बिना मुंडन के किसी भी नेता की स्टेज पर नो एंट्री – जयहिंद

बंटी शर्मा

रोहतक — 13 मई शनिवार को नवीन जयहिन्द ने रोहतक में 21 मई रविवार को पहरावर की जमीन पर मनाए जाने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव की तैयारी को लेकर एक मीटिंग की जिसमे प्रदेश के हर जिले से सैकड़ो लोग पहुंचे।

जयहिन्द ने बताया कि 21 मई रविवार को पहरावर की जमीन पर ही भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा और दो हेलीकॉप्टरो से फूलों की वर्षा करवाई जाएगी। जिसमे सभी 36 बिरादरी के न्यौता है और 104 वर्षीय दादा दुलीचंद महामुख्यतिथि रहेंगे और जिन्होंने मुंडन करवा रखा है वे मुख्यतिथि है, बाकी सब विशिष्ट अतिथि रहेंगे व अगर कोई नेता जन्मोत्सव में आना चाहता है तो वह भी मुंडन करवाकर आए।

जयहिन्द ने कहा कि मन्दिर निर्माण के लिए सभी साथी 1-1 ईंट लेकर 21 मई को पहरावर पहुंचे क्योंकि वहां पहले बनेगा भगवान परशुराम मन्दिर ओर फिर बनेगा शिक्षा का मन्दिर। जमीन वापसी का श्रेय सिर्फ और सिर्फ उन फरसाधारियों, मुंडनधारियों और 36 बिरादरी के भाईचारे को है जो पिछले साल पहरावर फरसे लेकर पहुंचे थे।

जयहिन्द ने बताया कि जब 23 अप्रैल रविवार को पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाने था तो सरकार व मुख़्यमंत्री कंस मामा ने कोर्ट का सहारा लेकर उसे रूकवा दिया था तो हमने मुंडन करवाया और पूरे हरियाणा में युवाओ ने मुंडन करवाकर सरकार व मुख़्यमंत्री के खिलाफ विरोध जताया। जिसके बाद हम हरिद्वार भगवान भोलेनाथ गंगा माँ के पास और भगवान परशुराम मन्दिर, माँ रेणुका धाम सिरमौर (हिमाचल) गए। साथ ही जयहिन्द ने कहा मुख़्यमंत्री को अपने इस पाप के लिए 21 बार माफी मांगनी पड़ेगी।

काफी लोग पहरावर की जमीन वापिस देने को लेकर मुख़्यमंत्री को बधाईयां दे रहे है इस पर जयहिन्द ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह जमीन हमे दी नही गयी बल्कि हमने ली है । जैसा कि आप सभी जाने है कि पहरावर की जमीन पिछले 14 सालों से 2 सरकारो ने बंधक बनाकर रखी हुई थी और पिछले साल इस जमीन के लिए जो लड़ाई लड़ी गयी थी ओर तभी हजारो फरसाधारियों ने 36 बिरादरी के साथ मिलकर फरसे के दम पर उसे लिया था, ओर सरकार का कब्जा छुड़वाया था। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मैं जमीन वापिस देने को लेकर मुख़्यमंत्री का कोई धन्यवाद नही करता, हाँ अगर मुख़्यमंत्री वहां संस्था के लिए 100 करोड़ रुपये दान देकर जाए तो वे धन्यवाद के पात्र है।

जैसा कि सरकार के लोगो ने कुछ दिन पहले बताया कि उस जमीन पर स्कूल, हॉस्पिटल बनना था। इस पर जयहिन्द ने जवाब देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि वहां स्कूल, हॉस्पिटल बनेगा लेकिन पहरावर की जमीन पर पहली ईंट भगवान परशुराम के मन्दिर की लगेगी। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि जब पिछली 23 अप्रैल को भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर रोक लगाई गई थी उस समय इन सब लोगो की जीभ को लकवा मार गया था, उस समय इस मामले पर कोई कुछ नही बोला, ओर अब मुख़्यमंत्री जी को वही लोग धन्यवाद कर रहे है।

जयहिन्द ने बताया कि पहरावर की जमीन हमने हाथ जोड़कर नही बल्कि सरकार के हाथ तोड़ कर ले रखी है। वह हमारे मान-सम्मान, ईज्जत और स्वाभिमान की लड़ाई थी। जो मुख़्यमंत्री कंस मामा ब्राह्मणों को कमजोर समझ रहा था वो 21 मई रविवार को पहरावर आकर देख ले कि ब्राह्मण बोद्दा है या योद्धा है।

बिना मुंडन के किसी भी नेता की स्टेज पर नो एंट्री

जयहिन्द ने बताया कि अगर कोई किसी भी पार्टी का नेता 21 मई को पहरावर की जमीन पर मनाए जाने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव में स्टेज पर आना चाहता है तो मुंडन करवाकर ही आ सकते है, बिना मुंडन के उनकी स्टेज पर नो एंट्री होगी। इसके लिए वहां जन्मोत्सव में पहरावर के ग्रामवासियों द्वारा 50 हेयर ड्रेसरो का प्रबंध किया गया है।

जन्मोत्सव के जश्न की तैयारी, आ रहें है मुंडनधारी – जयहिंद

नवीन जयहिंद ने कहा कि भगवान परशुराम जन्मोत्सव के जश्न की तैयारी की जा रही है और मुंडनधारी और फरसाधारी इस जश्न में शामिल होंगे।

36 बिरादरी का भाईचारा ग्रहण करेगा भगवान परशुराम का देशी घी का प्रसाद दिया जाएगा

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