खट्टर सरकार का फसलों का एक एक दाना खरीदने का वादा झूठा: डॉ. सुशील गुप्ता
एक एक दाने की खरीद किए जाने तक सरसों की खरीद जारी रखे सरकार: डॉ. सुशाल गुप्ता
अभी तक भी किसानों के खातों में नहीं आई मुआवजे की राशि : डॉ. सुशील गुप्ता

चंडीगढ़, 16 मई – हरियाणा में सरसों की खरीद फिर से शुरू करने को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने मंगलवार को बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार सरसों की खरीद के नाम पर किसानों के साथ भद्दा मजाक कर रही है। पहले 30 अप्रैल को सरसों की खरीद बंद कर दी गई। किसान खरीद शुरू करवाने को लेकर फिर सड़कों पर आ गए। उसके बाद फिर 12 दिन तक खरीद शुरू कर दोबारा सरसों के एक एक दाने को खरीदने की बात कही, लेकिन मंडियों में किसान सरसों की खरीद का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अब भी हालत जस के तस बने हुए हैं। भिवानी, हिसार, रेवाड़ी समेत प्रदेश की कई मंडियों में किसान सरसों की खरीद दोबारा शुरू करवाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। मंडियां ट्रॉलियों से अटी पड़ी हैं, लेकिन खट्टर सरकार का किसानों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं है।

उन्होंने कहा कि बारिश से खराब फसलों का मुआवजा मई का महीना आधा निकल जाने के बाद भी किसानों को नहीं मिला है। पूरे प्रदेश के किसान परेशान हैं। वहीं सरसों की आधी अधूरी खरीद कर बंद कर दी गई है। 72 घंटे में खरीद राशि जारी करने के दावे भी हवा हवाई निकले।उन्होंने खट्टर सरकार से जल्द सरसों की खरीद शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता खट्टर सरकार में त्रस्त हो चुकी है, खट्टर सरकार ने सभी वर्गों को सड़कों पर लाने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ अपने घमंड के नशे में चूर खट्टर सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही और दूसरी तरफ प्रदेश में जनसंवाद कार्यक्रम का ढोंग रचा जा रहा है। जिसमें सीएम खट्टर प्रदेश की जनता और महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री खट्टर बीजेपी सरकार की नाकामी से जुड़े जनता के सवालों से बौखला जाते हैं और सवाल करने वाले पुरुष और महिला को जबरदस्ती चुप करवाने के साथ कार्यक्रम से बाहर करवा देते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री खट्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश के लोगों में रोष है। जहां जहां वे कार्यक्रम करेंगे वहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें आईना दिखाने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि खरीफ फसल का 2022 का बीमा क्लेम अभी बीमित किसानों के खातों में नहीं आया है। जिससे किसानों में रोष बना हुआ है। सितम्बर 2022 को बीमा कम्पनी की ओर से प्रदेश के एक लाख 41 हजार के करीब बीमा आवेदनों को निरस्त कर दिया गया था, जो कि निर्धारित फसल बीमा की गाइड लाइन्स का उल्लंघन है। उन्होंने खट्टर सरकार से फसल बीमा किसानों को जल्द से जल्द बीमा क्लेम भी दिए जाने की मांग की।

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