दिल्ली, (जंतर मंतर), 4 मई। कल देर रात दिल्ली पुलिस के रौद्र रूप और आक्रामक रवैये से सकते में आये धरनारत खिलाड़ियों ने रात की घटना के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले 2-3 दिनों से दिल्ली में बारिश हो रही थी और कल पूरे दिन हुई बारिश से धरनास्थल पर रखे गद्दे, तिरपाल सब कुछ भीग गये। इसके बाद खिलाड़ियों ने सोने के लिये बाहर से तख्त मंगवाये तो पुलिस ने उन्हें उतारने नहीं दिया। कारण पूछने पर कुछ पुलिसकर्मी, जिन्होंने शराब पी रखी थी, गाली देना और धक्का-मुक्की करना शुरु कर दिया। इसके चलते धरने में शामिल 2 लोगों के सिर फूट गये और एक की गर्दन में काफी चोट आयी। पूरी रात चले हंगामे के चलते वे सो तक नहीं पाये। इस पुलिसिया तांडव को पूरे देश ने देखा। जिसके बाद सुबह से ही हर तरफ से लोगों का सैलाब जंतर-मंतर की तरफ चल पड़ा। लेकिन पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं को सील कर लोगों को आने से रोक रही है। बार्डर पर जगह-जगह बैरकेडिंग कर गाड़ियां रोकी जा रही है। बावजूद इसके लगातार लोग विभिन्न साधनों से जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं। कल रात हुई इस घटना के बाद आज करीब 10 हजार लोग खिलाड़ियों के समर्थन में जंतर-मंतर पर पहुंच चुके हैं। खिलाड़ियों ने बताया कि पूरा देश अपनी बेटियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ एकजुट खड़ा है। उन्हें पूरा भरोसा है कि खिलाड़ियों को न्याय जरुर मिलेगा। दिल्ली पुलिस आरोपी पर कार्रवाई करने की बजाय पीड़ितों पर ही जुल्म ढा रही है। लेकिन सरकार अच्छी तरह समझ ले कि हम खिलाड़ी हैं किसी जोर-जबरदस्ती, दबाव में पीछे नहीं हटेंगे। इंसाफ लेकर रहेंगे।  

आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए खिलाड़ियों के प्रतिनिधि ने बताया कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। अब तक जो एफआईआर दर्ज हुई वो न्यायालय के आदेश पर ही दर्ज हो पायी है इसलिये सरकार और पूरा सरकारी तंत्र बाहुबली आरोपी को बचाने की लाख कोशिश कर ले, बेटियों को न्याय मिलकर रहेगा। 

धरनारत खिलाड़ियों ने एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि ये बेटियां देश का गौरव हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जब मेडल लेकर आयी थीं और देश का तिरंगा पोडियम पर लहराया था तब भी इनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन वो खुशी के आंसू थे। आज जंतर-मंतर पर न्याय की गुहार लगा रही इन बेटियों की आंखों में दर्द के आंसू हैं। प्रधानमंत्री जी बेटियां इंसाफ मांग रही हैं और अपना सब कुछ दांव पर लगाकर आने वाली पीढ़ी को अन्याय व शोषण से बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं। उनके साथ इंसाफ कीजिए।

खिलाड़ियों ने बताया कि कुश्ती संघ का अध्यक्ष और आरोपी बृजभूषण शरण सिंह सत्ता के घमंड में अपने आपको भगवान् समझने लगा है। 2014 में जब एक खिलाड़ी सुमन कुंडू ने आवाज उठायी तो उसका कैरियर खराब कर दिया। अगर आज बेटियों की आबरु को बचाया नहीं गया तो आने वाले समय में बच्चों के माता-पिता खास तौर से अपनी बेटियों को खेल की तरफ प्रोत्साहित करने से हिचकेंगे। 

खिलाड़ियों के समर्थन में आज विभिन्न खाप पंचायतें, विभिन्न सामाजिक संगठन, महिला संगठन, किसान संगठन व उनके नेता, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, विधायक गीता भुक्कल, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल, बड़ी संख्या में किसान, मजदूर, युवाओं ने जंतर मंतर पहुंच कर एकजुटता दिखायी और न्याय की इस लड़ाई में साथ देने का भरोसा दिलाया।

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