विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा औचक निरीक्षण के बाद पुलिस ने की कार्रवाई।
एनडीपीएस की धारा 22, 32 और भादंस की धारा 420, 465, 468 के तहत केस दर्ज।
विधान सभा अध्यक्ष ने प्रशासन को दिए थे सख्ती बरतने के निर्देश।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पंचकूला, 4 मई : पिंजौर के गांव मड़ावाला में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र के नाम पर अवैध धंधा करने वाले आरोपित डॉ. विनीत यादव के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के बाद की है। विस अध्यक्ष द्वारा बुधवार को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ किए गए निरीक्षण के दौरान अनेक चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आई थीं।

पुलिस ने आरोपित डॉ. विनीत यादव के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 22, 32 और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 468 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच उप-निरीक्षक रवि प्रकाश को सौंपी गई है। आरोपित के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वे काफी सख्त मानी जाती हैं।

पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में लिखा गया है कि बधुवार को पिंजौर के मड़ावाला गांव स्थित नशा मुक्ति एवं मनोरोगी अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पंचकूला की एडीसी वर्षा खनगवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुक्ता कुमार, उप-चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्नेह सिंह, मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. एमपी शर्मा, पीएसडब्ल्यू अंकिता, खाद्य एवं औषधि प्रशासन में औषधि नियंत्रण अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार पहुंचे। जांच के बाद रात करीब 10:30 बजे उप-चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. स्नेह सिंह ने लिखित में अपनी जांच पुलिस को सौंपी। इस शिकायत में उन्होंने बताया कि डॉ. विनीत यादव द्वारा संचालित नशा मुक्ति केंद्र का लाइसेंस 11 सितंबर 2022 को समाप्त हो चुका है। जांच टीम को मौके पर नशा मुक्ति केंद्र के स्टाफ सदस्य अनिता, अमृता, कल्पना, भागवती, पूनम, जसमीत, नरेंद्र व मरीज संजीव कुमार मिले। यहां रोगियों को देने के लिए बुप्रेनॉर्फिन नाम की दवा भी मिली जो एनडीपीएस एक्ट के तहत नशीली दवाओं की श्रेणी में आती है।

जांच टीम ने यहां दर्ज रोगियों से फोन पर बात की। इनमें रोगी परगट सिंह, भाग सिंह, परमजीत सिंह, राकेश शर्मा, करम सिंह, शिवम शर्मा, गुरदर्शन सिंह, सिकंदर अली, पृथ्वी, दलजीत के नंबरों पर फोन मिलाया गया। अधिकतर ने मड़ावाला नशामुक्ति केंद्र में अपने इलाज के बारे में जानकारी होने से इनकार किया।

ओपीडी रिकॉर्ड में दर्ज मरीजों ने बताया कि वे 3 मई 2023 को इस नशामुक्ति केंद्र में नहीं आए। कुछ रोगियों ने दावा किया कि उनके द्वारा ली गई खुराक ओपीडी फाइलों में निर्धारित खुराक से काफी कम थी। निरीक्षण के दौरान बुप्रेनॉर्फिन दवा की रिकॉर्ड में दर्शाई गई खुराक और मरीजों दी गई खुराक में काफी अंतर था। राम सिंह, अब्दुल, प्रिंस मसीह, संजीव कुमार और मुकेश नामक पांच व्यक्तियों ने खुलासा किया कि वे हर महीने की पहली तारीख को आकर दवा की तीन स्ट्रिप खरीदते हैं। उस समय ओपीडी में मौजूद मरीज के बयान के अनुसार वार्ड अटेंडेंट जसमीत, नरिंदर द्वारा उन्हें बुप्रेनॉर्फिन दी जा रही थी। केंद्र के प्रभारी चिकित्सक के साथ व्यक्तिगत परामर्श के बिना भी उपचार के दौरान दवाएं सीधे डिस्पेंसिंग काउंटर से वितरित की जा रही थीं। यह भी देखा गया कि दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र पर कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था और न हीं स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षित किया गया था। वहीं केंद्र के संचालक डॉ. विनीत यादव ने बताया कि जनवरी 2023 से आज तक कोई भी रोगी इनडोर दाखिल नहीं किया गया। केंद्र पर मौजूद एक मरीज मूलखराज ने बताया कि उन्हें 3 मई को ब्यूप्रेनॉर्फिन दी गई, हालांकि केंद्र में उपलब्ध किसी भी रजिस्टर में उक्त रोगी का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। टीम द्वारा 33 रोगियों की फाइलें डॉ. विनीत यादव से सत्यापित करवाई। इस दौरान टीम ने डॉ. विनीत यादव, स्टाफ नर्स अनीता, अमृता, भागवत कल्पना के हस्तलिखित बयान भी लिए।

डॉ. स्नेह सिंह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने स्पेशल रिपोर्ट तैयार की। देर रात इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपित डॉ. विनीत यादव को गिरफ्तार कर लिया।

विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि कुछ मुनाफाखोरों ने नशा मुक्ति केंद्रों की आड़ में गलत धंधे अपना लिए हैं। ये केंद्र नशा मुक्ति की आड़ में युवाओं को नशे की दलदल में धकेल रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचकूला में इस प्रकार के धंधों को किसी भी कीमत नहीं पनपने दिया जाएगा।

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