पायलट स्टडी के तौर पर जापान की कम्पनी डाईकी एक्सिस के साथ ट्रेनिंग प्रोग्राम सम्पन्न। चार विद्यार्थियों का किया जापानी कंपनी ने चयन, आने वाले समय में शुरू होंगे शॉर्ट टर्म प्रोग्राम। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जापान के साथ मिल कर जल शोधन की जोकासो तकनीक को देश भर में प्रसारित करेगा। यह दुनिया में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में अपनाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय तकनीक है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने जापानी कंपनी डाईकी एक्सिस के साथ मिल कर यह तकनीक विद्यार्थियों को सिखाने के लिए पायलट स्टडी के तौर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। इस साप्ताहिक प्रोग्राम के समापन पर डाईकी एक्सिस ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के चार विद्यार्थियों को चयनित करने की घोषणा की। कुलपति श्री राज नेहरू ने निकट भविष्य में शॉर्ट टर्म प्रोग्राम चला कर बड़े पैमाने पर विद्यार्थियों को जोकासो तकनीक में प्रशिक्षित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मानव जाति के सामने स्वच्छ जल का बहुत बड़ा संकट है। बढ़ती आबादी जल का अथाह उपभोग कर रही है, लेकिन उस जल के पुन: प्रयोग को लेकर उस अनुपात में प्रयास नहीं हो रहे। जापान की जोकासो तकनीक इसका बहुत उपयोगी विकल्प है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जापान की नामी कंपनी डाईकी के साथ मिल कर इस तकनीक का प्रसार करेगी। इसके लिए कैंपस में शॉर्ट टर्म प्रोग्राम चलाए जाएंगे। इस पहल के लिए कुलपति श्री राज नेहरू ने डाईकी के प्रबंध निदेशक रियो वाजा और प्रशिक्षक कदोया का आभार ज्ञापित किया। कुलपति श्री राज नेहरू ने जापानी मेहमानों के सामने जोकासो तकनीक के प्रचार से लेकर अन्य जागरूकता कार्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय परिसर के सदुपयोग की पेशकश की। रियो वाजा ने इस मौके पर कहा कि जोकासो तकनीक पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिल कर डाईकी इस तकनीक को प्रसारित करेगा, ताकि पानी को बचाया जा सके और उसका पुन: प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह तकनीक भारत के स्वच्छता अभियान और जल जीवन मिशन से भी मेल खाती है। कुलपति श्री राज नेहरू ने रियो वाजा, डाईकी के प्रशिक्षक कदोया और हिकारी को सम्मानित किया। इससे पूर्व डीन प्रो. सुरेश कुमार ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और उन्हें अंग वस्त्र भेंट किए। डाईकी की ओर से आए अधिकारी कमल तिवारी और केसी पांडे को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सहायक प्रोफेसर भावना रूपराई ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, डॉ. दीपिका, डिप्टी ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदोरिया और ओएसडी संजीव तायल भी मौजूद थे। Post navigation नेतृत्व विकास से ही क्षमताओं का विकास संभव : नेहरू मुख्यमंत्री ने पलवल जिला में बागपुर गांव में किया जनसंवाद