गड़बड़ी की शिकायत तहसीलदार या एसडीएम को दें किसान

असली मालिक को ही दिया जाएगा मुआवजा

चंडीगढ़ , 3 मई – हरियाणा सरकार किसानों के हितों के प्रति वचनबद्ध है और हर दुःख -तकलीफ़ में उनके साथ खड़ी है। पिछले दिनों जिन किसानों की फसलों को बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ था, सरकार द्वारा उस की क्षतिपूर्ति की जाएगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उक्त नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए स्वयं किसानों द्वारा अपने नुकसान का ब्यौरा दर्ज करवाने का विकल्प भी दिया था। उन्होंने बताया कि कुछ किसानों ने शिकायत की है कि जब वे अपनी फसलों के ख़राबा का ब्यौरा ऑनलाइन-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाने गए तो पता चला कि उनकी जमीन के मालिक के तौर पर बैंक खाता नंबर तथा मोबाइल नंबर किसी अन्य व्यक्ति ने दर्ज करवा रखे हैं जो कि सरासर धोखाधड़ी है। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे मामले अधिकतर उन किसानों के सामने आते हैं जो कम पढ़े -लिखे हैं।

प्रवक्ता ने प्रदेश के किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि सभी किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने -अपने बैंक खाता व मोबाइल नंबर की जाँच कर लें , अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो वे तुरंत प्रभाव से अपने क्षेत्र के तहसीलदार या एसडीएम को दे दें ताकि उसको दुरुस्त किया जा सके।  

उन्होंने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच करने पर पाया कि जिला दादरी के गांव दातौली निवासी दयानंद पुत्र मानसिंह ,गांव चांगरोड में अशोक कुमार पुत्र रतनसिंह ,शेरसिंह पुत्र शिवलाल , सुमेरसिंह पुत्र मनीराम, सुक्रमपाल पुत्र करतार सिंह, निहाल सिंह पुत्र लालसिंह ,भगवाना पुत्र रामस्वरूप ,भूपसिंह पुत्र लालमन , औमप्रकाश पुत्र छैलूराम, राधेश्याम पुत्र बदलूराम की जमीन किसी अन्य व्यक्ति के नाम चढ़ी हुई है।

संभावना जताई जा रही है कि ऐसे मामले प्रदेश के अन्य गांवों में हो सकते है। जिसके  चलते खराबे का मुआवजा सम्बन्धित किसान को मिलने में परेशानी हो सकती है। इन्ही गड़बड़ी की शिकायतों को देखते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने -अपने जिला में किसानों को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर बैंक खातों और मोबाइल नंबर की जांच करने की एडवाइजरी जारी करें ताकि पीड़ित किसानों के साथ धोखाधड़ी भी न हो , और नुकसान की प्रतिपूर्ति राशि जमीन के असली मालिक को मिल सके। राज्य सरकार ने सभी तहसीलदारों और उपमंडल अधिकारियों को किसानों की शिकायतों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए हैं।

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