डिजिटल मीडिया सूचना महामारी को जन्म दे रहा है, डॉ प्रज्ञा ने बताए बचाव के सूत्र हिसार, 19 मई। मीडिया विशेषज्ञ डॉ प्रज्ञा कौशिक ने डिजिटल मीडिया के व्यापक दुष्प्रभावों को इनफोएंडमिक यानी सूचना महामारी करार देते हुए कहा है कि इसके प्रति सभी को सजग होने की जरूरत है। वरिष्ठ नागरिकों की संस्था वानप्रस्थ में विशेष भाषणों की श्रृंखला के तहत पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के वर्तमान दौर में सूचना साधनों से निरंतर हो रहे प्रहार से आम आदमी इतना घिर गया है कि उसके लिए यह पता लगाना भी दूभर हो गया है कि वह किस सूचना को सही या गलत समझे और किस पर अमल करे या उसे रद्द करे। स्मार्टफोनधारी व्यक्तियों पर संचार साधनों के लगातार इतने हमले हो रहे हैं कि क्या बड़े क्या बच्चे सभी सूचना नशेड़ी हो गए हैं। डॉ प्रज्ञा ने कहा कि सोशल मीडिया अनजान व्यक्तियों की पोस्ट पर दिए गए लिंक को न खोलें। इसमें वायरस हो सकता है जो आपके बैंक खाते को साफ कर सकता है। पासवर्ड कभी शेयर न करें। पासवर्ड मुश्किल बनाएं और इसे बदलते रहें। बैंकिंग के लिए अलग पासवर्ड प्रयोग करें। पासवर्ड को फोन में या किसी साइट पर सेव न करें। माता पिता को बच्चों को स्मार्टफोन के सही उपयोग को समझाना चाहिए। सूचना की सत्यता की जांच के लिए अनेक ऐसे एप उपलब्ध हैं जहां पर इसका पता लगाया जा सकता है। स्मार्टफोन आपकी जासूसी भी करता है। इससे बचने के लिए जीपीएस एप को बंद रखें। कुकीज़ से जहां तक संभव हो बच के रहें। एप गूगल प्ले जैसे साइट से ही डाउनलोड करें। किसी फोटो की सत्यता गूगल लेंस पर की जा सकती है। गूगल व क्रोम जैसे सर्च इंजन आपकी सभी जानकारी रखते हैं। इस जानकारी को एल्गोरिथम के जरिए एक पैटर्न में ढाल कर आपकी पसंद नापसंद का पता लगाया जा सकता है। सेटिंग्स में जाकर आप अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं। दूरदर्शन के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंह ने डॉ प्रज्ञा और उनके विषय का परिचय देते हुए कहा कि प्रकृति ने मानव को सुनने और देखने की सीमित क्षमता दी है पर डिजिटल सूचना संसाधनों ने मानव के कान का आकार जैसे हाथी के कान जितना कर दिया है और उसकी आंख का आकार भी जैसे फुटबॉल जितना हो गया है कि वह संसार भर की सभी आवाज़ें और सभी दृश्य मुट्ठी में बंद स्मार्टफोन के जरिए प्राप्त कर रहा है। यही सूचना ओवरलोड की स्थिति है। टेक्नोलॉजी को वापिस नहीं किया जा सकता पर सजग रह कर इससे काम लेना चाहिए, इसका गुलाम नहीं बनना चाहिए। सूचना यानि डाटा वर्तमान की दौलत है। एलोन मस्क ने ट्विटर को 42 अरब डॉलर में इसलिए खरीदा कि ट्विटर के पास दुनिया भर के इंसानों का डाटा है जिसे वह बेचकर कमाई कर सकता है। वानप्रस्थ की मीटिंग में संस्था के नवनिर्वाचित प्रधान डॉ सुदामा अग्रवाल व जनरल सेक्रेटरी डॉ जे के डांग का स्वागत भी किया गया। उनके कार्यों की सराहना करते हुए सदस्यों ने उन्हें पूर्ण सहयोग का वादा किया और उनके सफल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर डॉ सत्या सावंत तथा डॉ शाम सुंदर धवन ने गीत पेश किए, जबकि डॉ प्रज्ञा कौशिक ने अपनी एक कविता भी सुनाई। Post navigation कर्नाटक : बहुमत का बुखार भाजपा में राष्ट्रीय हित सर्वोपरि : निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता