नवजात, महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए हरियाणा को मिलेगा स्काॅच अवार्ड

महिला एवं बाल विकास विभाग की मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना का स्काॅच गोल्ड अवार्ड के लिए हुआ चयन

राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन को दिया श्रेय व विभाग को दी बधाई

चंडीगढ , 5 मई –  छह माह से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण व स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, हरियाणा द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना को स्काॅच गोल्ड अवार्ड के लिए चुना गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दूरदर्शी विजन को इसका श्रेय एवं विभाग की मुख्यालय से लेकर आंगनवाडी स्तर पर कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों को इसके लिए बधाई दी है।

आज यहां जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं, बच्चों में कुपोषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोरोना काल में 5 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना शुरू की गई थी। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर चिन्हित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं में विटामिन ए व डी 3 की कमी को दूर करने के मकसद से स्किम्ड दूध को साल में 300 दिन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया था। विभाग के मुख्यालय व जिला स्तर की अधिकारियों की निगरानी व आंगनवाडी केंद्र पर कार्यरत कार्यकर्ता, सहायिकाओं के सहयोग से निरंतर लाभार्थियों के स्वास्थ्य, विशेषकर उनकी पोषण स्थिति में सकारात्मक सुधार देखने को मिला।

राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि प्रदेश में 6 माह से 6 साल तक के 9 लाख 23 हजार बच्चों, 2 लाख 88 हजार गर्भवती महिलाएं व दूध पिलाने वाली माताओं को सप्ताह में छह दिन गुलाब, इलायची, चॉकलेट, वनीला, बटरस्काॅच व सादा दूध स्वाद में दूध उपलब्ध करवाया गया है। इस दूध के माध्यम से लाभार्थियों को प्रोटीन, कैलोरी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 12, विटामिन ए व डी 3 की प्रचुर मात्रा मिली है, जिसके कारण प्रदेश में पोषण के नजरिए से सामान्य श्रेणी के बच्चों की संख्या में 3.67 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जबकि मध्यम रूप से कम वजन वाले बच्चों में 3.66 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि स्काॅच संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक, प्रशासनिक दृष्टि से नवोन्मेषी प्रयासों के माध्यम से बदलाव लाने के प्रयासों को प्रोत्साहन देती है और पूर्व में भी हरियाणा प्रदेश के विभिन्न विभागों को नवोन्मेषी प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है।

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