पानी की क्षमता 5528 क्यूसेक से बढ़कर 7280 क्यूसेक होगी

चंडीगढ़, 20 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रदेश में उपलब्ध नहरी पानी का उपयोग सिंचाई व पेयजल की जरूरतें पूरी करने के लिए प्रदेश सरकार ने 20 वर्ष से अधिक पुरानी नहरों व रजबाहों के जीर्णोधार का कार्य करने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में दिल्ली पैरलल नहर के विस्तारीकरण और जीर्णोधार का कार्य किया जायेगा।

मुख्यमंत्री आज पानीपत जिले के सिंगपुरा गांव में दिल्ली पैरलल नहर के विस्तारीकरण और जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास करने उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। यह कार्य करनाल जिले के मुनक हैड से शुरू होकर सोनीपत जिले के खुबडु हैड तक किया जाएगा और इस पर 304 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जिससे पानीपत जिले के इसराना, पानीपत ग्रामीण व समालखा क्षेत्र के किसानों सहित दक्षिण हरियाणा के किसानों को लाभ मिलेगा। नहर की क्षमता 5528 क्यूसेक से बढ़कर 7280 क्यूसेक हो जाएगी और दिल्ली सहित दक्षिण हरियाणा की नहरों में पानी की पहुँच बढ़ेगी। कार्य पूरा होने के बाद नहर की चौड़ाई 85 फीट से बढ़कर 98 फीट और गहराई 11.5 फीट से बढ़कर 13.5 फीट हो जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नहरी पानी का और अधिक मात्रा में फायदा मिले, इसी कड़ी में दिल्ली पैरलल नहर के विस्तारीकरण और जीर्णोद्धार का कार्य करना अति आवश्यक था। मुख्यमंत्री ने कहा कि करनाल, पानीपत, सोनीपत सहित दक्षिण हरियाणा के लोगों की काफी समय से यह मांग थी कि दिल्ली पैरलल नहर में पानी की क्षमता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 80 लाख एकड़ भूमि कृषि योग्य है। नहरों के अलावा प्रदेश में ट्यूबवेलों के माध्यम से भी सिंचाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पानी के समुचित प्रबंधन से अब निचले इलाकों में भी पानी पहुँचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हथनी कुंड से लेकर गुरुग्राम तक के क्षेत्र को पीने के पानी की समुचित सप्लाई के लिए यह योजना कारगर साबित होगी।

इस अवसर पर पानीपत शहर के विधायक प्रमोद विज, पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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