मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, एचएसवीपी की सभी संपत्तियों के लिए अलग डैशबोर्ड किया जाए तैयार

वित्त वर्ष 2023-24 में प्राधिकरण को लगभग 14719 करोड़ रुपये की प्राप्तियां होने का अनुमान

चंडीगढ़, 27 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एचएसवीपी की सभी संपत्तियों के लिए एक अलग डैशबोर्ड तैयार किया जाए, जिस पर संपत्ति का स्थान, मालिक का नाम इत्यादि सभी जानकारियां दर्ज हों। उन्होंने सभी संपत्तियों के दस्तावेजों सहित प्राधिकरण का संपूर्ण रिकॉर्ड डिजिटल करने के भी निर्देश दिए।

 मुख्यमंत्री, जो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अध्यक्ष भी हैं, आज यहां प्राधिकरण की 125वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

 बैठक में फरीदाबाद के सेक्टर-18 ए में फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्राधिकरण की लगभग 4 हजार वर्ग मीटर जमीन पर बनाये जा रहे बहुमंजिला कार पार्किंग और वाणिज्यिक परिसर के निर्माण को भी घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन के बदले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण इतनी ही जमीन नगर निगम, फरीदाबाद या फरीदाबाद स्मार्ट सिटी से हस्तांतरित करवाये।

बैठक में सेक्टर-9, पंचकूला की रेहड़ी मार्केट में पिछले दिनों हुई आग लगने की घटना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्राधिकरण द्वारा दुकानदारों को बड़ी राहत देते हुए रेहड़ी मार्केट के स्थान पर अंत्योदय मार्केट का निर्माण किया जा रहा है और 131 दुकानदारों को मालिकाना हक के आवंटन लेटर जारी करने को भी घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा, पंचकूला के सेक्टर, 7, 11 व 17 में भी रेहड़ी मार्केट के स्थान पर अंत्योदय मार्केट के रूप में पक्की दुकानें बनाई जाएंगी।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन-जिन शहरों में रेहड़ी मार्केट चल रही है, वहां पर पक्की दुकानें बनाई जाएं। इस पर प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्राधिकरण का गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा करनाल में भी रेहड़ी मार्केट के स्थान पर अंत्योदय मार्केट बनाने का प्रस्ताव है।

श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन-जिन शहरों में प्राधिकरण की जमीन या अन्य विभागों की जमीनों पर भवन या कोई अन्य प्रकार का निर्माण किया हुआ है और उन पर किसी भी प्रकार की गतिविधियां संचालित हैं, ऐसी जमीनों की सूची बनाने के लिए एक कमेटी गठित की जाए।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि पंचकूला में एमएलए, कर्मचारियों, पत्रकारों और वकीलों के लिए को ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाने की स्कीम की तर्ज पर पूर्व विधायकों को भी के लिए भी को ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाने की मंजूरी दी जा सकती है।

बैठक में बताया गया कि संपत्तियों की ई-नीलामी प्रक्रिया में लिए गए प्लॉट के जिन बोलीदाताओं ने पूरे पैसे नहीं दिए और उनका प्लॉट 3 दिसंबर, 2022 की तिथि तक कैंसल हो गया था, ऐसे बोलीदाताओं को अपने बकाया पैसे का भुगतान 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ करने का मौका दिया गया था। ऐसे 374 बोलीदाता थे, जिन्हें 14 मार्च, 2023 तक बकाया राशि का भुगतान करने का मौका दिया गया था। इनमें से अब 162 बोलीदाता रह गए, जिनके वर्तमान में प्लॉट कैंसल हैं, लेकिन इन बोलीदाताओं की ओर से प्राधिकरण को 116 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। आज की बैठक में इन 162 बोलीदाताओं को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए 30 दिनों के लिए एक आखिरी मौका देने का निर्णय लिया गया, बशर्ते की बोलीदाता ने प्लॉट की कीमत का 75 प्रतिशत का भुगतान कर रखा हो।

 *वित्त वर्ष 2023-24 में प्राधिकरण को लगभग 14719 करोड़ रुपये की प्राप्तियां होने का अनुमान*

बैठक में बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्राधिकरण की नॉन ईडीसी से लगभग 14719 करोड़ रुपये की प्राप्तियां होने का अनुमान है। वर्ष 2023-24 में ई-ऑक्शन के माध्यम से लगभग 3 हजार करोड़ रुपये की प्राप्तियां आवासीय संपत्तियों तथा 2080 करोड़ रुपये की प्राप्तियां वाणिज्यिक संपत्तियों से प्राप्त होने का अनुमान है। प्राधिकरण की पुरानी संपत्तियों से भी लगभग 8326 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।

बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण के पास 5418 आवासीय, 2688 वाणिज्यिक तथा 230 इंस्टीट्यूशनल संपत्तियां हैं, जिनमें से ई-ऑक्‍शन के माध्यम से 4804 आवासीय, 2305 वाणिज्यिक तथा 205 इंस्टीट्यूशनल संपत्तियों की बिक्री की जा चुकी है।

बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा 9 मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई है, जिसकी आज की बैठक में घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के महानिदेशक श्री टीएल सत्यप्रकाश, एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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