पूर्व सीपीएस कार्यकर्ताओं के साथ बाहर निकले विधायक भारत सारथीभिवानी। शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व सीपीएस व महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह ने इसी मुद्दे को लेकर भिवानी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में एक पत्रकार वार्ता के लिए पत्रकारों को न्यौता भेजा था। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के मामले में भिवानी पहुंचे महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह को लोक निर्माण विश्राम गृह में कर्मचारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति नहीं दी। जब विधायक सरकारी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में पहुंचे तो उन्हें वहां पर पत्रकार वार्ता करने से मना कर दिया गया। जिसके बाद वे पैदल ही वहां चलकर एक निजी रेस्तरां में अपनी बात रखने के लिए पहुंचे। राव दान सिंह ने कहा है कि सत्ता आती-जाती लेती है ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए । लेकिन इस बात को वह ज्यादा बड़ा नहीं मानते। राव दान सिंह ने कहा कि देश में भाजपा ने तानाशाही का रवैया अपनाया हुआ है। केवल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द करने के लिए उन्हें अधिकत्तम दो वर्ष की मानहानि के मामले में सजा दी गई है। यह लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास है। इससे पूर्व भी विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपने प्रतिपक्ष दल के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी, परन्तु इस प्रकार से मानहानि का दावा करने का कार्य लोकतंत्र को खत्म करने का कदम है। इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी अपना सख्त विरोध जताती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के परिवार में देश के लिए समय-समय पर बलिदान दिए है। पहले एक साजिश के तहत उन्हे मानहानि के मामले में उन्हे लोकसभा की सदस्यता से डिसक्वालीफाई किया गया, उसके बाद उनसे सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया। यह सब लोकतंत्र की जड़े खोदने का कार्य है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता मुरली मनोहर जोश, पूर्व प्रधानमंत्री एलके आडवानी सहित विभिन्न नेता अब भी सरकारी आवास लिए हुए है, जबकि राहुल गांधी से सदस्यता खत्म होते ही निवास खाली करवाने के आदेश दिए गए। यह सब तानाशाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं के खिलाफ इस प्रकार से कार्रवाई करना भारत के लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास है। कांग्रेस इस प्रकार की कार्रवाई का डटकर विरोध करेगी तथा लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए जनता के बीच जाकर उन्हे जागरूक करने का कार्य करेगी। गौरतलब है कि भिवानी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में पूर्व संसदीय सचिव राहुल गांधी मामले में प्रेस कांफ्रेस करने से अधिकारियों द्वारा इसीलिए रोका गया कि वहां दो अप्रैल को मुख्यमंत्री को पहुंचना है, इसीलिए वहां पर रेनावेशन का कार्य चल रहा है। जब पूर्व संसदीय सचिव को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में पत्रकार वार्ता आयोजित नहीं करने दी तो वे अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ सरकारी रेस्ट हाऊस के नजदीक एक नीजि रेस्तरां में पहुंच गए तथा पत्रकारों को भी वहीं पहुंचकर बात रखने की अपील की। Post navigation समाज के ताने बाने से खिलवाड़ करती ‘हेट स्पीच’ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बड़ी घोषणा