहिन्द ने मुख़्यमंत्री को बकरी की तरह बताया क्योंकि जिस प्रकार बकरी दूध तो देती है लेकिन मिंगन करके, इसी प्रकार मुख़्यमंत्री ने जमीन के कागज तो दे दिए लेकिन रो-रो कर,

जयहिन्द ने बताया कि जिस पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम जनमोत्स्व मनाया गया है उस जमीन का मालिक मुख़्यमंत्री खट्टर के गांव में ब्याहा हुआ है इसका मतलब जिसकी यह जमीन है वह रिश्ते में मुख़्यमंत्री खट्टर के बटेऊ लगते है।

जयहिन्द ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार समाज की बेज्जती की हैं कभी काला ब्राह्मण व ब्राह्मण की लड़की को अपशगुन बताया जाता था और 23 अप्रैल को पहरावर में मनाए जाने वाले भगवान परशुराम जनमोत्स्व को रोक दिया, लेकिन कोई भी नेता नही बोला। जिसके बाद नवीन जयहिन्द ने सभी नेताओं के लिए जनमोत्स्व में आने को लेकर जयहिन्द ने कहा कि सभी नेताओं की जनमोत्स्व में बिना मुंडन के नो एंट्री होगी। कोई भी नेता नही आया।

पहरावर की जमीन दरबारियों के दम पर नही फरसेधारियो के दम पर ली- जयहिन्द

जयहिन्द ने बताया कि पहरावर की जमीन फरसाधारियों के दम पर मिली है न कि दरबारियों के दम पर। हमने हाथ जोड़कर नही बल्कि सरकार के हाथ तोड़ कर ली है। यह हमारे मान-सम्मान, ईज्जत और स्वाभिमान की लड़ाई थी। जो मुख़्यमंत्री कंस मामा ब्राह्मणों को कमजोर समझ रहे थे वो आज देख ले कि ब्राह्मण बोद्दा है या योद्धा है।

जयहिन्द ने बताया कि जब 23 अप्रैल रविवार को पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाने था तो सरकार व मुख़्यमंत्री कंस मामा ने कोर्ट का सहारा लेकर उसे रूकवा दिया था। उस समय जो आज समाज के ठेकेदार बने बैठे है कोई कुछ नही बोला और बाद में जमीन के कागज मिलने पर मुख़्यमंत्री की वाहवाही कर रहे थे। तो हमने मुंडन करवाया और पूरे हरियाणा में युवाओ ने मुंडन करवाकर सरकार व मुख़्यमंत्री के खिलाफ विरोध जताया। जिसके बाद हम हरिद्वार भगवान भोलेनाथ गंगा माँ के पास और भगवान परशुराम मन्दिर, माँ रेणुका धाम सिरमौर (हिमाचल) गए। साथ ही जयहिन्द ने कहा मुख़्यमंत्री को अपने इस पाप के लिए 21 बार माफी मांगनी पड़ेगी।

पहरावर की जमीन मामले में मुख्यमंत्री का धन्यवाद करने वालो पर जयहिन्द का तंज

काफी लोग पहरावर की जमीन वापिस देने को लेकर मुख़्यमंत्री को बधाईयां दे रहे है इस पर जयहिन्द ने बताया कि यह जमीन हमे दी नही गयी बल्कि हमने ली है। जैसा कि आप सभी जाने है कि पहरावर की जमीन पिछले 14 सालों से 2 सरकारो ने बंधक बनाकर रखी हुई थी और पिछले साल इस जमीन के लिए जो लड़ाई लड़ी गयी थी ओर तभी हजारो फरसाधारियों ने 36 बिरादरी के भाईचारे के साथ मिलकर फरसे के दम पर उसे लिया था, ओर सरकार का कब्जा छुड़वाया था। जिसके बाद उसी जमीन पर एक बोर्ड लगाया गया जिस पर साफ-साफ लिखा गया कि सरकार या किसी सरकार के व्यक्ति द्वारा इस जमीन की तरफ देखा गया तो इसी जमीन में गाड़ देंगे। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मैं जमीन वापिस देने को लेकर मुख़्यमंत्री का कोई धन्यवाद नही करता, हाँ अगर मुख़्यमंत्री वहां संस्था के लिए 100 करोड़ रुपये दान देकर जाए तो वे धन्यवाद के पात्र है।

error: Content is protected !!