सरकार राज्य में मोटे अनाज की कास्त और खपत को प्रोत्साहित कर रही है – जेपी दलाल

चंडीगढ़, 14 मई – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि  भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को पोषक अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित किया है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल आज देहरादून में ’श्री अन्न महोत्सव 2023’ के विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।

उनहोने कहा कि जलवायु परिवर्तन, भोजन, पोषण, चारा और आजीविका तथा गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई में बाजरा पोषक – अनाज से अपार संभावनाएं हैं। यह गेहूं और चावल की तुलना में कम कार्बन अपशिष्ट के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करता है।

कृषि मंत्री ने कहा कि आज विश्व जब ’इंटरनेशनल मिलेट इयर’ मना रहा है, तो भारत इस अभियान की अगुवाई कर रहा है। इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार की यह पहल ’श्री अन्न महोत्सव 2023’ सराहनीय एवम् प्रशंसनीय कदम है।

उनहोने कहा कि जब हम फूड सिक्योरटी की बात करते हैं, तो हम जानते हैं कि आज दुनिया दोहरी चुनौतियों से जूझ रही है। एक तरफ दुनिया गरीबों की फूड सिक्योरिटी को लेकर चिंतित है तो दूसरी तरफ फूड हैबिट्स से जुड़ी बीमारियाँ एक बड़ी समस्या बनती जा रही हैं।

उनहोने कहा कि पैदावार के लिए भारी मात्रा में केमिकल इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन श्री अन्न ऐसी हर समस्या का भी समाधान देते हैं। ज्यादातर मिलेट्स को उगाना आसान होता है जैसे इसमें खर्च भी बहुत कम होता है, और दूसरी फसलों की तुलना में ये जल्दी तैयार भी हो जाता है। इनमें पोषण तो ज्यादा होता ही है, साथ ही स्वाद में भी विशिष्ट होते हैं। आज की फिटनेस पसंद युवा पीढ़ी श्री अन्न को प्राथमिकता दे रही है। इनसे लाइफस्टाइल सम्बन्धित बीमारियों को रोकने में बड़ी मदद मिलती है। यानी, पर्सनल हेल्थ से लेकर ग्लोबल हेल्थ तक, हमारी कई समस्याओं के हल श्री अन्न से हम जरूर खोज सकते हैं।

उनहोने बताया कि हरियाणा सरकार राज्य में मोटे अनाजों की कास्त और खपत को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है। मिलेट्स छोटे दानो वाला जिसमें बाजरा, कंगनी, रागी, चीना, कोडों, ज्वार, सवांग, कुटकी, चौलाई, कुटु का एक बड़ा समूह है जो प्रोटीन, फाइबर, प्रमुख विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। बाजरा के संभावित स्वास्थ्य लाभों में हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करना, मधुमेह की शुरुआत को रोकना, लोगों को स्वस्थ वजन हासिल करने और बनाए रखने में मदद करना आदि शामिल है। बाजरा एक अनुकूलनीय अनाज है।

कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार 2018-19 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्य में पोषक – अनाज (बाजरा) को बढ़ावा दे रही है। पोषक – अनाज (बाजरा) हरियाणा में लगभग 10 लाख एकड़ से 12 लाख एकड़ के क्षेत्र में उगाया जाता है, जिसकी अनुमानित उपज 800 किलोग्राम / एकड तथा उत्पादन 12 लाख मीट्रिक टन होता है और अब लोगों ने इसके अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभों के कारण इसे अपने आहार में शामिल करना शुरू कर दिया है।

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